ऐसा मंजर कभी नहीं देखा, बिखरे पड़े थे हजारों चप्पल और सैंडल, फायर ब्रिगेड अधिकारियो ने बताई आंखों देखी
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'ऐसा मंजर कभी नहीं देखा, बिखरे पड़े थे हजारों चप्पल और सैंडल', फायर ब्रिगेड अधिकारियो ने बताई आंखों देखी

stampede at New Delhi Railway Station: हादसे में सबसे पहले पहुंचे दमकल अधिकारियों ने कहा कि कभी जीवन में ऐसी भीड़ नहीं देखी. सीढ़ियों पर हजारों चप्पलें और सैंडलें पड़ी हुई थीं.


New delhi railway station stampede: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार रात को भगदड़ मचने से 18 लोग मारे गए और कई घायल हो गए. सभी लोग महाकुंभ में शामिल होने के लिए प्रयागराज जाने वाली ट्रेन का इंतजार कर रहे थे. ट्रेनों में देरी के कारण भीड़ सीमा से काफी अधिक हो गई. जिस वजह से हादसा हो गया. हादसे के बाद फायर ब्रिगेड की टीम सबसे पहले घटनास्थल पर पहुंची. विभाग की पहली दो टीमें रानी झांसी रोड स्टेशन से पहुंचीं. लेकिन देश बंधु गुप्ता रोड के पास ट्रैफिक में फंस गईं. जिसके बाद कनॉट प्लेस स्टेशन से दो टीमों को रणजीत सिंह फ्लाईओवर के जरिए नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भेजा गया.

कनॉट प्लेस से टीम लेकर पहुंचे एक अधिकारी ने कहा कि उन्होंने प्लेटफार्म 14/15 की सीढ़ियों पर हजारों चप्पलें और सैंडलें देखी. उन्होंने कहा कि प्लेटफार्म पर अभी भी भारी भीड़ थी. मैं नियमित रूप से रेलवे स्टेशन जाता हूं. लेकिन मैंने कभी जीवन में ऐसी भीड़ नहीं देखी.

उन्होंने कहा कि जब वे घटनास्थल पर पहुंचे तो प्लेटफार्म 14 पर कोई ट्रेन नहीं थी. यात्री प्लेटफार्म 15 पर एक ट्रेन में चढ़ रहे थे. उन्हें बताया गया था कि भीड़ कम हो गई है. लेकिन ऐसा नहीं लगता था. अन्य प्लेटफार्मों पर भी बहुत लोग थे. फुटओवर ब्रिज से मैं देख सकता था कि प्लेटफार्म 13 पर भी इतनी भीड़ बढ़ चुकी थी कि कोई भी घटना हो सकती थी.

फायर ब्रिगेड के ही एक अन्य अधिकारी ने कहा कि वे स्टेशन के पहाड़गंज वाले हिस्से के सबसे पास थे. लेकिन वहां भारी ट्रैफिक था. हमें पता था कि हम नहीं पहुंच पाएंगे. इसलिए, हमने अजमेरी गेट वाली साइड से जाने की कोशिश की. उस साइड पर भी भारी ट्रैफिक था. क्योंकि लोग भगदड़ के दृश्य के बाद स्टेशन से बाहर निकलने लगे थे. एक साइड को ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए बैरिकेड किया गया था. दूसरी साइड से वाहन बाहर जा रहे थे, जिसके कारण आपातकालीन वाहनों के लिए कोई जगह नहीं बची थी. भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल था, लोग घबराए हुए थे और रो रहे थे. उनकी टीम ने कई रिश्तेदारों को अस्पतालों के बारे में जानकारी दी, जहां घायलों को भेजा जा रहा था. कई लोग भीड़ की वजह से अपने रिश्तेदारों से अलग हो गए थे.

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