
मानसून सत्र 21 जुलाई से, विशेष सत्र की मांग पर सरकार ने लगाया विराम
केंद्र सरकार ने 21 जुलाई से संसद के मानसून सत्र की घोषणा की है जबकि विपक्ष की ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष सत्र बुलाने की मांग को खारिज कर दिया गया था।
Parliament Monsoon Session News: केंद्र सरकार ने बुधवार को संसद के मानसून सत्र की तारीखों की घोषणा कर दी है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 12 अगस्त 2025 तक चलेगा। यह घोषणा उस समय आई है जब विपक्ष ने 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की थी, जिसे सरकार ने अस्वीकार कर दिया।
संसद का अगला सत्र तय
किरण रिजिजू ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा, हमने निर्णय लिया है कि संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होगा और 12 अगस्त को समाप्त होगा। कैबिनेट कमेटी ऑन पार्लियामेंट्री अफेयर्स ने यह तारीख तय की है और अब इसे राष्ट्रपति जी को भेजा जाएगा ताकि दोनों सदनों की बैठक बुलाई जा सके।"यह सत्र लगभग तीन महीने के अंतराल के बाद आयोजित किया जा रहा है, और यह दोनों सदनों - लोकसभा और राज्यसभा - के लिए होगा।
विपक्ष की मांग और सरकार का जवाब
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को एक्स (पूर्व ट्विटर) पर विपक्ष की ओर से एक पत्र साझा किया, जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी के हस्ताक्षर भी थे। पत्र में उन्होंने लिखा:"हम, इंडिया गठबंधन के नेता, 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले और उसके बाद की स्थिति पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग दोहराते हैं।सरकार की ओर से जवाब देते हुए रिजिजू ने कहा,"हमारे लिए हर सत्र एक विशेष सत्र होता है। संसद के नियमों के तहत, सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है।
सरकार पर विपक्ष का तंज
सरकार के इस रुख पर तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने तीखा तंज कसते हुए लिखा Parliamentophobia मोदी सरकार की वह मानसिक स्थिति है जिसमें वह संसद का सामना करने से डरती है। विशेष सत्र से भाग रही है। जहां एक ओर सरकार आगामी मॉनसून सत्र को लेकर आश्वस्त है, वहीं विपक्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे संवेदनशील मुद्दों पर अलग से ध्यान देने की मांग करता रहा है। अब देखना यह होगा कि संसद में इस विषय पर क्या चर्चा होती है और दोनों पक्षों की क्या रणनीति रहती है।