सेना पर मेक इन इंडिया की छाप, एक साल बाद फौज में होंगे इतने स्वदेशी उत्पाद
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सेना पर मेक इन इंडिया की छाप, एक साल बाद फौज में होंगे इतने स्वदेशी उत्पाद

भारतीय फौज के साजोसामान में अब स्वदेशी की झलक दिखाई देगी. सरकार की कोशिश है कि दिसंबर 2025 तक 371 स्वदेशी उत्पादों को फौज में शामिल किया जाएगा.


किसी भी फौज की ताकत उसके रणकौशल के साथ साजो सामान से होती है. 1947 के बाद से भारतीय सेना का प्रदर्शन सभी मोर्चों पर कमाल का प्रदर्शन रहा है. हालांकि साजो सामान के मुद्दे पर विदेशों पर निर्भरता रही है. हालांकि मेक इन इंडिया कार्यक्रम, डिफेंस कॉरिडोर के जरिए अब स्वेदेशीकरण पर खास ध्यान भी दिया जा रहा है. अब इस तरह की खबरें सामने आ रही हैं कि रक्षा मंत्रालय दिसंबर 2025 तक करीब 371 उत्पादों की स्वदेशी खरीद को अनिवार्य कर सकता है. इस समय देश में इन रक्षा उपकरणों का निर्माण कार्य चल रहा है.टेस्ट में कामयाब होने पर आयात को रोक दिया जाएगा.

रक्षा मंत्रालय के मुताबिक 371 उत्पादों के बारे में फैसला डीआरडीओ, रक्षा उत्पादन विभाग और उद्योग जगत से सलाह के बाद लिया गया है. अभी तक इन उत्पादों को विदेश से मंगाया जा रहा था जबकि भारक के उद्योग जगत इन सामानों के निर्माण में सक्षम थे. इन उत्पादों में गोला बारूद, अलग अलग तरह की बंदूकें, रायफल, रडार, मानव रहित विमान, डिफेंस प्लेटफॉर्म, एयरक्राफ्ट्स, पनडुब्बियां शामिल हैं.यहां बता दें कि 70 फीसद बजट स्वदेशी खरीद के लिए है. देश में कई रक्षा सामानों का उत्पादन शुरू हो चुका है. लेकिन अभी उन्हें फौज में शामिल नहीं किया गया है. स्वदेशी उत्पादों की सेना द्वारा इस्तेमाल ना होने से नुकसान हो रहा है. यही नहीं अगर आप इन सामानों के निर्यात के बारे में सोचते हैं तो कई देश यह भी देखते हैं कि उस देश की सेना खुद उन सामानों का इस्तेमाल कर रही है या नहीं

विदेशों से आयात पर एक नजर

  • 2022-23 में 40 839 करोड़ रुपए की विदेशों से रक्षा सामग्री की खरीद की गई थी.
  • 2023-24 में आयात में कटोती हुई और यह 21083 करोड़ के आंकड़े पर है.

2032 कर पूरी तरह स्वदेशीकरण पर जोर
सरकार का कहना है कि धीरे धीरे विदेशी सामानों पर निर्भरता कम की जाएगी.दिसंबर 2025 के बाद दूसरे चरण में यानी दिसंबर 2026 तक 66 और रक्षा सामग्रियों के आयात को बैन कर दिया जाएगा. इसके साथ ही दिसंबर 2027, दिसंबर 2028 दिसंबर 2030 और दिसंबर 2023 तक 29, 25, 14 और चार रक्षा सामग्रियों के आयात पर बैन किया जाएगा. देश में जिन साजो सामान का उत्पादन होगा उसकी खरीद सेना के लिए अनिवार्य की जाएगी.

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