का जी देवगौड़ा इसलिए पीएम बनाया था,27 साल पहले जब भड़क उठे लालू यादव
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'का जी देवगौड़ा इसलिए पीएम बनाया था',27 साल पहले जब भड़क उठे लालू यादव

1997 का साल था. उस वक्त लालू यादव के खिलाफ चारा घोटाले की जांच सीबीआई के हवाले थे, एच डी देवगौड़ा पीएम थे. लालू यादव चाहते थे कि जांच ना हो. लेकिन बात नहीं बनी.


देश के सियासी इतिहास में आज भी चर्चा होती है कि अगर चारा घोटाले में लालू यादव का नाम नहीं आया होता तो वो पीएम बने होते. सीपीएम के कद्दावर नेता ज्योति बसू ने पीएम के ऑफर को ठुकरा कर गलती की. यही नहीं मुलायम सिंह के पास भी मौका था. लेकिन लालू प्रसाद यादव ने अड़चन लगा दी. हालांकि हम जिस विषय पर बात करेंगे उसके केंद्र में चारा घोटाला, लालू प्रसाद यादव, सीबीआई और एच डी देवेगौड़ा हैं. संकर्षण ठाकु अपनी किताब में जिक्र करते हैं कि किस तरह से लालू यादव चारा घोटाला केस में सीबीआई जांच नहीं चाहते थे. उन्होंने एच डी देवगौड़ा पर बेजा दबाव भी बनाया. बंधु बिहारी में लिखी गई बातों को हम आपके सामने पेश कर रहे हैं.

चारा स्कैम, सीबीआई और लालू यादव

1997 का साल था. केंद्र में संयुक्त मोर्चा की सरकार थी. बाद के दिनों में इसे आया राम गया राम सरकार का नाम मिला. इस मोर्चे में सबसे बड़ी पार्टी जनता दल थी. लालू यादव के हाथ में कमानी थी. हालांकि वो बिहार की सत्ता उनकी पत्नी राबड़ी देवी के हाथ में थी. चारा घोटाले के बाद विपक्ष हमलावर था. लालू यादव चाहते थे कि सीबीआई जांच ना हो. लेकिन देवगौड़ा ने साफ साफ मना कर दिया था कि उन्हें भारत सरकार चलानी है और सरकार को सरकार की तरह चलेगी. देवगौड़ा के इस रुख से लालू सन्न थे. ऐसा कहा जाता है कि उसके बाद से देवगौड़ी की उल्टी गिनती शुरू हो गई.

देवगौड़ा पर लालू का दबाव नहीं आया काम

बंधु बिहारी में जिक्र है कि सीबीआई ने जब चारा घोटाले में पहली बार लालू प्रसाद से पूछताछ की तो उन्हें बेहद नागवार लगा. दरअसल सरकार भी उनकी थी वो जनता दल के अध्यक्ष भी थे. पीएम उनका अपना था. लालू को उम्मीद नहीं थी कि सीबीआई उनके गिरेबां तक पहुंच जाएगी. वो लिखते हैं पूछताछ के बाद लालू ने देवगौड़ा को फोन किया और तल्ख अंदाज में पूछा और फटकार तक लगा दी. उन्होंने कहा कि जो कुछ हो रहा है कि वो ठीक नहीं. आप षड़यंत्र बीजेपी के खिलाफ करिए उनके खिलाफ क्यों कर रहे हैं.यही नहीं दोनों नेताओं में गरमागरमी भी हुई. मसलन लालू यादव ने यहां तक कह दिया था कि क्या आपको पीएम इसलिए बनाया कि मेरे खिलाफ ही मुकदमा करो. पीएम बनाकर बड़ी गलती की. इस बहस के बाद अब देवगौड़ा के सामने मुश्किलें आने लगीं. उन्हें इस्तीफा देना पड़ा.

इस तरह गुजराल बने पीएम

देवगौड़ा के इस्तीफे के बाद लालू यादव पीएम बनने की जुगत में लग गए. लेकिन चारा घोटाला उनके माथे पर इस तरह से अंकित हो गया कि उनकी हसरत अधूरी रह गई. सीपीएम के कद्दावर नेता ज्योति बसू ने कहा था कि देश की कमान कोई ऐसा शख्स संभाले जो बेदाग हो. ऐसी सूरत में लालू यादव जो चारा घोटाले में सीबीआई जांच का सामना कर रहे थे उनके लिए 7 आरसीआर जाने का रास्ता बंद हो चुका था. लालू यादव ने देखा कि अब कोई विकल्प नहीं बचा है तो उन्होंने आई के गुजराल का नाम सामने रखा और इस तरह से इंद्र कुमार गुजराल के हाथ में देश की बागडोर आ गई.

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