
DGCA नोटिस पर इंडिगो का जवाब, कहा—कई कारणों के से बिगड़ा संचालन
DGCA ने शनिवार को इंडिगो CEO को नोटिस जारी कर उन्हें फ्लाइट संचालन में योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में गंभीर चूक के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था और 24 घंटे में जवाब मांगा था।
airline crisis: बजट एयरलाइन इंडिगो ने हाल ही में देशभर में बड़ी संख्या में फ्लाइट रद्द होने को लेकर डीजीसीए (DGCA) को भेजे अपने जवाब में कहा है कि यह स्थिति कई कारणों के एक साथ होने से हुई। सोमवार को डीजीसीए ने पुष्टि की कि उसे एयरलाइन का जवाब मिल गया है और वह इसकी जांच कर रहा है। नियामक ने कहा कि रिपोर्ट की स्टडी करने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी।
DGCA के अनुसार, इंडिगो की ओर से भेजे गए पत्र पर कंपनी के CEO पीटर एल्बर्स और COO इसिड्रे पोरकेरस के साइन हैं। पत्र में एयरलाइन ने बड़े स्तर पर हुई असुविधा के लिए खेद और माफी जाहिर की गई है। DGCA को यह पत्र सोमवार शाम 6:01 बजे प्राप्त हुआ।
DGCA ने शनिवार को इंडिगो CEO को नोटिस जारी कर उन्हें फ्लाइट संचालन में योजना, निगरानी और संसाधन प्रबंधन में गंभीर चूक के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया था और 24 घंटे में जवाब मांगा था। बाद में कंपनी के अनुरोध पर समय सीमा सोमवार शाम 6 बजे तक बढ़ाई गई। कंपनी ने अपने जवाब में कहा कि यह संकट कई वजहों से पैदा हुआ। जैसे छोटी तकनीकी खामियां, सर्दियों के सीजन में शेड्यूल में बदलाव, खराब मौसम, एयर ट्रैफिक सिस्टम में भीड़भाड़ में वृद्धि और नए FDTL Phase-II क्रू-रोस्टरिंग नियमों के लागू होने का असर। इंडिगो का कहना है कि दिसंबर के शुरुआती दिनों में इन सभी कारणों के एक साथ आने से ऑन-टाइम परफॉर्मेंस प्रभावित हुई और बड़ी संख्या में क्रू की अनुपलब्धता जैसी स्थिति बनी।
एयरलाइन ने यह भी कहा कि इतने बड़े और जटिल नेटवर्क में संकट के एकमात्र कारण को अभी सटीक रूप से निर्धारित करना व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। इसलिए, उसने विस्तृत रूट कॉज एनालिसिस (RCA) के लिए अतिरिक्त समय मांगा है।
नेटवर्क ‘रीबूट’ करने का फैसला
कंपनी के मुताबिक, 5 दिसंबर को उसे कड़े कदम उठाते हुए अपने नेटवर्क को 'रीबूट' करना पड़ा और बड़ी संख्या में फ्लाइट रद्द कर दी गईं, ताकि फंसे हुए यात्रियों को समायोजित किया जा सके, एयरपोर्ट पर भीड़ कम की जा सके और क्रू व एयरक्राफ्ट की पुनर्स्थापना की जा सके। एयरलाइन का कहना है कि इससे 6 दिसंबर से संचालन धीरे-धीरे स्थिर होने लगा। इंडिगो ने दावा किया कि उसने DGCA के नियमों के अनुसार यात्रियों को समय पर सूचना, भोजन-नाश्ता, होटल व्यवस्था और स्थानीय परिवहन उपलब्ध कराया और अधिकांश यात्रियों को रिफंड भी प्रोसेस कर दिया गया है।
संकट के बीच बाजार की वास्तविकता उजागर
पिछले हफ्ते सैकड़ों फ्लाइट रद्द होने के चलते देश की विमानन व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। इस घटना ने भारतीय एविएशन सेक्टर में विकल्पों की कमी को भी उजागर किया, जहां इंडिगो और एयर इंडिया लगभग डुओपॉली बना चुके हैं। रविवार को इंडिगो ने कहा कि उसने 2,300 निर्धारित उड़ानों में से 1,650 उड़ानें संचालित कीं। सोमवार को यह संख्या बढ़कर 1,800 तक पहुंचने का अनुमान था। एयरलाइन ने दावा किया कि उसकी नेटवर्क परफॉर्मेंस बेहतर हुई है, समय पर उड़ान संचालन (OTP) 91% तक पहुंच गया है और दिन की सभी रद्द उड़ानों की सूचना एक दिन पहले ही दे दी गई। इंडिगो ने कहा कि वह पूर्ण रूप से सामान्य स्थिति में लौटने की दिशा में आगे बढ़ रही है और यात्रियों की हर संभव सहायता युद्धस्तर पर कर रही है।
अब तक की व्यवस्था
इंडिगो का कहना है कि अब तक ₹827 करोड़ का रिफंड प्रोसेस किया जा चुका है। 1–7 दिसंबर के बीच 9,500 से अधिक होटल रूम और करीब 10,000 कैब/बसों की व्यवस्था की गई। 4,500 से अधिक बैग यात्रियों तक पहुंचाए जा चुके हैं और बाकी 36 घंटे में पहुंचने की बात कही गई है। एयरलाइन का दावा है कि वह हर दिन 2 लाख से अधिक ग्राहकों की सहायता कर रही है।

