'पवित्रता हुई है प्रभावित हमें चाहिए जवाब', NTA से SC ने किए तल्ख सवाल
नीट-यूजी एग्जाम रिजल्ट 2024 को रद्द किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, अदालत ने काउंसलिंग पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन एनटीए से कई सवाल किए.
NEET-UG Exam Result 2024: नीट अंडरग्रेजुएट एग्जाम रिजल्ट को लेकर परीक्षार्थी गुस्से में हैं. छात्रों का आरोप है कि किस तरह से नियमों की अनदेखी कर लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. छात्रों का आरोप है कि एनटीए द्वारा एग्जाम लेने वाली प्रक्रिया में शुरू से खोट नजर आई है. एनटीए भले ही अपने आपको पाक साफ और किसी तरह की धांधली से इनकार कर रहा हो. लेकिन सच्चाई तभी सामने आएगी जब देश की शीर्ष अदालत दखल देगी. इस विषय पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को नोटिस जारी कर कथित प्रश्नपत्र लीक और अन्य कदाचार के आधार पर नीट-यूजी, 2024 को नए सिरे से आयोजित करने की मांग वाली याचिका पर जवाब मांगा।
'हमें जवाब चाहिए'
न्यायमूर्ति अमानुल्लाह ने एनटीए के वकील से कहा कि यह इतना आसान नहीं है कि आपने जो किया हैवह पवित्र है. पवित्रता प्रभावित हुई है, इसलिए हमें जवाब चाहिए.जज ने कहा आपको कितना समय चाहिए. दोबारा खुलने पर तुरंत नहीं तो काउंसलिंग शुरू हो जाएगी. एनटीए के वकील ने अदालत से आग्रह किया कि इस याचिका को पहले की याचिका के साथ संलग्न करने की अनुमति दी जाए जिस पर 17 मई को भारत के मुख्य न्यायाधीश की अगुवाई वाली पीठ ने नोटिस जारी किया था. चूंकि पहले की याचिका 8 जुलाई को सूचीबद्ध की गई थी इसलिए पीठ ने वर्तमान याचिका को उसी तारीख को उसके साथ सूचीबद्ध कर दिया.
क्या कहना है छात्रों का
नीट-यूजी 2024 परीक्षा पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर फिजिक्स वाला के सीईओ अलख पांडे कहते हैं, "परिणामों से पहले विशेष रूप से सूचीबद्ध मामले की सुनवाई हुई थी। यहां छात्र केवल पेपर लीक के आधार पर औचित्य की मांग कर रहे थे, लेकिन ग्रेस मार्क्स या किसी अन्य चीज के बारे में नहीं, क्योंकि यह परिणाम से पहले 1 जून को सूचीबद्ध किया गया था। हमारी जनहित याचिका कल सूचीबद्ध होगी। यह पेपर लीक के साथ-साथ ग्रेस मार्क्स, एनटीए की पारदर्शिता और अन्य सभी चीजों के बारे में है। आज की लिस्टिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा की पवित्रता से समझौता किया गया है, इसका मतलब है कि कहीं न कहीं उन्हें भी लगता है कि परीक्षा में किसी तरह की समस्याए हैं और एनटीए को 8 जुलाई से पहले इसका जवाब देने के लिए कहा है, लेकिन उन्होंने काउंसलिंग पर कोई राहत नहीं दी है..."
याचिकाकर्ताओं के वकील ने काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक लगाने का अनुरोध किया, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. याचिका में आरोप लगाया गया है कि नीट-यूजी, 2024 कदाचार से भरा हुआ है क्योंकि पेपर लीक के विभिन्न मामले याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में आए हैं।इसमें कहा गया है कि कथित पेपर लीक संविधान के तहत अनुच्छेद 14 (समानता के अधिकार) का उल्लंघन है, क्योंकि इससे कुछ उम्मीदवारों को अन्य उम्मीदवारों की तुलना में अनुचित लाभ मिला, जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना है.