
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए 1 अप्रैल से लागू होगी यूनिफाइड पेंशन स्कीम
एकीकृत पेंशन योजना यानी UPS लागू होने की तारीख तय हो गई है। जो कर्मचारी NPS से UPS में आएंगे, उन्हें क्या कुछ मिलेगा, ये सब बातें तय कर ली गई हैं।
केंद्रीय कर्मचारियों को गारंटी पेंशन देने के लिए एकीकृत पेंशन योजना (UPS) का ऐलान किया गया था. पेंशन रेगुलेटर (PFRDA) ने UPS को अमल में लाने वाली अधिसूचना जारी कर दी है। इसकी शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से होने जा रही है।
कौन-कौन कर सकता है आवेदन?
यह पेंशन स्कीम केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है। इस योजना में शामिल होने के लिए केंद्र के मौजूदा कर्मचारी और नए भर्ती होने वाले कर्मचारी दोनों ही आवेदन कर सकते हैं।
यानी १ अप्रैल २०२५ तक सर्विस में रहने वाला कर्मचारी और १ अप्रैल या उसके बाद सरकारी सेवा में आने वाले नए कर्मचारी, दोनों ही इस स्कीम में आ सकते हैं। जो नए कर्मचारी होंगे, उन्हें ३० दिन के भीतर विकल्प चुनना होगा। वैसे यह पेंशन योजना वैकल्पिक है। मतलब केंद्रीय कर्मचारी चाहें तो यह विकल्प ले सकते हैं।
आवेदन कैसे करेंगे?
इसके लिए प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट (https://npscra.nsdl.co.in) पर ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा रहेगी। कर्मचारियों को पोर्टल पर 1 अप्रैल से अप्लाई करना होगा। कर्मचारी चाहें तो फॉर्म को ऑफ लाइन यानी स्वयं जाकर भी जमा कर सकते हैं।
अगर कर्मचारी इस योजना यानी UPS के तहत पेंशन पाना चाहता है तो उन्हें UPS का ऑप्शन सेलेक्ट करने के लिए क्लेम फॉर्म भरना होगा।
अगर वे UPS का चयन नहीं करना चाहते हैं तो NPS का विकल्प चुन सकते हैं। इसके तहत 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को UPS और NPS में से कोई एक विकल्प चुनना होगा।
UPS में कितना होगा योगदान?
यूपीएस पुरानी पेंशन योजना से एकदम अलग है। यह स्कीम अंशदायी प्रकृति की है, मतलब इसमें कर्मचारियों को कंट्रीब्यूशन देना होगा।
इस योजना के तहत केंद्रीय कर्मचारियों को अपने मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान करना होगा, जबकि नियोक्ता यानी केंद्र सरकार का योगदान 18.5 प्रतिशत होगा।
हालांकि, अंतिम भुगतान उस फंड पर मिलने वाले बाजार रिटर्न पर निर्भर करता है, जिसे ज्यादातर सरकारी बॉन्ड में निवेश किया जाता है।
UPS की शर्त
अधिसूचना के मुताबिक, इस पेंशन स्कीम के लिए एक शर्त भी है। अगर कर्मचारी को नौकरी से हटाया जाता है या बर्खास्त किया जाता है या वो इस्तीफा देता है तो ऐसे मामले में यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
अधिसूचना में कहा गया है कि पूर्ण सुनिश्चित भुगतान की दर 25 वर्षों की न्यूनतम योग्यता सेवा के अधीन और सेवानिवृत्ति से तुरंत पहले 12 मासिक औसत मूल वेतन का 50 प्रतिशत होगी।