नेशनल हेराल्ड केस: आसान भाषा में एक नजर आसान
x

नेशनल हेराल्ड केस: आसान भाषा में एक नजर आसान

इस मामले के केंद्र में एक प्रकाशन है, एक कंपनी जो इसे नियंत्रित करती थी, जिसका नाम AJL था और एक कंपनी जिसने इसे बाद में खरीद लिया, जिसका नाम यंग इंडियन था; इनके और राहुल व सोनिया गांधी के बीच सैकड़ों करोड़ रुपये से जुड़ा एक पुराना मामला है।


अगर नेटफ्लिक्स इस केस पर डॉक्यूमेंट्री बनाए तो शायद 12 सीजन तक चले, हर सीजन में 20 एपिसोड! यह कहानी आजादी की लड़ाई के दौर से शुरू होती है और सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट, ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) और इनकम टैक्स जैसे दफ्तरों तक जाती है। इस केस का केंद्र हैं सोनिया गांधी और राहुल गांधी और इसके इर्द-गिर्द मीडिया ट्रायल और सोशल मीडिया ट्रायल भी चलता रहा है।

क्या है केस?

1937 में पंडित नेहरू ने एक कंपनी बनाई - Associated Journals Limited (AJL), जिसमें करीब 5000 स्वतंत्रता सेनानी दानदाता थे। इसका कोई निजी मालिक नहीं था। इस कंपनी ने तीन अखबार निकाले। एक अंग्रेजी में (National Herald), एक हिंदी में और एक उर्दू में। नेहरू खुद National Herald में लेख लिखा करते थे, यहां तक कि प्रधानमंत्री बनने के बाद भी। बाद में उनके दामाद फिरोज गांधी AJL के मैनेजिंग डायरेक्टर बने।

विवाद कैसे खड़ा हुआ?

कई साल बाद बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया। आरोप ये था कि उन्होंने एक नई कंपनी Young Indian बनाकर AJL की संपत्ति को हड़प लिया है। यह भी कहा गया कि AJL की करीब ₹5000 करोड़ की संपत्ति है।

क्या है आरोप?

1. AJL ने कांग्रेस से ₹90 करोड़ का कर्ज लिया था, जिसे बाद में Young Indian ने सिर्फ ₹50 लाख में खरीद लिया।

2. Young Indian को Dotex नाम की एक कंपनी से ₹1 करोड़ का कर्ज मिला, जो एक "हवाला कंपनी" बताई जा रही है।

3. Young Indian ने AJL में शेयर खरीद लिए और अब वह इसकी मालिक है। इस कंपनी के 76% शेयर सोनिया और राहुल के पास हैं।

कांग्रेस का जवाब

कांग्रेस का कहना है कि उन्होंने AJL को अखबार चलाने के लिए कई सालों में किस्तों में कर्ज दिया था। सारा लेन-देन चेक से हुआ और उसका रिकॉर्ड मौजूद है। Young Indian का कहना है कि यह एक "Section 25" (अब Section 8) कंपनी है, जिसका मतलब है कि इससे होने वाला कोई फायदा मालिकों में बांटा नहीं जा सकता। उन्होंने Dotex से कानूनी तरीके से कर्ज लिया था और बाद में उसे चुकता कर दिया।

सरकारी एजेंसियों के सवाल

- क्या कांग्रेस ने सच में ₹90 करोड़ दिया था या सिर्फ कागज़ी हिसाब था?

- Dotex से लिया गया कर्ज असली था या हवाला?

- AJL ने अखबार बंद कर दिया था, अब वह सिर्फ किराया वसूल रही है। क्या यह रियल एस्टेट कंपनी बन गई?

ट्रिब्यूनल का फैसला

मार्च 2022 में इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल ने कहा कि Young Indian को AJL की संपत्ति से फायदा हुआ है और इस पर उसे ₹249 करोड़ का टैक्स देना चाहिए। ट्रिब्यूनल ने कहा कि यह केस "कॉरपोरेट परदा हटाने" (lifting the corporate veil) जैसा है — यानी असली मालिकों की जिम्मेदारी तय करनी होगी।

यह मामला अब भी अदालतों में चल रहा है। कई आरोप, जवाब और कानूनी प्रक्रियाएं इस केस का हिस्सा बन चुके हैं। यह कानूनी, राजनीतिक और मीडिया का एक जटिल मेल है, जो आने वाले समय में और गहराता दिख सकता है।

Read More
Next Story