लाखों छात्रों का भरोसा हो रहा खत्म, जानें- NEET 2024 में क्या है खामी
x

अभिभावकों के एक समूह ने यह भी आरोप लगाया कि पेपर लीक हो गया था और उन्होंने NEET UG 2024 के लिए फिर से परीक्षा की मांग करते हुए एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया। | प्रतीकात्मक छवि

लाखों छात्रों का भरोसा हो रहा खत्म, जानें- NEET 2024 में क्या है खामी

आखिर क्या वजह है जो देश भर में ये असंतोष फैला है? क्यों देश भर के मेडिकल की तयारी करने वाले छात्र सड़कों पर उतर आये हैं और क्यों इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गए हैं? इन सब वजहों को जानने का प्रयास करते हैं.


नीट परीक्षा को लेकर देश भर में छात्रों और अभिभावकों के मन में असंतोष है. आलम ये है कि मामला देश की सर्वोच्च अदालत के समक्ष पहुँच चुका है और अब सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में परीक्षा कराने वाली संस्तान एनटीए से जवाब माँगा है. सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल इस परीक्षा के परिणाम के आधार पर होने वाली काउन्सलिंग को रोकने से इनकार कर दिया है. साथ ही कहा है कि आरोप बेहद गंभीर है, इसलिए सारे संदेह दूर होने जरुरी है.

आखिर क्या वजह है जो देश भर में ये असंतोष फैला है? क्यों देश भर के मेडिकल की तयारी करने वाले छात्र सड़कों पर उतर आये हैं और क्यों इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले गए हैं? इन सब वजहों को जानने का प्रयास करते हैं.

अब तक अगर इस मामले में देखें तो मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के कई अभ्यर्थियों ने अंकों में वृद्धि का आरोप लगाया है, जिसके कारण रिकॉर्ड 67 अभ्यर्थियों ने शीर्ष रैंक हासिल की है, जिनमें से छह अभ्यर्थी एक ही परीक्षा केंद्र से थे. सिर्फ ये ही नहीं आरोप पेपर लीक का भी है, छूटे हुए समय के लिए अंतिम समय में ग्रेस मार्क्स और 2024 के नीट परिणामों में गड़बड़ी खबरों के बीच, कई छात्रों ने नीट परीक्षा दोबारा कराने की मांग शुरू की है.

वहीँ, नीट की परीक्षा का आयोजन करने वाली संसथान नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने ऐसी किसी भी अनियमितता से इनकार करते हुए कहा है कि जिन छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं, उनका आधार एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकों में किए गए बदलाव और परीक्षा केंद्रों पर समय गंवाना है. इतना ही नहीं एनटीए ने नीति अंडर ग्रेजुएट परीक्षा लीक के आरोप को सिरे से नकारते हुए इसे कोरी अफवाह करार दिया है. एनटीए ने दावा किया है कि ये रिपोर्ट असत्य है और परीक्षा प्रक्रिया पूरी तरह से सुरक्षित और निष्पक्ष रही है.

नीट अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों ने किन अनियमितताओं का आरोप लगाया है?

पहली और सबसे बड़ी बात ये है कि बड़ी संख्या में शीर्ष रैंक पर आने वाले छात्रों की संख्या में काफी वृद्धि. आरोप है कि पिछले साल मात्र 2 छात्रों के मुकाबले इस बार 67 छात्रों ने परीक्षा में टॉप किया है. इसके अलावा, हरियाणा के फरीदाबाद में एक विशेष केंद्र से एक ही अनुक्रम के रोल नंबर वाले 8 उम्मीदवारों ने टॉप किया है. उनमें से 6 छात्र ऐसे हैं कि जिनकों 720 में से 720 अंक मिले हैं, जबकि शेष दो को 720 में से 718 और 719 अंक मिले हैं.

अभिभावकों के एक समूह ने ये भी आरोप लगाया कि पेपर लीक हो गया था और उन्होंने NEET UG 2024 के लिए फिर से परीक्षा की मांग करते हुए एक ऑनलाइन अभियान शुरू किया. छात्रों ने आरोप लगाया है कि पेपर लीक में निजी कोचिंग संस्थानों की भी भूमिका हो सकती है. पेपर लीक के सिलसिले में बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई(ईओयू) द्वारा 13 लोगों की गिरफ्तारी के बाद उनके आरोप को बल मिला है. गिरफ्तारी के बाद, NTA ने राजस्थान के एक परीक्षा केंद्र पर अलग-अलग प्रश्नपत्र प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के लिए फिर से परीक्षा आयोजित की.

गुजरात में गोधरा जिले में तीन लोगों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है, जिसमें एक स्कूल शिक्षक भी शामिल है, जिसने कथित तौर पर 6 उम्मीदवारों को NEET का प्रश्नपत्र हल करने में मदद की और प्रत्येक उम्मीदवार से ₹10 लाख का वसूल किये. पुलिस ने ₹7 लाख बरामद किए हैं, जो एक उम्मीदवार द्वारा शिक्षक को अग्रिम भुगतान किए गए थे.

इंडिया वाइड पैरेंट्स एसोसिएशन की अध्यक्ष और वकील अनुभा श्रीवास्तव ने कहा कि "कई छात्र कुछ वैध मुद्दे उठा रहे हैं. एक ही अनुक्रम के रोल नंबर वाले छात्रों को समान अंक कैसे मिले? ये एक गंभीर मुद्दा है. हम नहीं चाहते कि ऐसे डॉक्टर हमारे देश की सेवा करें. इसकी जांच होनी चाहिए".

ग्रेस मार्क्स को लेकर क्या है विवाद?

अभ्यर्थियों ने आरोप लगाया कि एनटीए ने अदालत के आदेश के अनुसार अनुग्रह अंक देने का दावा किया है, लेकिन ये अचानक लिया गया निर्णय, बिकुल गलत है, क्योंकि एजेंसी ने इन “ग्रेस मार्क्स” को देने के लिए किसी पद्धति का उल्लेख नहीं किया है.

सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर नितीश राजपूत नाम से हैंडल के माध्यम से पोस्ट किया गया, जिसमें लिखा गया कि "प्रक्रिया में पारदर्शिता की मांग लगातार बढ़ रही है. एनटीए के लिए विवाद बढ़ रहा है, क्योंकि लाखों छात्र एनटीए के स्पष्टीकरण में स्पष्टता की कमी का हवाला देते हुए दोबारा परीक्षा की मांग कर रहे हैं और यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग भी कर रहे हैं. परीक्षा के समय की हानि के लिए दिए गए ग्रेस मार्क्स ने निष्पक्षता की चिंता बढ़ा दी है".

विशेषज्ञों के अनुसार, NEET UG 2024 के परिणाम में अंकों की वृद्धि से इस वर्ष मेडिकल संस्थानों में स्थान प्राप्त करना और भी कठिन हो सकता है. कुछ इच्छुक छात्रों ने परिणाम रद्द करने और फिर से परीक्षा कराने की मांग के लिए ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का रुख किया है.

इन आरोपों पर एनटीए का क्या कहना है?

अंकों में वृद्धि के पीछे के कारण का विवरण देते हुए एनटीए ने कहा कि उसे परीक्षा के संचालन के दौरान समय की बर्बादी के बारे में चिंता जताने वाले ज्ञापन प्राप्त हुए थे.

“ऐसे मामलों और रिप्रजेंटेशन पर एनटीए द्वारा विचार किया गया और समानियाकृत स्कोर, जिसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा तैयार और अपनाया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 13 जून 2018 को दिए निर्णय के अनुसार, NEET (UG) 2024 के उम्मीदवारों का अगर परीक्षा केंद्र पर आयोजनकर्ता द्वारा समय की बर्बादी होती है, तो ऐसे में समय की हानि को दूर करने के लिए ग्रेस मार्क्स देकर उसके नुक्सान की भरपायी हो.”

बयान में भी कहा गया है कि "परीक्षा के समय की हानि का पता लगाने के बाद, ऐसे उम्मीदवारों को ग्रेस मार्क्स देकर उनके नुक्सान की भरपाई की गयी. इसलिए, उनके अंक 718 या 719 भी हो सकते हैं".

ग्रेस मार्क्स के स्पष्ट क्रियान्वयन के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर एनटीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को बताया कि प्रश्नपत्र एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तक का उपयोग करके तैयार किया गया था. हालांकि, कुछ छात्रों के पास पुरानी एनसीईआरटी की पाठ्यपुस्तकें थीं.

अधिकारी ने कहा, "हमें इस मुद्दे पर भी एक ज्ञापन मिला था, जिसके कारण एनटीए को उन सभी छात्रों को पाँच अंक देने पड़े, जिन्होंने दो विकल्पों में से एक को चुना था. इस कारण से कुल 44 छात्रों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए, जिसके परिणामस्वरूप टॉपर्स की संख्या में वृद्धि हुई".

Read More
Next Story