बीजेपी की बांह मरोड़ने के लिए फोन टैपिंग, क्यों चर्चा में हैं केसीआर?
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बीजेपी की बांह मरोड़ने के लिए फोन टैपिंग, क्यों चर्चा में हैं केसीआर?

क्या तेलंगाना के पूर्व सीएम के चंद्रशेखर राव अपनी बेटी के कविता को बचाने के लिए फोन टैप करा रहे थे. इस संबंध में सनसनीखेज जानकारी सामने आई है.


K ChandraShekhar Rao News: क्या के चंद्रशेखर राव दिल्ली शराब घोटाले में आरोपी के कविता को बचाने की कोशिश कर रहे थे. क्या वो फोन टैपिंग के जरिए बीजेपी नेताओं पर दबाव बनाना चाहते थे. क्या वे फोन टैपिंग के जरिए के कविता के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को रोकना चाहते थे. फोन-जासूसी विवाद की जांच से पता चला है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, बीजेपी नेता बीएल संतोष को गिरफ्तार करना चाहते थे ताकि केंद्र उनकी बेटी के कविता के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय के मामले को खत्म कर दे. यह बात पूर्व पुलिस उपायुक्त पी राधाकृष्ण राव ने छह पन्नों के कबूलनामे में कही है. विधानसभा चुनाव में केसीआर की हार के बाद मार्च में राव को गिरफ्तार कर लिया गया था.राव ने दावा किया कि उन्हें भारत राष्ट्र समिति और राज्य सरकार के खिलाफ असहमति और विरोध को दबाने का आदेश दिया गया था. राव के मुताबिक, केसीआर छोटी-मोटी असहमति या आलोचना से भी चिढ़ जाते थे. फोन टैपिंग मामले में कथित तौर पर न केवल राजनीतिक खुफिया जानकारी के लिए बल्कि नेताओं, निजी कंपनियों और टॉलीवुड हस्तियों को ब्लैकमेल करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक डेटा इकट्ठा करना शामिल था.

बीआरएस पीतल शामिल

कांग्रेस नेता एन उत्तम कुमार रेड्डी ने एक मीडिया हाउस से बात करते हुए यह सब बीआरएस नेताओं की जानकारी में हुआ है और जल्द ही बीआरएस नेता जांच के दायरे में होंगे.कथित तौर पर जिन व्यक्तियों के उपकरणों की निगरानी की गई उनमें कांग्रेस नेता और अब मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी भी शामिल हैं. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग एक लाख फोन कॉल कथित तौर पर टैप की गईं.

यह एक ऐसी फोन टैपिंग थी जिसके कारण कथित तौर पर भाजपा द्वारा बीआरएस सांसदों को अपने पाले में करने की साजिश के बारे में जानकारी मिली. कथित तौर पर अवैध फोन टैपिंग का नेतृत्व करने वाला व्यक्ति टी प्रभाकर राव था जो विशेष खुफिया शाखा का प्रमुख था.राव अब भारत में नहीं हैं उन्हें इस मामले में अभियुक्त नंबर 1 बनाया गया है. के चंद्रशेखर राव के आदेश पर विशेष खुफिया शाखा ने ट्रैप किए जाने वालों के साथ ही बीआरएस के एक विधायक पर निगरानी रखी.

एसआईटी जांच

दावों की जांच के लिए एक विशेष जांच दल या एसआईटी का गठन किया गया था. केसीआर भाजपा के बीएल संतोष को गिरफ्तार करना चाहते थे. लेकिन नवंबर 2022 में न्यायिक हस्तक्षेप से यह साफ हो गया कि संतोष से पूछताछ नहीं की जाएगी.हाईकोर्ट ने एसआईटी को भी भंग कर दिया.राधाकृष्ण राव ने यह भी दावा किया कि सुनील कनुगोलू के खिलाफ छापे मारे गए जिन्हें पिछले साल कर्नाटक में विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत का श्रेय दिया गया था.

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