10 साल में PM को 110 दफा गाली, खड़गे को खत लिख नड्डा ने दिया जवाब, मामला क्या है
बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा कि राहुल गांधी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता अपनी बात रख रहे हैं, कम से कम वो याद तो कर लेते कि पीएम मोदी को कितनी बार अपमानित किया गया।
सितंबर के दूसरे हफ्ते के तीन दिन यानी 8, 9, 10 सितंबर को नेता प्रतिपक्ष अमेरिका के दौरे पर थे। वहां वो यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सॉस, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी और नेशनल प्रेस क्लब में लोगों से रूबरू हुए। उन्होंने हर एक विषय पर राय रखी। राहुल गांधी ने एक बात कही कि मोदी सरकार की विदेश नीति से वो इत्तेफाक रखते है महज चीन को छोड़कर। इस विषय पर हंगामा होना तय था और वो हुआ भी। लेकिन जब उन्होंने भारत में धार्मिक आजादी का जिक्र करते हुए एक सिख शख्स के सवाल का जवाब दिया तो उससे उठा हंगामा आज भी भारत की फिजा में तैर रहा है।
राहुल गांधी ने उस युवा से कहा था कि हो सकता है अगली बार जब आप भारत जाएं तो आपके प्रतीक यानी पगड़ी, कड़ा, कृपाण ना देखने को मिले। इस विषय पर हंगामा हुआ। किसी ने राहुल गांधी की जीभ काटने की धमकी दी तो केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने भी तीखा हमला किया जिसके बदले में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से लेकर दूसरे नेताओं ने कड़वे बोल बोले। अब उसी के जवाब में बीजेपी के अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने खत लिखकर बताया कि कैसे नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहरीले बोल बोले जाते रहे हैं।
खड़गे को लिखे अपने तीन पन्नों के पत्र में नड्डा ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल और प्रधानमंत्री के खिलाफ शब्दों के चयन के लिए अन्य कांग्रेस सदस्यों के खिलाफ अपनी पार्टी की शिकायतों का हवाला दिया। आप राहुल का बचाव क्यों कर रहे हैं?: नड्डा ने खड़गे से पूछा नड्डा ने कहा कि राहुल का इतिहास प्रधानमंत्री सहित पूरे ओबीसी को चोर कहने और मोदी के खिलाफ बेहद अभद्र शब्दों का इस्तेमाल करने का रहा है। भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस अध्यक्ष से पूछा कि आप किस मजबूरी में राहुल गांधी को सही ठहराने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने यह भी दावा किया कि पिछले 10 वर्षों में कांग्रेस नेताओं ने विपक्षी पार्टी पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए मोदी को 110 बार गाली दी है।
' नाकाम शख्स को बाजार में लाने की मजबूरी'
नड्डा ने दावा किया कि खड़गे का पत्र लोगों द्वारा बार-बार खारिज किए गए "विफल उत्पाद" को बाजार में लाने की उनकी राजनीतिक मजबूरी से प्रेरित है। नड्डा ने लिखा, "आपकी टिप्पणियां सच्चाई से कोसों दूर हैं। आपके पत्र से ऐसा लगता है कि आप या तो गांधी और अन्य नेताओं के कुकृत्यों को भूल गए हैं या जानबूझकर उन्हें नजरअंदाज कर दिया है।" मोदी को खड़गे का पत्र खड़गे ने मोदी को भेजे पत्र में सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों द्वारा राहुल के खिलाफ दिए गए बयानों को "बेहद आपत्तिजनक" और "हिंसक" बताया था और प्रधानमंत्री से अपने नेताओं को अनुशासित करने का आग्रह किया था।
कांग्रेस नेता ने अपने पत्र में मांग की है कि ऐसे बयान देने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भारतीय राजनीति को गिरने से रोका जा सके और कोई अप्रिय घटना न हो।उन्होंने कहा कि दुनिया हैरान है कि एक केंद्रीय मंत्री और उत्तर प्रदेश के एक मंत्री राहुल को "नंबर वन आतंकवादी" कह रहे हैं, जबकि एक शिवसेना विधायक ने विपक्ष के नेता की जीभ काटकर लाने वाले को 11 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। 'पीएम को पीटने, मौत का सौदागर' वाले ताने के बारे में क्या? इस पर पलटवार करते हुए नड्डा ने कहा कि राहुल ने एक बार लोगों द्वारा मोदी को डंडों से पीटने की बात कही थी, जो उनकी अपमानजनक मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि उनकी मां सोनिया गांधी ने एक बार गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी को "मौत का सौदागर" कहा था। उन्होंने कहा, "आप और आपकी पार्टी के नेता ऐसी दुर्भाग्यपूर्ण और शर्मनाक टिप्पणियों का महिमामंडन करते रहे। तब कांग्रेस राजनीतिक शुचिता को क्यों भूल गई थी?"
इस मामले में सियासी पंडित कहते हैं कि इसमें दो मत नहीं कि १९९० के बाद राजनेताओं के बयानों में गिरावट आई है। इसके पीछे वजह भी साफ है। पहले नेता जनभावना और जनकल्याण के लिए काम करते थे। वो समाज के साथ रहा करते थे। वे लोगों की तकलीफों को समझा करते थे। लेकिन जैसे जैसे समय आगे बढ़ा आर्थिक शक्ति आने लगी। राजनीति में मसल पावर का एंट्री हुई उसके बाद से माहौल खराब होना शुरू हो गया। अब ज्यादा से ज्यादा सीट हासिल करने के चक्कर में नेता एक दूसरे को अपमानित करने का मौका भी नहीं छोड़ रहे। इस बुराई में सभी राजनीतिक दल समान रूप से भागीदार हैं।