
इंडिगो की उथल-पुथल! दो दिन में 200+ फ्लाइट रद्द, क्या है असली वजह?
इंडिगो नई FDTL नियमों, क्रू की कमी, तकनीकी खराबी और सर्दियों के कंजेशन से गंभीर संकट में है। दो दिनों में 200+ उड़ानें रद्द हुईं और हजारों यात्री फंसे रहे।
Indigo Flight News: भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो पिछले कुछ वर्षों में अपने सबसे गंभीर परिचालन संकट से जूझ रही है। मंगलवार और बुधवार को 200 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं और सैकड़ों उड़ानें घंटों देरी से चलीं। नतीजा यह हुआ कि हजारों यात्री एयरपोर्ट पर फंसे रहे, टर्मिनलों में लंबी कतारें दिखीं और पूरे देश में यह सवाल उठने लगा कि आखिर इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई कैसे?
एयरलाइन के सामने आई समस्याओं में शामिल हैं क्रू की भारी कमी, नए ड्यूटी-टाइम नियम, प्रमुख एयरपोर्ट्स पर तकनीकी खामियां और सर्दियों में बढ़ा एयर ट्रैफिक दबाव।
अव्यवस्था के पीछे क्या वजहें थीं?
क्रू की भारी कमी
1 नवंबर से लागू हुए नए और सख़्त ड्यूटी-टाइम नियम (FDTL) के बाद इंडिगो के पास उपलब्ध पायलट और केबिन क्रू की संख्या अचानक कम पड़ गई।नए नियमों के तहत पायलट अब पहले की तुलना में कम घंटे उड़ान भर सकते हैं और अधिक आराम अनिवार्य है।
इसके चलते कई उड़ानें इसलिए ही नहीं उड़ सकीं क्योंकि उन्हें संचालित करने के लिए कानूनी रूप से उपलब्ध क्रू ही नहीं था। कई रोटेशन इसलिए रद्द किए गए क्योंकि पहले से रोस्टर किए गए पायलट नई सीमाओं के तहत उड़ान भरने के योग्य नहीं रह गए।
नए रोस्टर नियम (FDTL Norms)
भारत में लागू हुए नए फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन नियम पायलटों की थकान कम करने और सुरक्षा बढ़ाने के लिए है।इंडिगो, जो रोज़ाना 2,200 से अधिक उड़ानें संचालित करता है और काफी नाइट-ऑपरेशन पर निर्भर है, इन बदलावों के साथ समय पर रोस्टर को स्थिर नहीं कर पाया।
नई प्रणाली के अनुसार ड्यूटी शेड्यूल फिर से बनाना पड़ा, नाइट-लैंडिंग की योजना सीमित करनी पड़ी, हफ्ते भर का अनिवार्य आराम बढ़ गया। इससे कई व्यस्त रूटों पर तुरंत क्रू की कमी पैदा हो गई।
कई एयरपोर्ट्स पर तकनीकी खराबी
मंगलवार को दिल्ली और पुणे एयरपोर्ट पर चेक-इन और डिपार्चर कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ियां आ गईं। लंबी कतारें लगीं, उड़ानें लेट होती गईं और पूरे दिन देरी का असर नेटवर्क में फैलता चला गया।
सर्दी का मौसम और एयरपोर्ट कंजेशन
भारी भीड़, धुंध से प्रभावित संचालन, पीक-ऑवर में रनवे की व्यस्तता। इन कारकों ने इंडिगो को समय की भरपाई करने नहीं दी।चूंकि इंडिगो का शेड्यूल बहुत घना है, छोटी देरी भी पूरे नेटवर्क में बड़ा असर डालती है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक मंगलवार को इंडिगो का ऑन-टाइम परफॉर्मेंस सिर्फ 35% पर आ गया, यानी 1,400 से अधिक उड़ानें लेट थीं। नई जानकारी के मुताबिक नवंबर महीने में 1,232 उड़ानें रद्द हुईं।
नए रोस्टर नियम क्या हैं?
DGCA द्वारा लागू नए नियमों में शामिल है। साप्ताहिक आराम बढ़ा। पायलटों को हर सप्ताह अधिक अनिवार्य आराम देना होगा इससे लगातार ड्यूटी के चक्र टूट जाते हैं। नाइट-लैंडिंग पर कड़ी पाबंदी। पहले जहां एक पायलट 6 नाइट-लैंडिंग करता था, अब यह सिर्फ 2 है। इंडिगो जैसी नाइट-ऑपरेशन आधारित एयरलाइन पर इसका सीधा असर पड़ा।
ड्यूटी-आवर्स कम हुए
इन्हीं कारणों से समान शेड्यूल के लिए अधिक पायलटों की जरूरत पड़ने लगी।
DGCA द्वारा तय सीमा रोज़ाना अधिकतम 8 घंटे की है। सप्ताह में 35 घंटे,महीने में 125 घंटे, साल में 1,000 घंटे क्रू को हर फ्लाइट ड्यूटी के मुकाबले दोगुना आराम देना अनिवार्य है। इन नियमों से सुरक्षा तो बढ़ती है, लेकिन फास्ट-टर्नअराउंड मॉडल वाली इंडिगो पर दबाव बढ़ना तय था।
अन्य एयरलाइंस पर इतना असर क्यों नहीं पड़ा?
आकार (स्केल)
इंडिगो भारत की सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन है। ज़रा सा व्यवधान भी पूरे देश में बड़ा असर पैदा करता है।
नाइट-ऑपरेशन पर निर्भरता
एयर इंडिया, विस्तारा और आकासा की तुलना में इंडिगो अधिक नाइट उड़ानें चलाती है। नाइट-लैंडिंग की नई सीमा ने उसके शेड्यूल को गंभीर रूप से प्रभावित किया।
तंग क्रू-उपयोग मॉडल
इंडिगो क्रू का उपयोग अधिकतम दक्षता के साथ करता है। नए नियम आते ही रोस्टर में तुरंत गैप बन गए।
नेटवर्क का विशाल ढांचा
छोटी एयरलाइंस अपना शेड्यूल जल्दी बदल सकती हैं। इंडिगो का विशाल कनेक्टेड नेटवर्क बदलाव के लिए कम लचीला है।
स्थिति कब सुधरेगी?
इंडिगो ने कहा है कि वह 48 घंटों में स्थिति सामान्य करने की कोशिश कर रहा है। एयरलाइन निम्न कदम उठा रही है हाई-प्रेशर रूट्स पर क्रू की नई तैनाती, नाइट शेड्यूल में बदलाव,अंतिम समय पर अव्यवस्था से बचने के लिए प्री-प्लान्ड कैंसिलेशन।
एयरक्राफ्ट और क्रू रोटेशन का पुनर्गठन
यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे उड़ान की स्थिति लगातार चेक करते रहें।
इंडिगो ने कहा “हम अपने ग्राहकों से दिल से माफी मांगते हैं। कई अप्रत्याशित परिचालन चुनौतियों टेक्निकल गड़बड़ियों, विंटर शेड्यूल बदलाव, मौसम की कठिनाइयों, एयर ट्रैफिक कंजेशन और नए क्रू रोस्टरिंग नियमों का संयुक्त प्रभाव हमारे संचालन पर भारी पड़ा।

