नेहरु और मोदी के नाम एक रिकॉर्ड लेकिन सरकारों में है कितना फर्क, जानिए
x

नेहरु और मोदी के नाम एक रिकॉर्ड लेकिन सरकारों में है कितना फर्क, जानिए

हम यहाँ जवाहर लाल नेहरु और नरेन्द्र मोदी की तीनों सरकारों के कैबिनेट आदि से तुलना करने की कोशिश करते हैं, पिछले 62 सालों में आखिर कितना फर्क आया है. जिन दो नेताओं की तुलना की जा रही है, उनकी सरकार में किन किन बातों का अंतर रहा है.


Nehru - Modi Era: नरेन्द्र मोदी के लगातार तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने पर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के रिकॉर्ड से बराबरी की चर्चा जोरशोर से है. हर ओर यही शोर है कि नरेन्द्र मोदी देश में दूसरे ऐसे नेता हैं, जिन्हें लगातार तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री चुना गया है. हम यहाँ जवाहर लाल नेहरु और नरेन्द्र मोदी की तीनों सरकारों के कैबिनेट आदि से तुलना करने की कोशिश करते हैं, पिछले 62 सालों में आखिर कितना फर्क आया है. जिन दो नेताओं की तुलना की जा रही है, उनकी सरकार में किन किन बातों का अंतर रहा है.

शुरुआत करते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के तीसरे कार्यकाल की शुरुआत से, यानी मोदी 3.0 से

नरेन्द्र मोदी ने 9 जून की शाम सवा 7 बजे प्रधानमंत्री पथ की शपथ ली. उनके साथ ही 71 मंत्रियों ने भी शपथ ली. इस बार उनका मंत्रिमंडल उनकी पिछली दो सरकारों से ज्यादा बढ़ा है.

अब बात करते हैं पंडित जवाहर लाल नेहरु की

पंडित नेहरु आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. 1947 में जब देश आज़ाद हुआ तो उन्हें पहली नेशनल कोअलिशन की सरकार की बागडौर सौंपी गयी. इसके बाद 1951-52 में देश में पहले आम चुनाव हुए. पंडित नेहरू ने देश के पहले ही चुनाव में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई. जिसके बाद उनका देश का प्रधानमंत्री बने रहने का ये सफर 1956 और 1962 के आम चुनाव में भी जारी रहा.

हमारी कोशिश है कि हम देश के इन दोनों ही कद्दावर नेताओं की तीनों सरकारों या कहें की मंत्री मंडल की तुलना करके ये जानने की कोशिश करें कि दोनों ही सरकारों के स्वरुप में कितना अंतर है.

नेहरु सरकार 1(1952):-

मंत्रियों की संख्या- 20

कैबिनेट मंत्री 14, कैबिनेट दर्जा प्राप्त 4, उपमंत्री दर्जा प्राप्त 02,

नेहरु सरकार 2(1957):-

मंत्रियों की संख्या- 37

कैबिनेट मंत्री 12, राज्यमंत्री 14, उपमंत्री 11

नेहरु सरकार 3(1962) :-

मंत्रियों की संख्या - 21

कैबिनेट मंत्री 16, राज्यमंत्री 5

मोदी सरकार 1(2014) :-

मंत्रियों की संख्या - 45

कैबिनेट मंत्री 23, राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) 10, राज्यमंत्री 12

मोदी सरकार 2(2019)

मंत्रियों की संख्या- 50

कैबिनेट मंत्री राज्यमंत्री 12, राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) 14, राज्यमंत्री 11

मोदी सरकार 3.0(2024)

मंत्रियों की संख्या - 71(शपथ ग्रहण में पहले मंत्री मंडल की संख्या)

कैबिनेट मंत्री राज्यमंत्री 30, राज्यमंत्री(स्वतंत्र प्रभार) 05, राज्यमंत्री 36

नेहरु और मोदी के मंत्रिमंडल में पुरुष और महिला मंत्रियों का प्रतिशत

नेहरु 1 सरकार :

महिला - 5%

पुरुष - 95%.

नेहरु 2 सरकार:

महिला - 3%

पुरुष - 97%

नेहरु 3 सरकार :

महिला - 5%

पुरुष - 95%

मोदी सरकार 1 :

महिला - 16%

पुरुष - 84%

मोदी सरकार 2 :

महिला - 8%

पुरुष - 92%

मोदी सरकार 3 :

महिला - 10%

पुरुष - 90%

ऊपर के आंकड़े ये बताते हैं कि नेहरु सरकार के मुकाबले मोदी सरकार में महिलाओं को ज्यादा मौका दिया गया, लेकिन बहुत ज्यादा भी नहीं. नेहरु सरकार के तीन कार्यकालों में महिलाओं की भागीदारी अधिकतम प्रतिशत रही, जबकि मोदी सरकार में अधिकतम 16 प्रतिशत. मोदी सरकार 2 में महिलाओं की भागीदारी 16 % तक पहुँच गयी थी लेकिन वो तीसरी सरकार में फिर से 10 प्रतिशत पर पहुँच गयी है.

अब बात करते हैं दोनों ही नेताओं के मंत्री मंडल में मुस्लिमों को मंत्रिमंडल में कितना मौका दिया गया

नेहरु 1 सरकार

हिन्दू - 75%

मुस्लिम- 10%

सिख- 10%

अन्य- 5%

नेहरु 2 सरकार :

हिन्दू - 81%

मुस्लिम- 11%

सिख- 3%

अन्य 5%

नेहरु 3 सरकार :

हिन्दू - 86%

मुस्लिम - 10%

सिख - 4%

मोदी 1 सरकार:

हिन्दू - 96%

मुस्लिम - 2%

सिख - 2%

मोदी 2 सरकार :

हिंदू - 94%

मुस्लिम - 2%

सिख - 4%

मोदी 3 सरकार :

हिन्दू - 94%

मुस्लिम - 0%

सिख - 3%

ईसाई - 3%

अगर धर्म के आधार पर मंत्रिमंडल की बात करें तो नेहरु की तीनों सरकारों के मंत्री मंडल में मुस्लिम प्रतिनिधित्व रहा. सबसे ज्यादा नेहरू 2.0 में जो 11% था. वहीँ मोदी सरकार में शुरूआती दो सरकारों में मुस्लिमों का नाम मात्र प्रतिनिधित्व 2-2 प्रतिशत ही था, जो तीसरे कार्यकाल में फिलहाल शून्य है. हाँ ये जरुर है कि मोदी 3 सरकार में ईसाइयों का प्रतिनिधित्व एक दम से दिखा है, जो 3 प्रतिशत है.

राज्यवार प्रतिनिधित्व

नेहरू 1 सरकार

यूपी - 30%

बॉम्बे प्रांत - 15%

मद्रास - 10%

अन्य - 45%

नेहरू 2 सरकार

बॉम्बे प्रांत - 24%

यूपी - 30%

मैसूर - 11%

अन्य - 51%

नेहरू 3 सरकार

बॉम्बे प्रान्त - 19%

यूपी - 14%

बिहार - 14%

अन्य - 57%

मोदी 1 सरकार :

महाराष्ट्र - 11%

यूपी - 18%

मध्य प्रदेश - 11%

अन्य - 60%

मोदी 2 सरकार

यूपी 14%

महाराष्ट्र - 12%

मध्य प्रदेश 12%

अन्य - 62%

मोदी 3 सरकार :

महाराष्ट्र - 11%

यूपी - 13%

मध्य प्रदेश - 17%

अन्य - 65%

इस मामले में तुलना करना बहुत हद तक सही इसलिए नहीं होगा, क्योंकि पंडित नेहरु के समय में देश के राज्यों की संख्या कम थी और आज के समय में ज्यादा है. बस जानकारी के लिहाज से नेहरु 1 और 2 सरकार में 10 और 11 राज्यों से मंत्री बनाये गए थे जबकि नेहरु 3 सरकार में 12 राज्यों से.

नेहरू 10 और नेहरू 2.0 में 11 राज्यों से जबकि नेहरू 3.0 में 12 राज्यों से मंत्री बनाए गए.

वहीँ मोदी 1 सरकार में 19 राज्यों से, मोदी 2 सरकार में 18 राज्यों से और मोदी 3 सरकार में 24 राज्यों से मंत्री बनाए गए हैं.

शिक्षा के आधार पर मंत्रिमंडल

नेहरू 1 सरकार :

ग्रेजुएट / पोस्ट ग्रेजुएट-85%

डॉक्टरेट - 15%

नेहरू 2 सरकार

ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट - 65%

डॉक्टरेट - 35%

नेहरू 3 सरकार

ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट - 95%

डॉक्टरेट - 5%

मोदी 1 सरकार

12वीं तक - 18%

ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट - 71%

डॉक्टरेट - 5%

मोदी 2 सरकार

12वीं तक - 12%

ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट - 78%

डॉक्टरेट - 10%

मोदी 3 सरकार

12वीं तक - 16%

ग्रेजुएट/पोस्ट ग्रेजुएट - 78%

डॉक्टरेट - 6%

दोनों ही नेताओं की तुलना करें तो नेहरु के मंत्रिमंडल का शिक्षा का स्तर मोदी मंत्रिमंडल से ज्यादा बेहतर था. नेहरू की तीनों सरकार के मंत्रिमंडल में कोई भी मंत्री ग्रेजुएशन से कम नहीं पढ़ा था. वहीँ मोदी सरकार के तीनों मंत्रिमंडल में 18% मंत्री ऐसे हैं को मंत्री 10 से 12वीं तक पढ़े हैं.

Read More
Next Story