
भारत को अगले साल तक बाकी S-400 एयर डिफेंस सिस्टम सौंपेगा रूस
भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 अरब अमेरिकी डॉलर का सौदा किया था, जिसके तहत S-400 त्रिउम्फ मिसाइल प्रणाली की पाँच स्क्वाड्रन खरीदनी थीं।
रूस भारत को S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की बाकी यूनिट 2025-2026 तक सौंप देगा। भारत में रूस के उप मिशन प्रमुख रोमन बाबुश्किन ने सोमवार को यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि यह एयर डिफेंस सिस्टम भारत-पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव के दौरान बेहद प्रभावी साबित हुई थी।
बाबुश्किन ने यह भी संकेत दिया कि दोनों देशों के बीच वायु रक्षा और एंटी-ड्रोन प्रणालियों में सहयोग का विस्तार हो सकता है। उन्होंने कहा, "हमें यह सुनने को मिला कि भारत-पाकिस्तान के हालिया टकराव में S-400 प्रणाली ने बेहद कुशलता से प्रदर्शन किया। हमारे पास लंबे समय से सहयोग का इतिहास है। वायु रक्षा प्रणाली, यूरोप और यहां की स्थिति को देखते हुए , रक्षा साझेदारी के सबसे संभावनाशील क्षेत्रों में से एक है।"
समाचार एजेंसी पीटीआई ने रूस के उप मिशन प्रमुख के हवाले से बताया कि शेष दो S-400 इकाइयों के अनुबंध पर काम प्रगति पर है और डिलीवरी 2025-26 तक पूरी हो जाएगी, जैसा कि पहले सार्वजनिक रूप से घोषित किया गया था।
भारत ने 2018 में रूस के साथ 5.43 अरब अमेरिकी डॉलर का सौदा किया था, जिसके तहत S-400 त्रिउम्फ मिसाइल प्रणाली की पाँच स्क्वाड्रन खरीदनी थीं। यह एक आधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है, जो कई हवाई खतरों को लंबी दूरी से निष्क्रिय करने में सक्षम है। अब तक तीन स्क्वाड्रन भारत को सौंपे जा चुके हैं।
रक्षा सहयोग में विस्तार की संभावनाएं
बाबुश्किन ने बताया कि रूस वायु रक्षा सहयोग को और आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, "हम इस साझेदारी को आगे बढ़ाने और वायु रक्षा प्रणालियों पर बातचीत के विस्तार के लिए खुले हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक सुरक्षा माहौल को देखते हुए ऐसे सहयोग का रणनीतिक महत्व है।
ड्रोन खतरे पर फोकस
बाबुश्किन ने ड्रोन के बढ़ते खतरे को लेकर भी चिंता जताई, खासकर भारत-पाकिस्तान टकराव में उनके बढ़ते उपयोग के संदर्भ में। उन्होंने कहा, "हम कई वर्षों से इस खतरे का सामना कर रहे हैं और हमारी प्रणालियाँ लगातार आधुनिकीकरण से गुजर रही हैं। मेरा मानना है कि इस खतरे का मुकाबला करने और इसमें सहयोग बढ़ाने में दोनों देशों की संयुक्त रुचि होगी।"
उन्होंने यह भी पुष्टि की कि एंटी-ड्रोन प्रणालियाँ पहले से ही भारत-रूस रक्षा संवाद का हिस्सा हैं।
रूसी विदेश मंत्री का संभावित भारत दौरा
अंत में, बाबुश्किन ने रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के संभावित भारत दौरे पर भी जानकारी दी, "अभी तक तिथियाँ तय नहीं हुई हैं, लेकिन यह दौरा किसी भी समय जल्द हो सकता है। हमें उम्मीद है कि यह इसी महीने होगा।"