
75 साल सहते रहे, अब जवाब वीरों वाला होगा: पीएम मोदी
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की समस्या कांग्रेस की देन हैं। अगर सरदार वल्लभ भाई पटेल की बात मान लिया गया होता तो यह समस्या नहीं रहती।
गुजरात के एक कार्यक्रम में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में ऑपरेशन सिंदूर के तहत किए गए हवाई हमलों को कैमरे में रिकॉर्ड किया, ताकि देश में कोई व्यक्ति "सबूत" न मांगे।प्रधानमंत्री ने कहा,"हमने 22 मिनट में नौ आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया। और इस बार कैमरे के सामने किया, सारी व्यवस्था रखी थी, ताकि हमारे घर में कोई सबूत न मांगे।"यह टिप्पणी उन्होंने गुजरात की शहरी विकास यात्रा के 20 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित एक समारोह में दी, जिसकी शुरुआत उनके मुख्यमंत्री काल में हुई थी।
प्रधानमंत्री का "सबूत" वाला तंज कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों की ओर था, जिन्होंने अतीत में 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सरकार के दावों पर सवाल उठाए थे। ये दोनों हमले क्रमश: उरी और पुलवामा में हुए आतंकवादी हमलों के जवाब में किए गए थे।
प्रधानमंत्री ने बताया कि 7 मई को भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेने के लिए पाकिस्तान और PoK में सटीक हवाई हमले किए, जिसमें 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी। हमलों के बाद भारतीय सेना ने टारगेट्स की वीडियो फुटेज और "पहले और बाद" की तस्वीरें जारी कीं, जिससे किसी भी प्रकार के संदेह की गुंजाइश नहीं बची।
प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान को भारत की ज़मीन पर आतंक फैलाने के लिए ज़िम्मेदार ठहराया और कहा कि,"चाहे शरीर कितना भी ताकतवर क्यों न हो, अगर उसमें कांटा चुभा हो, तो वो तकलीफ देता रहता है। हमने अब ये तय कर लिया है कि ये कांटा निकालना ही होगा।"देश के बंटवारे का ज़िक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जब भारत 1947 में आज़ाद हुआ, "जंजीरें तो टूटीं, लेकिन बाहें काट दी गईं।" उन्होंने बताया कि"उस रात कश्मीर की ज़मीन पर पहला आतंकी हमला हुआ और पाकिस्तान ने आतंकियों की ताकत से भारत का एक हिस्सा कब्जा लिया। अगर उस दिन ही इन मुजाहिदीनों का खात्मा कर दिया जाता… सरदार पटेल नहीं चाहते थे कि भारतीय सेना पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में रुक जाए, लेकिन उनके शब्दों की अनदेखी की गई।"
यह टिप्पणी स्पष्ट रूप से जवाहरलाल नेहरू पर एक परोक्ष हमला थी, जो देश के पहले प्रधानमंत्री थे।
"75 साल तक सहन करते रहे, अब और नहीं। प्रधानमंत्री ने कहा कि उस रात आतंकवादियों ने "खून का स्वाद चख लिया" था, और इसके बाद बीते 75 वर्षों से हमलों की श्रृंखला जारी है।"पहलगाम में भी इसी विकृत रूप को देखा गया। हमने 75 वर्षों तक सहा। हर बार जब युद्ध हुआ — तीनों बार — भारत की सैन्य ताकत ने पाकिस्तान को पराजित किया। पाकिस्तान समझ गया कि वह युद्ध में भारत से नहीं जीत सकता, इसलिए उसने प्रॉक्सी वॉर (परोक्ष युद्ध) शुरू किया। सैन्य-प्रशिक्षित आतंकियों को भारत भेजा गया।"
"निहत्थे निर्दोष लोग — कोई बस में है, कोई होटल में, कोई पर्यटक है — जहां भी मौका मिला, उन्हें मारते रहे, और हम सहते रहे। क्या अब भी सहना चाहिए?" प्रधानमंत्री के इस सवाल पर जनसभा से जोरदार "नहीं" की आवाज़ आई।"अब ये प्रॉक्सी वॉर नहीं, ये सीधी युद्धनीति है"प्रधानमंत्री ने कहा कि पाकिस्तान की भारत-विरोधी गतिविधियों को अब सिर्फ "प्रॉक्सी वॉर" नहीं कहा जा सकता।
"जिन आतंकियों को मारा गया, उन्हें पाकिस्तान में राजकीय सम्मान दिया गया। उनके शवों पर पाकिस्तानी झंडा लिपटा गया और सेना ने उन्हें सलामी दी। यह इस बात का सबूत है कि ये आतंकी गतिविधियां अब केवल प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि एक सुनियोजित युद्धनीति हैं।अगर वो युद्ध कर रहे हैं, तो जवाब भी उसी स्तर का होगा।""वसुधैव कुटुंबकम की परंपरा, लेकिन जवाब वीरों वाला होगाप्रधानमंत्री ने भारत की परंपरा को याद करते हुए कहा कि"भारत वसुधैव कुटुंबकम में विश्वास करता है — सारी दुनिया एक परिवार है। हम चाहते हैं कि हमारे पड़ोसी शांति से रहें और हमें भी शांति से जीने दें। लेकिन जब बार-बार चुनौती दी जाती है, तो याद रखिए — यह वीरों की भी भूमि है।"