घड़ियाली आंसू- बुरी तरह कलंकित हो चुका हूं, कैश कांड पर जस्टिस वर्मा की सफाई
x

घड़ियाली आंसू- बुरी तरह कलंकित हो चुका हूं, कैश कांड पर जस्टिस वर्मा की सफाई

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा ने कैश कांड पर कहा कि उनके सम्मान को अत्यधिक नुकसान हुआ है। एक जज की जिंदगी में सम्मान और प्रतिष्ठा से बढ़कर कुछ भी नहीं होता।


Justice Yashwant Varma Cash Discovery: दिल्ली हाईकोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा ने अपने आवास पर नकदी मिलने के आरोपों को खारिज करते हुए इसे उनकी छवि खराब करने की एक साजिश करार दिया है। मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय को भेजे अपने स्पष्टीकरण में उन्होंने स्पष्ट किया कि जिस आगजनी की घटना के बाद नकदी बरामद होने का दावा किया जा रहा है, वह उनके मुख्य आवास में नहीं, बल्कि एक आउटहाउस में हुई थी, जिसका उपयोग अनुपयोगी घरेलू सामान रखने के लिए किया जाता था।

नकदी बरामदगी के दावे पर खंडन

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के अनुसार, न्यायमूर्ति वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि उनके या उनके परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा उस कमरे में नकदी नहीं रखी गई थी। उन्होंने कहा,“यह सुझाव देना कि कोई नकदी को खुले, आसानी से पहुंच वाले और आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोररूम में रखेगा, अविश्वसनीय प्रतीत होता है।”उन्होंने मीडिया को भी आलोचना का निशाना बनाया और कहा कि बिना पुष्टि के आरोपों को प्रकाशित करना गंभीर लापरवाही है।

मुद्दे पर जस्टिस वर्मा की सफाई

जस्टिस वर्मा ने स्पष्ट रूप से इनकार किया कि आग लगने की घटना के स्थान से कोई नकदी बरामद की गई थी। उन्होंने कहा,“मान लीजिए, बिना इसे स्वीकार किए, कि जो वीडियो मुझे दिखाया गया, वह उसी समय का था, तब भी उसमें कोई नकदी दिखाई नहीं देती और न ही कोई जब्ती की गई।”

घटना और विवाद की पृष्ठभूमि

14 मार्च को न्यायमूर्ति वर्मा के आवास पर आग लगने की घटना के बाद अघोषित नकदी मिलने के दावे सामने आए थे। इसके बाद, सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम ने उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस भेजने का फैसला किया और मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने आंतरिक जांच के आदेश दिए।हालांकि, न्यायमूर्ति वर्मा ने कहा कि जब उन्होंने अपने स्टाफ के साथ जले हुए स्टोररूम की जांच की, तो वहां कोई नकदी नहीं मिली। उन्होंने 16 मार्च को दिल्ली हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार-कम-सचिव की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि वह घटना स्थल पर पहुंचने वाले पहले अधिकारियों में से थे, लेकिन उन्होंने भी अपनी रिपोर्ट में नकदी मिलने का कोई जिक्र नहीं किया।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी वीडियो


साजिश का आरोप और व्यक्तिगत नुकसान

न्यायमूर्ति वर्मा ने सवाल उठाते हुए कहा,“मुझे हैरानी होती है कि कथित रूप से जली हुई नकदी की कोई बोरियां बरामद या जब्त क्यों नहीं की गईं?”उन्होंने इसे अपने खिलाफ गहरी साजिश करार दिया और इस संदर्भ में 2018 में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर तथा दिसंबर 2024 में सोशल मीडिया पर लगे आरोपों का भी जिक्र किया।

उन्होंने कहा कि उनकी प्रतिष्ठा को गंभीर क्षति पहुंची है, और अब उनके पास खुद को निर्दोष साबित करने का कोई जरिया नहीं बचा है। उन्होंने अपनी न्यायिक कार्यशैली की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा,“एक न्यायाधीश के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज उसकी प्रतिष्ठा और चरित्र होता है। मेरी प्रतिष्ठा को गंभीर और अपूरणीय क्षति पहुंची है।”

जांच जारी, सवाल बरकरार

यह मामला अब भी जांच के दायरे में है, और कथित नकदी बरामदगी को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पूरे विवाद के गंभीर न्यायिक और प्रशासनिक प्रभाव हो सकते हैं।

Read More
Next Story