
IAF की बढ़ेगी ताकत, HAL के साथ 97 तेजस Mk1A विमान खरीदने के लिए हुआ समझौता, 2027 से होगी डिलिवरी
सिंगल-इंजन Mk1A वायुसेना के पुराने मिग-21 लड़ाकू विमानों की जगह लेगा। फिलहाल वायुसेना के फाइटर स्क्वाड्रन की संख्या 42 के मुकाबले घटकर 31 रह गई है.
रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के साथ 97 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) ‘तेजस’ Mk1A खरीदने का बड़ा करार किया है. इस रक्षा सौदे पर 62,370 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इस खरीद समझौते में 68 फाइटर और 29 ट्रेनर (ट्विन-सीटर) विमान शामिल हैं. इनकी डिलीवरी साल 2027-28 से शुरू होगी और छह साल में पूरी होगी.
सिंगल-इंजन Mk1A वायुसेना के पुराने मिग-21 लड़ाकू विमानों की जगह लेगा। फिलहाल वायुसेना के फाइटर स्क्वाड्रन की संख्या 42 के मुकाबले घटकर 31 रह गई है, इसलिए इन नए विमानों का शामिल होना अहम माना जा रहा है. तेजस एक मल्टी-रोल फाइटर जेट है, जो एयर डिफेंस, समुद्री निगरानी और स्ट्राइक मिशन जैसे कामों में सक्षम है. यह खतरनाक हालात में भी प्रभावी ढंग से ऑपरेशन कर सकता है.
नए विमानों में 64% से ज्यादा हिस्सा स्वदेशी होगा. इसमें 67 नई चीजें जोड़ी गई हैं, जिनमें उत्तम AESA रडार, ‘स्वयं रक्षा कवच’ सिस्टम और नए कंट्रोल एक्ट्यूएटर्स शामिल हैं. ये सुधार आत्मनिर्भर भारत को और मजबूती देंगे. इस प्रोजेक्ट से 105 भारतीय कंपनियों को काम मिलेगा और करीब 11,750 लोगों को हर साल सीधी और अप्रत्यक्ष नौकरी मिलने की उम्मीद है। इससे देश का एयरोस्पेस सेक्टर भी मजबूत होगा।
यह खरीद रक्षा अधिग्रहण प्रक्रिया 2020 की ‘बाय (इंडिया-IDDM)’ श्रेणी के तहत हुई है. तेजस Mk1A सबसे उन्नत स्वदेशी लड़ाकू विमान है और आने वाले समय में भारतीय वायुसेना की ताकत को और बढ़ाएगा.