
अब ‘मनरेगा बचाओ’ मुहिम में कूद पड़ी कांग्रेस, 5 जनवरी से आंदोलन का एलान
CWC बैठक में कांग्रेस नेताओं ने 5 जनवरी से ‘मनरेगा बचाओ अभियान’ का नेतृत्व करने की शपथ ली। 5 जनवरी से देशभर में कार्यक्रम, रैलियां और जनसभाएं आयोजित की जाएंगी।
आखिरकार कांग्रेस ने तय कर लिया है कि वो मनरेगा से महात्मा गांधी का नाम हटाने और उस योजना का स्वरूप बदलने के खिलाफ लड़ेगी। बड़े फैसले लेने वाली कांग्रेस की सर्वोच्च संस्था कांग्रेस कार्य समिति की शनिवार को हुई बैठक के बाद कांग्रेस ने घोषणा की है कि वह VB-G RAM G Act, 2025 के खिलाफ 5 जनवरी से एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू करेगी। बीजेपी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार यह कानून यूपीए दौर की मनरेगा (MGNREGA) रोजगार गारंटी योजना की जगह लाया गया है।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि मनरेगा को खत्म करने का फैसला सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने लिया, जिसमें संबंधित मंत्री और कैबिनेट से कोई परामर्श नहीं किया गया। कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद मनरेगा को VB-G RAM G Act से बदले जाने के मुद्दे पर पार्टी की रणनीति बताते हुए राहुल गांधी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ प्रेस को बताया कि इस योजना को खत्म करने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा।
राहुल गांधी की टिप्पणियों पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आरोपों को पूरी तरह राजनीतिक बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि सत्ता में रहते हुए कांग्रेस के पास ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना को मजबूत करने की न तो मंशा थी और न ही नीति। उन्होंने VB-G RAM G Act को भविष्य करार दिया।
राहुल गांधी ने कहा, “मुझे बताया गया है कि (मनरेगा को खत्म करने का) फैसला सीधे पीएमओ ने लिया, जिसमें संबंधित मंत्री और कैबिनेट से सलाह नहीं ली गई। आप स्थिति समझ सकते हैं, यह एक व्यक्ति का शो है। नरेंद्र मोदी जी वही करते हैं जो वे चाहते हैं। सारा लाभ कुछ चुनिंदा अरबपतियों को मिलेगा… यह कार्यक्रम ढह जाएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को चोट पहुंचेगी।”
उन्होंने कहा कि मनरेगा केवल एक नीति नहीं, बल्कि अधिकार-आधारित अवधारणा थी और देश में करोड़ों लोगों को न्यूनतम मजदूरी इसलिए मिली क्योंकि यह कानून मजदूरी भुगतान के लिए एक आधार रेखा की तरह काम करता था।
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मनरेगा पंचायत राज व्यवस्था जो तीसरा स्तर है,उसको राजनीतिक भागीदारी, वित्त और समर्थन देता था। यह अधिकार-आधारित अवधारणा पर सीधा हमला है। इसके बाद यह राज्यों और संघीय ढांचे पर हमला है। जो पैसा लिया जा रहा है, वह केंद्र द्वारा हड़प लिया जाएगा। यह सत्ता और वित्त का केंद्रीकरण है। इससे देश और गरीब लोगों को नुकसान होगा। यह गरीबों को चोट पहुंचाएगा।”
खड़गे ने कहा कि पार्टी 5 जनवरी से पूरे देश में ‘मनरेगा बचाओ अभियान’ का नेतृत्व करेगी। जबकि VB-G RAM G Act, 2025 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल चुकी है और इसने यूपीए दौर की मनरेगा को प्रतिस्थापित कर दिया है, कांग्रेस इस मुद्दे को जीवित रखने की उम्मीद कर रही है और CWC बैठक में आगे के कदमों पर चर्चा की गई।
खड़गे ने कहा, “मनरेगा को निरस्त किए जाने से लोग नाराज हैं। सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे।” वे बोले, “हम ग्रामीण मजदूरों के सम्मान, रोजगार, मजदूरी और समय पर भुगतान के अधिकारों के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे और मांग-आधारित रोजगार तथा ग्राम सभा के अधिकारों की रक्षा करेंगे।”
पार्टी लोकतांत्रिक तरीके से महात्मा गांधी का नाम मनरेगा से “मिटाने की साजिश” और “श्रमिकों के अधिकारों को दान में बदलने” का विरोध करेगी।
VB-G RAM G Act के तहत केंद्र और राज्यों के बीच लागत-साझेदारी के प्रावधान का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि इससे राज्यों पर अतिरिक्त खर्च का बोझ पड़ेगा और इसे बिना परामर्श लिया गया एकतरफा फैसला बताया। उन्होंने कहा, “यह कानून गरीबों को कुचलने के लिए लाया गया है। हम इसके खिलाफ सड़कों पर और संसद में लड़ेंगे।”
CWC बैठक में कांग्रेस नेताओं ने 5 जनवरी से ‘मनरेगा बचाओ अभियान’ का नेतृत्व करने की शपथ ली। 5 जनवरी से देशभर में कार्यक्रम, रैलियां और जनसभाएं आयोजित की जाएंगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विरोध प्रदर्शन की विस्तृत योजना कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने तैयार की है लेकिन वे व्यक्तिगत कारणों से शनिवार की बैठक में मौजूद नहीं थीं।
कांग्रेस पर पलटवार करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “यह वही कांग्रेस है जिसने चुनावी फायदे के लिए महात्मा गांधी का नाम जोड़ा। यही वह कांग्रेस है जिसने समय-समय पर मनरेगा का बजट घटाया, मजदूरी फ्रीज की। आज कांग्रेस नेता मगरमच्छ के आंसू बहा रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “आज जब तकनीक, पारदर्शिता और समय पर भुगतान का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि पैसा सीधे मजदूर के खाते में पहुंचे, तो कांग्रेस इसे हमला बता रही है।”
VB-G RAM G Act के तहत, चौहान ने कहा कि रोजगार को और मजबूत किया गया है और काम के दिनों की संख्या 100 से बढ़ाकर 125 कर दी गई है। उन्होंने कहा कि नए कानून में तय समय के भीतर काम न मिलने पर बेरोजगारी भत्ता और मजदूरी भुगतान में देरी होने पर भी प्रावधान है।
चौहान ने कहा, “ग्राम सभाओं और पंचायतों की शक्तियों को कमजोर नहीं किया जा रहा; बल्कि उन्हें और सशक्त किया जा रहा है। कार्यान्वयन, निगरानी और गुणवत्ता आश्वासन की जिम्मेदारी स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित की गई है।”
उन्होंने बताया कि खर्च और भुगतानों की सार्वजनिक समीक्षा के प्रावधान के जरिए सामाजिक ऑडिट को अनिवार्य किया गया है, साथ ही महिलाओं, स्वयं सहायता समूहों और समुदाय की सक्रिय भागीदारी पर भी जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा VB-G RAM G Act को भविष्य बताते हुए कहा,“अधिकार दया के आधार पर नहीं दिए जा रहे; उन्हें गारंटी और सम्मान के साथ प्रदान किया जा रहा है।”

