Modi 3.0 के 100 दिन पर कांग्रेस- समस्याओं का नहीं समाधान, कश्मीर के आतंकी हमले व मणिपुर हिंसा बनी उपलब्धि
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Modi 3.0 के 100 दिन पर कांग्रेस- समस्याओं का नहीं समाधान, कश्मीर के आतंकी हमले व मणिपुर हिंसा बनी उपलब्धि

मोदी 3.0 के 100 दिन पूरे होने पर कांग्रेस ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में एक कमजोर प्रधानमंत्री साबित हुए हैं, जो यू-टर्न के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं.


Modi 3.0 100 Days: मोदी 3.0 के 16 सितंबर को 100 दिन पूरे हो गए. ऐसे में कांग्रेस ने दावा किया है कि नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल में एक “कमजोर” प्रधानमंत्री साबित हुए हैं, जो बैसाखी पर झुक रहे हैं और यू-टर्न के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं.

कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा है कि पिछले 100 दिनों में देश के किसानों, युवाओं, महिलाओं, बुनियादी ढांचे, रेलवे और समग्र शांति पर भारी असर पड़ा है. उन्होंने एआईसीसी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इन 100 दिनों ने साबित कर दिया है कि मोदी के पास देश की समस्याओं के लिए न तो कोई समाधान है और न ही कोई विजन.

अस्थिरता, अनिर्णय, अपरिपक्वता

उन्होंने दावा किया कि मुद्दों से आंखें मूंद लेने और चुनौतियों से भागने की मोदी की आदत अभी भी कायम है. इन 100 दिनों में सरकार का हर पल अस्थिरता, अनिर्णय और अपरिपक्वता से भरा रहा है. पंचर गुब्बारे को फुलाने के कई प्रयास हुए. लेकिन लोकसभा चुनाव में जनता द्वारा चुभे गए कांटे ने नरेंद्र मोदी को फिर से उभरने का कोई मौका नहीं दिया. श्रीनेत ने कहा कि क्या आपको चुनाव प्रचार के दौरान किए गए बड़े-बड़े दावों की याद है, जो नरेंद्र मोदी पहले 100 दिनों के लिए योजना बना रहे थे? अब वह योजना कहां है? क्योंकि पहले दिन से ही मोदी एक कमज़ोर प्रधानमंत्री साबित हुए हैं, जो बैसाखियों पर निर्भर हैं और यू-टर्न के नए रिकॉर्ड बना रहे हैं. उन्होंने सिविल सेवा में लेटरल एंट्री, ब्रॉडकास्ट बिल, वक्फ बिल, इंडेक्सेशन और एनपीएस पर "यू-टर्न" का हवाला दिया.

योजना

प्रधानमंत्री से सवाल करते हुए श्रीनेत ने पूछा कि क्या उनके पास अगले पांच साल के लिए कोई योजना या विजन है. श्रीक्या आपके पास हमारे पड़ोसी देशों के साथ संबंध सुधारने की कोई योजना है? क्या आपके पास अर्थव्यवस्था, आय असमानता, बेरोजगारी, मुद्रास्फीति या महिला सुरक्षा को संबोधित करने की कोई योजना है? उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के अलावा आपने क्या किया है? वास्तव में, जिन लोगों को आपने भ्रष्ट कहा था, वे सभी अब भाजपा में हैं. क्या अब आप भ्रष्टाचार को वैध बनाने की योजना बना रहे हैं? एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आपको कई बार फटकार लगाई है. क्या आप भाजपा के मुखौटे के रूप में एजेंसियों का उपयोग करना जारी रखेंगे या आप उन्हें मुक्त करने की योजना बना रहे हैं?

श्रीनेत ने कहा कि आपके पास कुछ नहीं बचा है. आरएसएस के साथ आपके रिश्ते खराब हो गए हैं. आपकी पार्टी में अंदरूनी कलह है और आपकी सरकार दिशाहीन है. कुछ लोगों की चापलूसी आपको सुकून दे सकती है. लेकिन आप देश की वास्तविकता से कटे हुए हैं.

रेल दुर्घटनाएं, ढहता बुनियादी ढांचा

उन्होंने कहा कि पिछले 100 दिनों में 38 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 21 लोगों की मौत हुई है और 112 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं. कंचनजंघा एक्सप्रेस दुर्घटना से लेकर लगातार पटरी से उतरने की घटनाओं तक शायद ही कोई दिन ऐसा गुज़रता हो, जब कोई ट्रेन पटरी से न उतरी हो. श्रीनेत ने दावा किया कि इस बीच, रेल मंत्री इन दुर्घटनाओं को मामूली घटना बताकर रील बनाने में व्यस्त हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार के 100 दिनों में बुनियादी ढांचा चरमरा गया और भ्रष्टाचार उजागर हो गया. उन्होंने कहा कि हवाईअड्डों, पुलों, सड़कों और हाल ही में उद्घाटन की गई मूर्तियों सहित 56 प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाएं ध्वस्त हो गईं.

उन्होंने आरोप लगाया कि जबलपुर, दिल्ली और राजकोट एयरपोर्ट एक भी बारिश नहीं झेल पाए. शिवाजी की प्रतिमा आठ महीने में ही टूट गई. नए संसद भवन की छत से पानी टपक रहा है और नीचे बाल्टियों में पानी गिर रहा है. यह विफलता का सबूत है. (अयोध्या) राम मंदिर के गर्भगृह में पानी रिस रहा है. 18,000 करोड़ रुपये की लागत से बने अटल सेतु में दरारें आ गई है. गुजरात में फरवरी में उद्घाटन किए गए सुदर्शन सेतु में अब दरारें और गड्ढे हैं.

आतंकवादी हमले

श्रीनेत ने आतंकवादी हमलों का मुद्दा भी उठाया और कहा कि 100 दिनों की अवधि में 26 ऐसे हमले हुए, जिनमें 21 जवान शहीद हुए. उन्होंने कहा कि हमलों में 29 सैनिक घायल हो गये और 15 नागरिक मारे गए. उन्होंने दावा किया कि अब जम्मू में आतंकवादी हमले हो रहे हैं और कानून-व्यवस्था की स्थिति बिगड़ गई है.

अडानी और सेबी प्रमुख

श्रीनेत ने यह भी आरोप लगाया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ गए हैं और पेपर लीक तथा परीक्षा रद्द होने की घटनाएं बढ़ गई हैं. उन्होंने दावा किया कि आर्थिक स्थिति बिगड़ रही है. रुपया ऐतिहासिक रूप से निम्नतम स्तर पर है, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 43 प्रतिशत कम हो गया है और बेरोजगारी आठ महीने के उच्चतम स्तर पर है. पिछले 100 दिनों में प्रधानमंत्री के “करीबी सहयोगी अडानी” से जुड़े घोटालों के बारे में नए खुलासे हुए हैं. उन्होंने पूछा कि इस बार सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ भ्रष्टाचार, हितों के टकराव और सत्ता के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. फिर भी आप चुप हैं. आप माधबी बुच को क्यों बचा रहे हैं? आपको किन रहस्यों के उजागर होने का डर है?

जलता मणिपुर

श्रीनेत ने दावा किया कि लद्दाख के चरवाहों ने चीन की घुसपैठ के बारे में बार-बार चेतावनी दी थी. लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई. उन्होंने कहा कि अब लद्दाख से हज़ारों लोग दिल्ली की ओर मार्च कर रहे हैं- अब आप क्या करेंगे? क्या आप उनके रास्ते में खाइयां खोदेंगे और किलेबंदी करेंगे? क्योंकि निश्चित रूप से आपके पास चीन का नाम लेने की हिम्मत नहीं है. श्रीनेत ने दावा किया कि सरकार ने मणिपुर को “जलने” के लिए छोड़ दिया है, वहां हिंसा में ड्रोन, रॉकेट और आरपीजी का इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले दो हफ्तों में 12 लोग मारे गए और सुरक्षा बलों पर हमले हुए. लेकिन प्रधानमंत्री के पास मणिपुर जाने का समय नहीं है.

उन्होंने कहा कि शायद यह उम्मीद करना बहुत ज्यादा है- 16 महीने की निष्क्रियता के बाद, अब 100 दिनों के भीतर वह यहां क्यों आएंगे? श्रीनेत ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी द्वारा 100 दिन के एजेंडे की बात करना उनके अन्य नारों की तरह ही महज बयानबाजी थी. सच्चाई यह है कि उनके पास कोई योजना, कोई विजन और कोई एजेंडा नहीं बचा है. बस, किसी भी तरह सत्ता पर काबिज होने की बेताबी है, ताकि अपने ए-1 और ए-2 वर्ग के खजाने को भर सकें, चाहे इसके लिए कई संस्थानों को बर्बाद क्यों न करना पड़े.

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