
भारत ने एयर डिफेंस कवच को और मजबूत किया, अहम परीक्षण सफल
उड़ान परीक्षण के दौरान तीन अलग-अलग लक्ष्यों को एक साथ QRSAM, VSHORADS और हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम से मार गिराया गया।
भारत ने एक नया एकीकृत वायु रक्षा प्रणाली (Integrated Air Defence Weapon System – IADWS) का सफल परीक्षण किया है। इसमें अलग-अलग हथियार शामिल हैं, जिनकी मदद से ओडिशा तट पर अलग-अलग ऊंचाइयों और दूरी पर स्थित तीन लक्ष्यों को मार गिराया गया। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को इसकी जानकारी दी।
डीआरडीओ (DRDO) ने पहली बार किया इस एकीकृत वायु रक्षा हथियार प्रणाली का उड़ान परीक्षण किया।
यह सफलता ऐसे समय आई है जब कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठानों को हवाई हमलों से बचाने के लिए एक शक्तिशाली सैन्य क्षमता विकसित करने की घोषणा की थी। उन्होंने "मिशन सुदर्शन चक्र" के तहत 10 साल के भीतर देश में ही निर्मित एक एयर डिफेंस शील्ड को आक्रामक हथियारों के साथ एकीकृत करने का लक्ष्य तय किया था।
शनिवार को हुआ यह पहला परीक्षण इस बड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का हिस्सा माना जा रहा है, जिसकी घोषणा प्रधानमंत्री ने की थी।
IADWS की ताकत
यह बहु-स्तरीय वायु रक्षा प्रणाली है, जिसमें शामिल हैं:
क्विक रिएक्शन सरफेस-टू-एयर मिसाइल (QRSAM)
वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम (VSHORADS)
लेजर आधारित डायरेक्टेड एनर्जी वेपन
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, उड़ान परीक्षण के दौरान तीन अलग-अलग लक्ष्यों को, जिनमें दो हाई-स्पीड फिक्स्ड-विंग UAV और एक मल्टीकॉप्टर ड्रोन शामिल थे, एक साथ QRSAM, VSHORADS और हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम से मार गिराया गया।
सिस्टम के सभी घटक जैसे मिसाइलें, ड्रोन पहचान और विनाश प्रणाली, कमांड एंड कंट्रोल, संचार और राडार पूरी तरह सटीक तरीके से काम करते रहे। इसका डेटा चांदिपुर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के उपकरणों ने रिकॉर्ड किया।
भारत की लेजर तकनीक
अप्रैल में भारत ने स्वदेशी लेजर हथियार का परीक्षण किया था, जिसमें लंबी दूरी पर फिक्स्ड-विंग ड्रोन, स्वार्म ड्रोन और निगरानी उपकरणों को नष्ट करने की क्षमता दिखाई गई। इस तकनीक में अब तक अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, जर्मनी और इज़राइल जैसे कुछ ही देशों ने महारत हासिल की है।
IADWS का संचालन डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट लेबोरेटरी, हैदराबाद द्वारा विकसित केंद्रीयकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से किया जाता है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा,“यह अनोखा उड़ान परीक्षण हमारे देश की बहु-स्तरीय वायु रक्षा क्षमता को सिद्ध करता है और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को दुश्मन के हवाई खतरों से बचाने में इसे और सशक्त बनाएगा।”
मोदी का "मिशन सुदर्शन चक्र"
मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर मिशन सुदर्शन चक्र की घोषणा करते हुए कहा था कि यह सिर्फ दुश्मन के हमलों को निष्क्रिय नहीं करेगा बल्कि जबरदस्त पलटवार भी करेगा।
उन्होंने कहा,“अगले 10 वर्षों में, यानी 2035 तक, मैं इस राष्ट्रीय सुरक्षा कवच को विस्तार देना, मजबूत करना और आधुनिक बनाना चाहता हूँ। भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा लेकर हमने सुदर्शन चक्र का मार्ग चुना है।”
ऑपरेशन सिंदूर में "आकाशतीर" की भूमिका
हाल ही में "ऑपरेशन सिंदूर" के दौरान स्वदेशी विकसित एयर डिफेंस कंट्रोल एंड रिपोर्टिंग सिस्टम- आकाशतीर भारतीय वायु रक्षा ग्रिड का केंद्रबिंदु बन गया।
भारत ने 7 मई की सुबह यह ऑपरेशन शुरू किया और पाकिस्तान व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। 10 मई की शाम सीजफायर से पहले भारतीय बलों ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी शिविरों को ध्वस्त किया, जिसमें कम से कम 100 आतंकी मारे गए। साथ ही पाकिस्तान के 13 एयरबेस और सैन्य प्रतिष्ठानों को भी निशाना बनाया गया।
इस दौरान पाकिस्तान की ओर से कई हवाई हमलों की कोशिशें की गईं, लेकिन "आकाशतीर" प्रणाली ने उन्हें विफल कर दिया। यह तेज-तर्रार प्रणाली भारतीय सैन्य की बहु-स्तरीय एयर डिफेंस ग्रिड का अहम हिस्सा है, जिसने दुश्मन के मिसाइल और ड्रोन हमलों को समय रहते पहचानकर उन्हें नष्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यह प्रणाली भारतीय वायुसेना के इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम (IACCS) से जुड़ी हुई है, जो देश के चार-स्तरीय वायु रक्षा कवच का सबसे मजबूत और केंद्रीय हिस्सा है।