
भारत पाकिस्तान को फिर से FATF की "ग्रे लिस्ट" में डालने की डिमांड करेगा
पाकिस्तान को 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था, जिसके बाद उसने एक एक्शन प्लान पेश किया था. FATF ने 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया था.
भारत पाकिस्तान को फिर से FATF (Financial Action Task Force) की "ग्रे लिस्ट" में डलवाने की तैयारी में है. इसकी लिए भारत बेहद मजबूती और तथ्यों के साथ अपनी दलील देगा, क्योंकि पाकिस्तान मनी लॉंड्रिंग (money laundering) और आतंकी फंडिंग को रोकने के नियमों का पालन नहीं कर रहा है.
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में 28 लोगों की आतंकियों ने हत्या कर दी थी जिसमें 26 पर्यटक शामिल थे. इसके बाद 7 मई को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया. आईएमएफ से पाकिस्तान को की गई फंडिंग पर भी भारत ने एतराज जताया है. भारत को लगता है कि इस फंड का इस्तेमाल पाकिस्तान आतंक को बढ़ावा देने में कर रहा है.
ऐसे में अब फिर से भारत पाकिस्तान को फिर से FATF की "ग्रे लिस्ट" में डलवाने की तैयारी कर रहा है. सूत्रों से जब पूछा गया कि क्या भारत FATF में इस मुद्दे को उठाएगा, तो उन्होंने कहा, "हां, हम इस पर कार्रवाई करेंगे. " भारत का कहना है कि पाकिस्तान अपनी ज़मीन से हो रहे आतंकवाद पर कार्रवाई नहीं कर रहा है और बहुपक्षीय संस्थाओं से मिलने वाली मदद की रकम को हथियार खरीदने में इस्तेमाल कर रहा है.
FATF की ग्रे लिस्ट क्या होती है?
FATF उन देशों को "ग्रे लिस्ट" में डालता है जो मनी लॉंड्रिंग (money laundering), आतंकवाद की फंडिंग, और हथियारों के प्रसार को रोकने में नाकाम रहते हैं. इसका मतलब होता है कि ऐसे देश FATF की कड़ी निगरानी में रहते हैं और उन्हें तय समय में सुधार करने की जिम्मेदारी दी जाती है. FATF की बैठक साल में तीन बार फरवरी, जून और अक्टूबर में होती है . पाकिस्तान को 2018 में FATF की ग्रे लिस्ट में डाला गया था, जिसके बाद उसने एक एक्शन प्लान पेश किया था. FATF ने 2022 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर कर दिया था.