Pahalgam Terror Attack
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जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बल

पहलगाम आतंकी हमला, फिर से हरे हो गए साल 2000 के पुराने जख्म

मार्च 2000 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत आने वाले थे, तब जम्मू-कश्मीर के एक गांव में आतंकियों ने 36 सिखों की निर्मम हत्या कर दी थी.


जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ बड़ा आतंकी हमला उस समय हुआ है जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर थे. इस हमले में 28 पर्यटक मारे गए हैं, जो 26/11 मुंबई हमले के बाद सबसे बड़ा हमला है. यह हमला ऐसे समय में हुआ है जब कश्मीर में पिछले कुछ सालों से हालात सामान्य लग रहे थे और भारी संख्या में पर्यटक आ रहे थे, जिससे लोगों को रोजगार मिल रहा था और जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था भी सुधर रही थी.

दुनिया का ध्यान खींचने का है आतंकियों का मकसद

लेकिन इस हमले ने पुरानी आतंक की यादें ताजा कर दी है. जानकारों का कहना है कि जब भी कोई विदेशी नेता भारत आता है, आतंकवादी ऐसे हमले करते हैं ताकि पूरी दुनिया का ध्यान खींचा जा सके. अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने हमले पर दुख जताया और कहा कि वे भारतीय लोगों के साथ हैं. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी कहा कि अमेरिका आतंक के खिलाफ भारत के साथ मजबूती से खड़ा है.

पहले भी हो चुके हैं ऐसे हमले

मार्च 2000 में जब अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन भारत आने वाले थे, तब जम्मू-कश्मीर के एक गांव में आतंकियों ने 36 सिखों की निर्मम हत्या कर दी थी. मई 2002 में अमेरिका की एक अधिकारी के भारत दौरे के समय जम्मू के पास आतंकियों ने सेना के परिवारों पर हमला किया था, जिसमें कई महिलाएं और बच्चे मारे गए थे.

लेकिन इस बार पाकिस्तान के सेना प्रमुख के एक बयान को आतंकी हमले के लिए ट्रिगर के तौर पर देखा जा रहा है. हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कहा कि कश्मीर पाकिस्तान की “शिरा” है और वे इसे कभी नहीं भूलेंगे. इसके जवाब में भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि कश्मीर भारत का हिस्सा है और पाकिस्तान को वहां से अवैध कब्जा हटाना चाहिए.

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