indian army personnel using soaicl media AI picture
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सेना के जवान सोशल मीडिया पर क्या कर सकेंगे, क्या नहीं, इसके लिए बाकायदा गाइडलाइन जारी की गई है (AI generated photo)

सेना के जवानों के सोशल मीडिया इस्तेमाल पर पाबंदी हटी, लाइक-कमेंट की इजाजत नहीं

साल 2020 से पहले तक सेना के जवानों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की वजह से हनी ट्रैप के मामले बढ़ गए थे। जिससे चिंतित होकर सेना ने सैनिकों के लिए पाबंदी लगा दी थी।


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सोशल मीडिया एप्लीकेशन का इस्तेमाल करिए, लेकिन नियम एवं शर्तें लागू। भारतीय सेना के जवानों के लिए सरकार की नई गाइडलाइन का सार कुछ यही कहता है। वैसे भारतीय सेना के जवानों को पांच साल के बाद सोशल मीडिया इस्तेमाल की इजाजत दे दी गई है। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, नई गाइडलाइन के तहत जवान इंस्टाग्राम पर रील, फोटो और वीडियो देख सकेंगे, लेकिन लाइक, कमेंट करने की अनुमति नहीं है।

गाइडलाइन बता रही है कि यूट्यूब और X का इस्तेमाल केवल जानकारी के लिए किया जा सकेगा। वहीं, लिंक्डइन, स्काइप और सिग्नल एप के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की गई है। सरकार ने 2020 में संवेदनशील सूचनाएं लीक होने की आशंका के चलते जवानों और अधिकारियों को 89 एप हटाने का आदेश दिया था। इसमें फेसबुक, इंस्टाग्राम, टिकटॉक, जूम और पबजी शामिल थे। इन एप के जरिए उस वक्त हनीट्रैप के कई मामले सामने आए थे।

मीडिया रिपोर्ट्स बता रही हैं कि गाइडलाइंस में यह बदलाव कुछ दिन पहले किया गया था। जानकारी अब सामने आई है और यह भारतीय सेना के सभी रैंकों पर लागू होता है। बताया जा रहा है कि इस बदलाव के पीछे बड़ी वजह यह है कि सूचनाओं के स्रोतों की दुनिया बदल रही है और सेना खुद को इससे दूर नहीं रख सकती। सोशल मीडिया के जरिए सेना के जवान जानकारी देख सकते हैं, ऑब्जर्व कर सकते हैं और देश और विदेश में होने वाली घटनाओं से खुद को अपडेट रख सकते हैं।

किस वजह से लगा था बैन?

सरकार ने भारतीय फौज के जवानों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर रोक साल 2020 में लगाई। उससे पहले तक जवानों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने पर हनी ट्रैप के मामले बढ़ गए थे। इसके जरिए पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को संवेदनशील सूचनाएं लीक होने की कई घटनाएं सामने आ चुकी थीं।

तब सेना का कहना था कि इन सोशल मीडया एप के जरिए सूचनाएं जुटाकर पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसी देश सीमा और नियंत्रण रेखा पर लगातार परेशानी पैदा कर रहे थे। इसी वजह से 2024 में सेना ने अपने अधिकारियों व जवानों से आधिकारिक कामकाज में वॉट्सएप के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी थी। बाद में पूरी तरह बैन लगा दिया था।

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