
अब मुस्लिम समाज को सोच समझ कर देंगे टिकट, मायावती क्यों हो गईं नाराज?
यूपी से आए आम चुनाव 2024 के नतीजे बीजेपी के साथ बीएसपी को भी हैरान कर रहे हैं. बीएसपी मुखिया मायावती ने कहा कि अब मुस्लिम समाज को टिकट सोच समझ कर ही देंगे.
क्या उत्तर प्रदेश में बीएसपी अंतिम सांस गिन रही है. अगर लोकसभा और विधानसभा में मिली जीत को पैमाना माना जाए तो बीएसपी का वजूद करीब करीब खत्म है, ऐसा कहने के पीछे दो वजह है. दो साल पहले विधानसभा के चुनाव में बीएसपी को सिर्फ एक सीट बलिया के रसड़ा से मिली थी. उस सीट से उमाशंकर सिंह विजयी रहे और कहा जाता है कि बीएसपी का योगदान सिर्फ इतना सा था कि वो हाथी सिंबल पर किस्मत आजमा रहे थे. अब अगर आम चुनाव 2024 के नतीजों की बात करें तो बीएसपी को एक भी सीट नहीं मिली है. बीएसपी ने 2014 के प्रदर्शन को एक बार फिर दोहराया है. 2014 में भी मायावती को लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी.
1989 में बीएसपी ने लड़ा था पहला लोकसभा चुनाव
बीएसपी ने पहली दफा लोकसभा का चुनाव 1989 में लड़ा था उस वक्त पार्टी खुद के लिए जमीन बना रही थी. बावजूद उसके 9.90 फीसद मत पार दो सीटों पर जीत दर्ज की. लेकिन 2024के नतीजों की बात करें तो मत प्रतिशत में गिरावट के साथ ही एक भी सीट पर जीत नहीं मिली. बता दें कि 2024 में बीएसपी का वोट शेयर 9.14 फीसद है. यहां एक और दिलचस्प आंकड़े पर गौर करने वाली बात है जिन चरणों में मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने रैली की है वहां पार्टी का प्रदर्शन बेहतर रहा है. आकाश आनंद ने कुल तीन चरणों में 26 सीटों पर सभा की. उनमें से 19 सीटों पर बीएसपी उम्मीदवार को 50 हजार से अधिक और 6 सीटों पर एक लाख से अधिक मत मिले हैं. तीसरे चरण के चुनाव के बादी ही मायावती ने उन्हें पद से हटाया और प्रचार की जिम्मेदारी ले ली. बाद के 64 सीटों पर हुए चुनाव में 24 सीट पर 50 हजार से अधिर 11 सीट पर एक लाख से अधिक वोट और शेष सीट पर निराशाजनक प्रदर्शन रहा. इसका अर्थ यह है कि मायावती के अपने वोटर्स ही शिफ्ट हो गए.