'आतंकियों को मारने की बजाय पकड़ना चाहिए', फारूक अब्दुल्ला के बयान पर विवाद शुरू
आतंकी हमलों को लेकर नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला के बयान के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.
Jammu Kashmir terror attacks: जम्मू-कश्मीर के बडगाम जिले में आतंकियों ने शुक्रवार शाम उत्तर प्रदेश के दो मजदूरों को गोली मार दी. दोनों को अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है. बता दें कि पिछले महीने केंद्र शासित प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद से कश्मीर घाटी में यह पांचवां आतंकी हमला था. ऐसे में नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला ने शनिवार को सुझाव दिया कि जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए आतंकी हमलों के पीछे के मास्टरमाइंड का पता लगाने के लिए आतंकवादियों को मारने के बजाय पकड़ा जाना चाहिए. फारूक अब्दुल्ला के इस बयान के बाद राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है.
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा था कि पकड़े गए आतंकवादियों से पूछताछ करने से इन हमलों को अंजाम देने वाले व्यापक नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती है. फारूक अब्दुल्ला ने बडगाम आतंकी हमले की भी जांच की मांग की और कहा कि उन्हें शक है कि यह उन लोगों द्वारा किया गया है, जो जम्मू-कश्मीर में सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे. इसकी जांच होनी चाहिए. ऐसा कैसे हुआ कि सरकार आई और यह सब हो रहा है? मुझे संदेह है कि यह उन लोगों द्वारा किया गया है, जो सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रहे थे. अगर वे (आतंकवादी) पकड़े जाते हैं तो हमें पता चल जाएगा कि यह कौन कर रहा है. उन्हें मारा नहीं जाना चाहिए, उन्हें पकड़ा जाना चाहिए और पूछा जाना चाहिए कि उनके पीछे कौन है. हमें जांच करनी चाहिए कि क्या कोई एजेंसी है, जो उमर अब्दुल्ला को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है.
वहीं, जब उनसे पूछा गया कि क्या जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए बडगाम आतंकी हमले समेत हर बार पाकिस्तान को दोषी ठहराया जाना चाहिए. इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इसका कोई सवाल ही नहीं है. मैं कहूंगा कि इसकी जांच होनी चाहिए.
वहीं, जेकेएनसी अध्यक्ष के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी-एससीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि केंद्र सरकार को फारूक अब्दुल्ला के बयान को गंभीरता से लेना चाहिए. महाराष्ट्र के बारामती में शरद पवार ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर की सबसे बड़ी शख्सियत हैं. उन्होंने अपना जीवन जम्मू-कश्मीर के लोगों की सेवा में बिताया. मुझे उनकी ईमानदारी और निष्ठा पर कोई संदेह नहीं है. अगर ऐसा कोई नेता कोई बयान दे रहा है तो केंद्र सरकार, खासकर गृह मंत्रालय को इसे गंभीरता से लेना चाहिए और इस पर काम करने की कोशिश करनी चाहिए कि उस स्थिति को कैसे सुलझाया जा सकता है.
वहीं, जम्मू-कश्मीर भाजपा अध्यक्ष रविंदर रैना ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला जानते हैं कि यह आतंकवाद पाकिस्तान से आ रहा है. यह एक सर्वविदित तथ्य है. इसमें जांच करने की क्या बात है? उन्हें पता है कि जम्मू-कश्मीर में जो आतंकी हमले हो रहे हैं, उनमें पाकिस्तान और आतंकी संगठन शामिल हैं. हम सभी को अपनी सेना, पुलिस और सुरक्षा बलों का समर्थन करना चाहिए. हमें मानवता के दुश्मनों के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा.
इससे पहले पूर्व डिप्टी सीएम कविंदर गुप्ता ने इस हमले को त्योहार के दौरान कायराना हमला बताया था. उन्होंने कहा कि यहां कुछ लोग हैं, जो पाकिस्तान के इशारे पर काम कर रहे हैं. त्योहार के मौके पर यह कायराना हमला है. यह गलत है. ऐसे लोगों की पहचान करने की जरूरत है, जो इन हमलों को अंजाम दे रहे हैं. यहां बहुत से लोग हैं, जो अभी भी ओवर ग्राउंड वर्कर और अंडर ग्राउंड वर्कर के तौर पर काम करते हैं.