
संसद के मानसून सत्र में घमासान तय, बड़े मुद्दों पर आमने-सामने दल
संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। विपक्ष ऑपरेशन सिंदूर, ट्रंप के युद्ध रोकने के दावे और बिहार में SIR घोटाले पर सरकार को घेरने को तैयार है।
Parliament Monsoon Session: संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने जा रहा है जो 21 अगस्त तक चलेगा। यह सत्र राजनीतिक रूप से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि विपक्ष ने कई संवेदनशील मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने की रणनीति तैयार कर ली है।इस बार सत्र की शुरुआत से पहले ही सियासी माहौल गर्माया हुआ है। विपक्ष ने पांच बड़े मुद्दों को संसद में उठाने का ऐलान किया है। पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और विदेश नीति, सीजफायर पर डोनाल्ड ट्रंप के दावे, बिहार में वोटर वेरिफिकेशन अभियान और अहमदाबाद प्लेन हादसा। इन सभी सवालों पर विपक्ष सरकार से सीधे जवाब चाहता है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में व्यक्तिगत रूप से सफाई देने की मांग कर रहा है।
विपक्ष की रणनीति और सरकार की प्रतिक्रिया
एक दिन पहले हुई ऑल पार्टी मीटिंग में विपक्ष ने इन सभी मुद्दों को जोर-शोर से उठाया। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि सरकार को पहलगाम हमले जैसे मुद्दों पर अपनी जिम्मेदारी स्पष्ट करनी होगी। वहीं, नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद अल्ताफ लारवी ने भी इस हमले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए संसद में चर्चा की मांग की।
AAP का हमला
आप सांसद संजय सिंह ने बिहार के वोटर वेरिफिकेशन को “बड़ा फ्रॉड” बताया और कहा कि “SIR योजना के नाम पर लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
JDU का जवाब
जेडीयू नेता संजय झा ने विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए कहा कि चुनाव आयोग ईमानदारी से काम कर रहा है और किसी भी मुद्दे पर सब मिलकर बात करेंगे।
सरकार का रुख
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने भरोसा दिलाया कि सरकार विपक्ष के हर सवाल का जवाब देने को तैयार है। सत्र को सफल और सौहार्दपूर्ण बनाने के लिए दोनों पक्षों को मिलकर काम करना चाहिए।
जनता को क्या मिलेगा?
विपक्ष की ओर से सवालों की लंबी फेहरिस्त तैयार है, सरकार भी जवाब के लिए कमर कस चुकी है। लेकिन असली सवाल अब यह है क्या इन चर्चाओं से आम जनता को कोई ठोस जवाब मिलेगा या यह सत्र भी राजनीतिक तूफानों की भेंट चढ़ जाएगा? संसद का यह मानसून सत्र न सिर्फ राजनीतिक बहसों से भरा होगा बल्कि 2025 के विधानसभा चुनावों से पहले सरकार और विपक्ष के लिए अपनी-अपनी छवि मजबूत करने का आखिरी मौका भी साबित हो सकता है।