अब बचे हुए चरणों में फाइनल जैसी जंग, आखिर इसके पीछे क्या है वजह
2019 के नतीजों को देखें तो एनडीए के सामने विपक्ष ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर पड़ा था. इन सबके बीच एनडीए को विपक्ष चुनौती पेश करता नजर आ रहा है.
LokSabha Election 2024 News: भारत में चुनाव को भी लोग उत्सव की तरह मनाते हैं. आखिर उसके पीछे की वजह भी तो है, एक एक वोट की कीमत बहुमूल्य है. सात चरणों में हो रहे इस चुनावी प्रक्रिया में तीन चरण संपन्न हो चुके हैं. पहला चरण 19 अप्रैल, दूसरा चरण 26 अप्रैल और तीसरे चरण के लिये सात मई को मतदान हुआ. इन तीनों चरणों में मतों का प्रतिशत 2019 के मुकाबले कम है. इन तीनों चरणों को मिलाकर 283 सीटों के लिए चुनाव हो चुका है जिसमें दक्षिण के राज्यों में केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक शामिल हैं,आंध्र प्रदेश और तेलंगाना की बची हुई सीटों के लिए चुनाव भी चौथे चरण यानी 13 मई को चुनाव संपन्न हो चुका है. इन सबके बीच हम बताएंगे कि बाकी के सात चरणों के चुनाव में चौथा चरण अहम क्यों है
चौथे चरण में यहां हुए थे चुनाव
चौथे चरण में कुल 96 सीटों पर मतदान के बाद चौथे चरण तक 380 सीटों पर चुनाव हो चुका है. यानी 70 फीसद से अधिक सीटों पर उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में लॉक हो चुकी है. अगर आप जादुई आंकड़े 272 के हिसाब से देखें तो राजनीतिक दल अगले तीन चरणों पांचवें, 6वें और 7वें चरण के लिए रणनीति बनाने में जुट जाएंगे. यहां हम आपको बताएंगे कि चौथा चरण कांग्रेस के लिए अहम क्यों है. चौथे चरण में आंध्र प्रदेश की 25, तेलंगाना की 17, बिहार की पांच, झारखंड की चार, मध्य प्रदेश की आठ, ओडिशा की चार, यूपी की 13, पश्चिम बंगाल की 8, जम्मू-कश्मीर में एक सीट पर मतदान हुआ.
चौथा फेज कांग्रेस के लिए अहम क्यों
अगर आप कांग्रेस के लिहाज से देखें तो तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को छोड़कर बाकी राज्यों में उसकी मौजूदगी ना के बराबर है. अगर चौथे चरण में कांग्रेस तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में कांग्रेस बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब हुई तो निश्चित तौर पर उसकी टैली में बढ़ोतरी होगी, क्योंकि अगर आप मध्य प्रदेश को छोड़ दें तो वो शेष राज्यों में पिछलग्गू दल की भूमिका में है. अगर बात महाराशष्ट्र की बात करें तो इंडिया खेमा, एनडीए की तुलना में कुछ अच्छा करता नजर आ रहा है. लेकिन इस सिक्के का दूसरा पहलू यह भी है कि तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में बीजेपी भी अच्छी खासी टक्कर दे रही है. अगर कुछ बड़े राज्यों की बात करें तो तमिलनाडु, राजस्थान, गुजरात, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ में तीसरे चरण के साथ ही चुनाव संपन्न हो चुका है.
हिंदी पट्टी पर जोर
अब बात करेंगे कि बीजेपी के नजरिए से. अगर आप 2019 के नतीजों पर नजर डालें तो हिंदी पट्टी राज्यों में बीजेपी का स्ट्राइक रेट बेहद शानदार था. चौथे चरण के बाद मुख्य रूप से बीजेपी के सामने हिंदी पट्टी पर अपने प्रदर्शन को दोहराने की चुनौती होगी. इन राज्यों में यूपी, बिहार, हरियाणा, दिल्ली शामिल हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र, ओडिशा, हिमाचल और पंजाब भी शामिल हैं. चार चरणों के बाद भी यूपी में 41 सीटों पर चुनाव होना है और इन सीटों पर बीजेपी काबिज रही है. इसका अर्थ यह है कि चौथे चरण के चुनाव के बाद प्रचार का सबसे अधिक यूपी पर रहेगा. अगर यूपी की बात करें तो यहां विरोधी दल भी आक्रामक भूमिका में चुनौती देते नजर आएंगे.