झारखंड रेल हादसे पर सियासी घमासान, आखिर ट्रेनें क्यों होती हैं बेपटरी
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झारखंड रेल हादसे पर सियासी घमासान, आखिर ट्रेनें क्यों होती हैं बेपटरी

अगर पिछले 60 साल मे डिरेलमेंट की बात करें तो कमी आई है। लेकिन जिस तरह से पिछले कुछ वर्षों में ट्रेनों के बेपटरी होने के मामले सामने आए हैं वो परेशान करने वाले हैं.


Jharkhand Train Accident: झारखंड में जमशेदपुर से करीब 80 किमी दूर बाराबांबू जगह पर बांबे-हावड़ा मेल के 18 डिब्बे बेपटरी हो गए। इस हादसे में 2 लोगों की मौत और 20 लोग घायल हैं। हादसा चक्रधपुर डिविजन में हुआ है। अब इस पर सियासी घमासान भी तेज हो चला है। ट्रेन हादसे पर अलग अलग दलों के नेता किस तरह केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं उसे बताने के साथ यह भी बताएंगे कि आखिर ट्रेन की बोगियां बेपटरी क्यों होती है. आपको याद होगा कि यूपी के गोंडा में भी ऐसा ही हादसा हुआ था।


क्या हैं सियासी आरोप
शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी कहती हैं, "यह बेहद शर्मनाक है कि इस तरह की दुर्घटनाएं हो रही हैं। रेल दुर्घटनाओं पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। रेल मंत्री प्रचार में व्यस्त हैं। दुर्भाग्य से रेल मंत्री की कोई जवाबदेही नहीं है। वे संसद में कोई चर्चा नहीं होने दे रहे हैं...उन्होंने जनता को कोई सुविधा नहीं दी है...सुरक्षा और संरक्षा को खिड़की से बाहर फेंक दिया गया है। उचित कार्रवाई की जानी चाहिए और रेल मंत्री को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।

समाजवादी पार्टी का आरोप

समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव कहते हैं, "ऐसा लगता है कि सरकार हर क्षेत्र में रिकॉर्ड बनाना चाहती है। पेपर लीक की संख्या का भी रिकॉर्ड बनने जा रहा है। सुरक्षा और संरक्षा के सरकार के दावों और बड़े बजट के बावजूद दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं?...कुछ समय पहले भारत ने COP29 में भाग लिया था और G20 भी आयोजित किया गया था...उत्तराखंड में भी भूस्खलन हुआ है। सरकार को बताना चाहिए कि ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए वह क्या कर रही है।

रेल मंत्री की बनती है नैतिक जिम्मेदारी
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, "रेल मंत्री को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए।" कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने कहा, "(रेल मंत्री अश्विनी) वैष्णव को रेल मंत्री के तौर पर नहीं बल्कि रेल दुर्घटनाओं के मंत्री के तौर पर याद किया जाएगा... उनके कार्यकाल में कई रेल दुर्घटनाएं हुईं, लेकिन वह आश्वासन पर आश्वासन देते रहे लेकिन कुछ नहीं हुआ अश्विनी वैष्णव को जिम्मेदारी लेनी चाहिए।

ट्रेनों के बेपटरी होने की वजह
बेहतर सुरक्षा नियमों की वजह से पहले की तुलना में ट्रेनों के पटरी से उतरने की घटनाओं में कमी आई है। लेकिन इस पर पूरी तरह लगम नहीं लग सका है। ऐसे में आप के दिमाग में भी तरह तरह के सवाल उठ रहे होंदे कि आखिर वो कौन सी वजह है जिसके कारण ट्रेनें बेपटरी होती हैं। ट्रैक की सही से निगरानी ना हो पाना, रनिंग गियर की नाकामी, असामान्य ट्रैक और रेल इंटरैक्शन, सिग्नल संबंधी या दो ट्रेनों के बीट टकराव। हाल ही में यूपी के गोंडा में ट्रेन हादसे के पीछे ट्रैक में आई खामी को जिम्मेदार बताया गया था। वहीं पश्चिम बंगाल में सिग्नल सिस्टम में खामी और कम्यूनिकेशन में कमी को जिम्मेदार बताया गया।

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