Liberian container vessel tilted
x
भारतीय तटरक्षक बल ने एक आपातकालीन संदेश (डिस्ट्रेस कॉल) प्राप्त होने के बाद लाइबेरियाई कंटेनर जहाज के एक ओर झुकने की सूचना पर बचाव अभियान शुरू किया।

समंदर के बीच में डूबा विदेशी जहाज, भारतीय तटरक्षक बल का जोखिमभरा रेस्क्यू ऑपरेशन

अधिकारियों ने बताया कि जहाज पर सवार 24 क्रू सदस्यों में से 21 को बचा लिया गया है, जबकि कंपनी के निर्देशानुसार तीन सदस्य जहाज पर ही बने रहे।


लाइबेरियाई झंडे वाले मालवाहक जहाज MSC Elsa 3 में रविवार सुबह केरल तट के पास उसके एक कार्गो होल्ड में भारी जलभराव के बाद संतुलन बिगड़ने से वह पलट गया। इसके बाद एक बड़े पैमाने पर बचाव अभियान शुरू किया गया।

भारतीय तटरक्षक बल ने एक आपातकालीन संदेश प्राप्त होने के बाद बचाव कार्य शुरू किया, जिसमें बताया गया था कि लाइबेरियाई कंटेनर जहाज एक ओर झुक गया है।

यह 184 मीटर लंबा जहाज, जिसे मेडिटेरेनियन शिपिंग कंपनी (MSC) संचालित कर रही थी, विझिंजम पोर्ट से कोच्चि की ओर जा रहा था। 24 मई को खराब मौसम के चलते जहाज तेजी से झुकने लगा।

स्थिति बहुत तेज़ी से बिगड़ी, जिससे जहाज पर मौजूद 24 में से 21 क्रू सदस्यों को जहाज छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

भारतीय तटरक्षक बल और पास से गुजर रहे जहाजों द्वारा किए गए बचाव अभियानों में सभी 21 को बचा लिया गया।

शनिवार को सिंगापुर स्थित पोत 'Han Yi' ने 9 क्रू मेंबर्स को बचाया, जबकि अन्य 12 को तटरक्षक पोत 'अर्णवेश' द्वारा सुरक्षित निकाला गया।

शेष तीन सदस्य—कप्तान (एक रूसी नागरिक), मुख्य अभियंता और द्वितीय अभियंता—कंपनी के प्रोटोकॉल के अनुसार जहाज पर बने रहे, लेकिन बाद में रविवार सुबह भारतीय नौसेना के पोत 'INS सुजाता' द्वारा खतरनाक परिस्थितियों में उन्हें भी बचा लिया गया।

मीडिया रिपोर्ट्स में पश्चिमी क्षेत्र के तटरक्षक बल के महानिरीक्षक भिषम शर्मा के हवाले से कहा गया है कि सभी क्रू सदस्य सुरक्षित हैं और तटरक्षक बल स्थिति का मूल्यांकन कर रहा है तथा राज्य प्राधिकरणों को परामर्श जारी कर रहा है।

यह जहाज कोच्चि से लगभग 38 समुद्री मील दूर डूब गया, जिससे सैकड़ों कार्गो कंटेनर, जिनमें कुछ खतरनाक सामग्री भी थी, अरब सागर में बह गए।

इससे केरल के पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील तट पर पर्यावरणीय नुकसान की आशंका बढ़ गई है।

जहाज पर कुल 640 कंटेनर थे, जिनमें से 13 कंटेनर खतरनाक माल से भरे थे। इनमें 12 कंटेनर कैल्शियम कार्बाइड से भरे हुए थे।

इसके अतिरिक्त, जहाज में 84.44 मीट्रिक टन डीजल और 367.1 मीट्रिक टन फर्नेस ऑयल भी था।

भारतीय तटरक्षक बल के कर्मियों ने उस समय बचाव कार्य किया जब उन्हें यह सूचना मिली कि लाइबेरियाई कंटेनर जहाज 26 डिग्री तक झुक गया है, जो कि एक गंभीर स्थिति मानी जाती है।

हालांकि अब तक तेल रिसाव की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन तेल रिसाव की निगरानी करने वाली अत्याधुनिक तकनीक से लैस तटरक्षक विमान लगातार क्षेत्र की निगरानी कर रहे हैं।

भारतीय तटरक्षक बल ने केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (KSDMA) के साथ समन्वय बनाते हुए प्रदूषण प्रतिक्रिया तैयारियों को भी मजबूत किया है।

KSDMA ने जनता को चेतावनी दी है कि वे किनारे पर बहकर आए कंटेनरों या तेल के किसी भी अवशेष को छूने या छेड़ने से बचें और ऐसी कोई भी वस्तु दिखने पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।

मीडिया रिपोर्ट्स में तटरक्षक प्रवक्ता के हवाले से कहा गया है कि केरल का संवेदनशील तट जैव विविधता से भरपूर है और यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। राज्य प्रशासन के साथ मिलकर सभी संभावित परिस्थितियों से निपटने के लिए पूरी तरह से समन्वय किया जा रहा है।

केरल सरकार ने एक बैठक बुलाई है जिसमें यह मूल्यांकन किया जाएगा कि बहते कंटेनरों से पर्यावरण को कितना खतरा हो सकता है, क्योंकि कुछ कंटेनर अगले कुछ दिनों में तटों तक पहुंच सकते हैं।

सूत्रों के अनुसार, MSC की ओर से एक सहायक पोत भी सहायता के लिए घटनास्थल पर पहुंच गया है, जबकि भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल के पोत डूबे हुए जहाज के आसपास स्थिति की निगरानी और किसी भी संभावित साल्वेज (उद्धार) ऑपरेशन की संभाव्यता का आकलन कर रहे हैं।

Read More
Next Story