
पॉडकास्ट पर पीएम मोदी को कांग्रेस ने घेरा, मीडिया के सवालों का तो जवाब नहीं देते
अमेरिकन पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ पीएम नरेंद्र करीब करीब सभी मुद्दों पर अपनी राय रखी। अब कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि पाखंड की कोई सीमा नहीं है।
Narendra Modi Lex Fridman Podcast: रविवार यानी 16 मार्च को पीएम नरेंद्र मोदी ने संसद हमला, गोधरा कांड, भारत पाकिस्तान संबंध, रूस यूक्रेन लड़ाई, ट्रंप और पुतिन के साथ रिश्ते पर साफगोई से अपनी बात रखी। हालांकि वो प्रेस कांफ्रेस के जरिए अपनी बात नहीं रख रहे थे। अमेरिकन पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ लंबी बातचीत में खुलकर हर एक विषय के बारे में बताया। ऐसे में विपक्ष की तरफ से प्रतिक्रिया आनी तय थी। कांग्रेस ने निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी प्रेस का सामना कर नहीं पाते और पॉडकास्ट पर लंबी लंबी बात कर रहे थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस ने कहा कि वह प्रेस कॉन्फ्रेंस का सामना नहीं कर सकते, लेकिन एक अमेरिकी पॉडकास्टर के साथ बातचीत में सहज महसूस करते हैं। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तंज कसते हुए कहा कि उनकी "Hypo(d)crisy" (पाखंड) की कोई सीमा नहीं है।
तीन घंटे की बातचीत में मोदी ने रखे विचार
अमेरिका के प्रख्यात पॉडकास्टर और कंप्यूटर वैज्ञानिक लेक्स फ्रिडमैन के साथ तीन घंटे से अधिक की बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने विदेश नीति से जुड़े कई मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने आरएसएस की राष्ट्रभक्ति की सीख, महात्मा गांधी की विरासत की सराहना की और खुद को एक शांतिदूत बताया, जो रूस और यूक्रेन के नेताओं को बातचीत के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
कांग्रेस का पलटवार
इस पॉडकास्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस महासचिव (कम्युनिकेशन) जयराम रमेश ने प्रधानमंत्री के इस बयान पर कटाक्ष किया कि "आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है।" उन्होंने मोदी पर संस्थानों को कमजोर करने और आलोचकों को प्रतिशोध की भावना से निशाना बनाने का आरोप लगाया।
"जो व्यक्ति प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया का सामना करने से डरता है, उसे दक्षिणपंथी विचारधारा से जुड़े विदेशी पॉडकास्टर के साथ बातचीत में आराम मिलता है।
उन्होंने आगे कहा, "और अब वही व्यक्ति कहता है कि 'आलोचना लोकतंत्र की आत्मा है', जबकि उसने हर उस संस्था को कमजोर कर दिया है जो उसकी सरकार को जवाबदेह ठहराती थी। आलोचकों के खिलाफ जिस तरह की प्रतिशोध की भावना से कार्रवाई की गई है, वैसा हालिया इतिहास में किसी ने नहीं देखा।"Hypo(d)crisy की कोई सीमा नहीं," रमेश ने कटाक्ष किया।