मणिपुर हिंसा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार, सीएम बीरेन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्रियों पर भी बोला हमला
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'मणिपुर हिंसा के लिए कांग्रेस जिम्मेदार', सीएम बीरेन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्रियों पर भी बोला हमला

Manipur violence: बीरेन सिंह कांग्रेस पर पलटवार कर रहे थे. जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर क्यों नहीं गए और तनाव के लिए लोगों से "माफी" क्यों नहीं मांगी.


Manipur ethnic violence: मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Biren Singh) ने हिंसा ग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य (Manipur violence) में चल रही उथल-पुथल के लिए कांग्रेस द्वारा किए गए “पिछले पापों” को जिम्मेदार ठहराया है. सिंह (Biren Singh) ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि मणिपुर में बर्मी शरणार्थियों को बार-बार बसाना और राज्य में म्यांमार स्थित उग्रवादियों के साथ एसओओ समझौते पर हस्ताक्षर करना जैसे उनके पिछले पापों के कारण ही राज्य में संघर्ष हुआ. इन समझौतों का नेतृत्व भारत के तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने किया था.

सिंह (Biren Singh) कांग्रेस पर पलटवार कर रहे थे. जब कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सवाल उठाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मणिपुर (Manipur violence) क्यों नहीं गए और तनाव के लिए लोगों से "माफी" क्यों नहीं मांगी. इससे पहले, मणिपुर में जातीय हिंसा (Manipur violence) भड़कने के 19 महीने बाद मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह (Biren Singh) ने आखिरकार हिंसा के लिए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी और उम्मीद जताई थी कि 2025 में शांति आएगी.

उन्होंने कहा था कि राज्य में जो कुछ हुआ, उसके लिए मैं खेद व्यक्त करना चाहता हूं. कई लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया और कई लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा. मुझे खेद है और मैं माफ़ी मांगना चाहता हूं.

कांग्रेस का हमला

उनके इस बयान के बाद जयराम रमेश ने एक पोस्ट लिखकर पूछा कि प्रधानमंत्री मणिपुर (Manipur violence) जाकर वहां भी यही बात क्यों नहीं कह रहे हैं? उन्होंने कहा कि उन्होंने जानबूझकर 4 मई 2023 से राज्य का दौरा करने से परहेज किया है. जबकि वह देश और दुनिया भर में यात्रा कर रहे हैं. मणिपुर (Manipur violence) के लोग इस उपेक्षा को बिल्कुल नहीं समझ सकते. सिंह ने अब तक मणिपुर में जारी जातीय हिंसा (Manipur violence) की जिम्मेदारी लेने से इनकार कर दिया था.

कांग्रेस पर निशाना

जयराम रमेश की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए बीरेन सिंह (Biren Singh) ने कांग्रेस पर राज्य में आज अशांति पैदा करने का आरोप लगाया. बीरेन सिंह ने कहा कि उनकी माफ़ी विस्थापित लोगों के प्रति दुख की एक सच्ची अभिव्यक्ति है और उन्होंने लोगों से माफ़ी मांगने का आग्रह किया. सिंह ने कहा कि आज मैंने जो माफ़ी मांगी है, वह उन लोगों के लिए दुख व्यक्त करने का एक ईमानदार प्रयास है, जो विस्थापित हो गए हैं और बेघर हो गए हैं. एक मुख्यमंत्री के तौर पर, यह माफ़ करने और जो कुछ हुआ उसे भूल जाने की अपील थी. हालांकि, आपने इसमें राजनीति ला दी है.

मुख्यमंत्री (Biren Singh) के अनुसार, मणिपुर में नागा-कुकी संघर्ष (Manipur violence) के परिणामस्वरूप लगभग 1,300 लोगों की मौत हुई और हज़ारों लोग विस्थापित हुए. उन्होंने यह भी बताया कि कई वर्षों तक चली हिंसा में 1992 से 1997 के बीच समय-समय पर वृद्धि हुई. हालांकि संघर्ष का सबसे तीव्र दौर 1992-1993 में था. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संघर्ष (Manipur violence) 1992 में शुरू हुआ और लगभग पांच साल (1992-1997) तक अलग-अलग तीव्रता के साथ जारी रहा. यह अवधि पूर्वोत्तर भारत में सबसे खूनी जातीय संघर्षों (Manipur violence) में से एक थी, जिसने मणिपुर में नागा और कुकी समुदायों के बीच संबंधों को गहराई से प्रभावित किया.

कांग्रेस के प्रधानमंत्रियों ने माफी मांगी?

इसके बाद बीरेन सिंह (Biren Singh) ने पूछा कि क्या उस समय के पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और इंद्र कुमार गुजराल ने मणिपुर का दौरा कर अतीत में हुए संघर्षों (Manipur violence) के लिए माफी मांगी थी? उन्होंने कांग्रेस पर समाधान पर ध्यान देने के बजाय मुद्दे का "राजनीतिकरण" करने का आरोप लगाया. उन्होंने (Biren Singh) जानना चाहा कि क्या पीवी नरसिम्हा राव, जो 1991 से 1996 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे और इस दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे, माफी मांगने मणिपुर जाएंगे?

उन्होंने (Biren Singh) पूछा कि कुकी-पाइट संघर्ष (Manipur violence) में राज्य में 350 लोगों की जान चली गई है. कुकी-पाइट संघर्ष (1997-1998) के दौरान आईके गुजराल भारत के प्रधानमंत्री थे. क्या उन्होंने मणिपुर (Manipur violence) का दौरा किया और लोगों से माफ़ी मांगी? एक्स पर अपने पोस्ट में कहा कि मणिपुर (Manipur violence) में मूल मुद्दों को हल करने के लिए प्रयास करने के बजाय, कांग्रेस हर समय इस पर राजनीति क्यों कर रही है? बता दें कि मई 2023 से मणिपुर में इम्फाल घाटी स्थित मैती और आसपास के पहाड़ों पर स्थित कुकी-जो समूहों की भागीदारी वाली जातीय हिंसा (Manipur violence) में 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और हजारों लोग बेघर हो गए हैं.

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