इसलिए केजरीवाल के घर से नहीं मिलीं नोटों की गड्डियां, पीएम मोदी ने यूं समझाया
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इसलिए केजरीवाल के घर से नहीं मिलीं नोटों की गड्डियां, पीएम मोदी ने यूं समझाया

चुनाव में भ्रष्टाचार का मुद्दा छाया हुआ है. सीएम अरविंद केजरीवाल कहते हैं अजी यह सब साजिश है. लेकिन पीएम ने बताया कि आखिर केजरीवाल जी के घर से नोटों की बरामदगी क्यों नहीं हुई.


Narendra Modi on Corruption: दिल्ली शराब घोटाले में आम आदमी पार्टी के शीर्ष चेहरे अदालत का सामना कर रहे हैं. सीएम केजरीवाल 1 जून तक जमानत पर बाहर हैं, संजय सिंह को शर्तों के साथ जमानत मिली हुई है और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को राहत नहीं मिली है. यानी कि वो अभी जेल में हैं. आप के नेता कहते हैं कि जिस रिश्वत की बात की जा रही है एक चवन्नी तो मिली नहीं. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल भी यही बात कहते हैं. ऐसे में एक पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि आखिर केजरीवाल के घर से नोटों की गड्डियां क्यों नहीं मिल रही हैं.

जो अनुभवी चोर होते हैं...

मीडिया को दिए इंटरव्यू में पीएम ने कहा कि अब देखिए वो अफसर रह चुके हैं, उनको पता है कि सरकार कैसे काम करती है. अधिकारी कैसे काम करते हैं. जब यह प्रकरण सामने आया उससे पहले ही उन्होंने बचाव का इंतजाम कर लिया होगा. बड़ी बात यह है कि जो अनुभवी चोर होते हैं उन्हें सभी ट्रिक्स पता होते हैं. उनको मालूम है कि ईडी और सीबीआई के काम करने का तरीका क्या है. लिहाज वो अपने बचने की सभी व्यवस्था कर लेते हैं.

अब कार्रवाई ना हो तो...

पीएम मोदी से कई तरह के सवाल किए गए. मसलन आपने दो राज्यों के सीएम को जेल में डाल दिया. इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं कि देखिए जी अगर सरकार किसी तरह की कार्रवाई ना करे तो लोग कहेंगे कि सांठगांठ है. आप खुद ही बताइए कि नोटों के पहाड़ नजर आए थे या नहीं. अब जब नोटों के पहाड़ नजर आएंगे और सरकार की तरफ से एक्शन नहीं लिया जाएगा तो लोगों को लगेगा कि दाल में कुछ काला है, कुछ मिलीभगत है. वो साफ करना चाहते हैं कि किसी को भी गरीबों की कमाई पर डाका डालने का हक नहीं है,जो लोग इस तरह के काम में लिप्त पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है. साक्ष्यों के आधार पर ही एक्शन हो रहा है. आप दिल्ली को देखिए क्या हुआ. बच्चों के भविष्य को तबाह करने के लिए स्कूलों के पास शराब के ठेके खोले गए है. आप खुद बताइए क्या यह सही है.
क्या कहते हैं सियासी जानकार
दिल्ली की सियासत पर आम लोग हों या खास हर एक का कहना है कि लड़ाई यहां की सात सीटों की है. भ्रष्टाचार वो मुद्दा है जिससे कोई भी दल अछूता नहीं है. लेकिन बात जब आम आदमी पार्टी की आती है तो लोगों को 2012-13 का साल याद आता है. दिल्ली का रामलीला मैदान याद आता है. अन्ना हजारे याद आते हैं. अरविंद केजरीवाल नजर आते हैं. अरविंद केजरीवाल वही शख्स हैं जो कहा करते थे कि भ्रष्टाचार की छींट पड़ी तो वो कुर्सी से चिपके रहना पसंद नहीं करेंगे. लेकिन आप सबने देखा कि शराब मामले में जब उनकी गिरफ्तारी हुई तो उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया.
अब तो वो कह रहे हैं कि अदालत से कुछ सुविधा की डिमांड करेंगे जिससे वो जेल से सरकार चला सकें. आपको पता ही होगा कि 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना है. ऐसे में बीजेपी अब खुलकर निशाना साध रही है कि आप के ये लोग वही हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कांग्रेस को सत्ता से बाहर करने में भूमिका निभाई. लेकिन गद्दी पाने के लिए उसी कांग्रेस के साथ जा मिले. यही नहीं केजरीवाल तो साफ साफ कर रहे हैं चाहे कुछ भी हो जाए वो सरकार जेल से ही चलाएंगे. ऐसी सूरत में बीजेपी को लगता है कि वो इस विषय पर आक्रामक तरीके से अपनी बात रखकर मतदाताओं को अपने पाले में ला सकती है.
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