किसानों को मोदी कैबिनेट की बड़ी सौगात, कृषि क्षेत्र के लिए 14 हजार करोड़ की मंजूरी
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किसानों को मोदी कैबिनेट की बड़ी सौगात, कृषि क्षेत्र के लिए 14 हजार करोड़ की मंजूरी

कैबिनेट ने किसानों के कल्याण को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों के लिए कुल मिलाकर लगभग 14,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी.


Modi Cabinet: कैबिनेट ने सोमवार को कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए. इस दौरान किसानों के कल्याण को बढ़ाने के उद्देश्य से विभिन्न पहलों के लिए कुल मिलाकर लगभग 14,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई. कई फैसलों में सरकार ने डिजिटल कृषि, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और टिकाऊ खेती पर ध्यान केंद्रित करते हुए सात प्रमुख परियोजनाओं को मंजूरी दी.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसलों के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि प्रमुख स्वीकृतियों में से एक डिजिटल कृषि मिशन है, जिसे 2,817 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे. इस मिशन से दक्षता और उत्पादकता में सुधार के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण करने की उम्मीद है. कैबिनेट ने खाद्य और पोषण सुरक्षा के लिए फसल विज्ञान के लिए 3,979 करोड़ रुपये के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. इस पहल का उद्देश्य फसल विज्ञान में अनुसंधान और विकास को बढ़ाना है, जिससे आबादी के लिए बेहतर खाद्य उपलब्धता और पोषण सुनिश्चित हो सके.

इसके अलावा कृषि शिक्षा, प्रबंधन और सामाजिक विज्ञान को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. यह धनराशि देश भर में कृषि शिक्षा और प्रबंधन कार्यक्रमों के विकास को सपोर्ट करेगी. कैबिनेट ने पशुधन के स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार पर ध्यान केंद्रित करते हुए सतत पशुधन स्वास्थ्य और उत्पादन के लिए 1,702 करोड़ रुपये भी निर्धारित किए हैं.

बागवानी के सतत विकास के लिए कैबिनेट ने 860 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं. इस पहल का उद्देश्य बागवानी फसलों के उत्पादन और गुणवत्ता को बढ़ाना है, जिससे कृषि क्षेत्र के समग्र विकास में योगदान मिलेगा. इसके अतिरिक्त कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) को मजबूत करने के लिए 1,202 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं, जो किसानों को कृषि तकनीक ट्रांसफर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन के लिए 1,115 करोड़ रुपए मंजूर किए गए हैं, जिसमें कृषि गतिविधियों के लिए संसाधनों के सतत उपयोग पर जोर दिया गया है.

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