
इंडिगो के फ्लाइट शेयर में 5% कटौती? सरकार स्लॉट अन्य एयरलाइंस को देने पर कर रही विचार
IndiGo: नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, DGCA इंडिगो के जवाब की समीक्षा कर रहा है और उचित कार्रवाई करने पर विचार कर रहा है।
flight cancellation: इंडिगो द्वारा लगातार फ्लाइट कैंसल किए जाने से पैदा हुए भारी संकट के बीच सरकार कड़ी कार्रवाई पर विचार कर रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार इंडिगो के उड़ान शेड्यूल में पहले चरण में 5% कटौती कर सकती है, जिसका मतलब है कि करीब 110 रोजाना फ्लाइट अन्य एयरलाइंस को दी जा सकती हैं। जरूरत पड़ने पर आने वाले दिनों में इसमें और 5% कटौती भी संभव है।
इस बीच DGCA के शो-कॉज़ नोटिस के जवाब में इंडिगो ने गहरा खेद जताते हुए अपनी उड़ानों में बाधा के लिए पांच कारणों को जिम्मेदार ठहराया है, जिनमें नए FDTL नियम और विंटर शेड्यूल से जुड़े बदलाव शामिल हैं। वहीं, राज्यसभा में नागरिक उड्डयन मंत्री ने इंडिगो पर कार्रवाई का आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार कड़ा उदाहरण पेश करेगी। इंडिगो ने कहा कि उसके संचालन के बड़े आकार को देखते हुए कम समय में सटीक कारण बताना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है और उसने DGCA के नियमों का हवाला देते हुए 15 दिनों का समय मांगा है, ताकि व्यापक रूट-कॉज़ एनालिसिस किया जा सके।
अन्य एयरलाइंस को मौका
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, DGCA इंडिगो के जवाब की समीक्षा कर रहा है और उचित प्रवर्तन कार्रवाई की जाएगी। रिपोर्ट्स के मुताबिक, बढ़ते पब्लिक आक्रोश को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं है कि इंडिगो को अतिरिक्त समय दिया जाएगा या नहीं। DGCA इंडिगो के क्रू-स्ट्रेंथ के अनुरूप उसकी उड़ानों में कटौती कर सकता है और खाली हुए स्लॉट अन्य एयरलाइंस को दिए जा सकते हैं, जिनके पास संचालन क्षमता मौजूद है। इसके अलावा भारी फाइनेंशियल पैनेल्टी के साथ DGCA द्वारा अनुमोदित शीर्ष अधिकारी CEO, COO सहित पर भी कार्रवाई की जा सकती है। एयरलाइन भी इस संकट के लिए जिम्मेदार माने जा रहे वरिष्ठ कर्मियों से इस्तीफा मांग सकती है या उन्हें बर्खास्त कर सकती है।
संकट की जड़
इंडिगो ने व्यवधान को अनपेक्षित और दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों के संयोग का परिणाम बताया और पांच कारकों की सूची दी:-
1. मामूली तकनीकी खामियां
2. सर्दी के मौसम के शेड्यूल बदलाव
3. प्रतिकूल मौसम
4. एविएशन सिस्टम में बढ़ी भीड़भाड़
5. नए FDTL Phase-II क्रू रोस्टरिंग नियमों का लागू होना
एविएशन मंत्रालय ने कहा कि इंडिगो लंबे समय से FDTL Phase-II नियमों के संबंध में DGCA के साथ “चुनौतियों” पर चर्चा कर रहा था और छूट या समय-सीमा बढ़ाने का अनुरोध भी कर रहा था। दिसंबर की शुरुआत में इन सभी कारकों के एक साथ आने से ऑन-टाइम परफॉर्मेंस गिरा और इससे क्रू की उपलब्धता प्रभावित हुई। इंडिगो ने 5 दिसंबर को किए गए बड़े पैमाने पर कैंसिलेशन—जब 1,000 से अधिक उड़ानें रद्द हुईं, जो उसके दैनिक संचालन का लगभग आधा था—को ड्रास्टिक मेजर और नेटवर्क को रीबूट करने की रणनीति बताया। एयरलाइन का कहना है कि यह कदम फंसे यात्रियों को बाहर निकालने, एयरपोर्ट भीड़ कम करने और क्रू/एयरक्राफ्ट को पुनर्स्थापित करने के लिए जरूरी था।
इसी बीच DGCA की चार सदस्यीय जांच समिति, जिसका नेतृत्व जॉइंट DG संजय ब्रह्माणे कर रहे हैं, इंडिगो CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रे पोरकेरस को समन कर सकती है। यह पैनल संकट के वास्तविक कारणों की पहचान करेगा और जांच करेगा कि इंडिगो की मैनपावर प्लानिंग कैसी थी। रोस्टरिंग सिस्टम कितना सक्षम था और एयरलाइन नए FDTL नियमों को लागू करने के लिए कितनी तैयार थी।

