Nishikant Dubey in loksabha
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वक्फ विवाद: सुप्रीम कोर्ट के वकील ने एजी को लिखा पत्र, निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की मांग की (फाइल फोटो)

निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की मांग, सुप्रीम कोर्ट के वकील ने AG को लिखा पत्र

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर तीखा हमला करते हुए कहा कि "अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाने हैं, तो संसद और राज्य विधानसभाओं को बंद कर देना चाहिए।


वक्फ अधिनियम मामले में एक पक्षकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हो रहे वकील अनस तनवीर ने अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी को पत्र लिखकर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाले "बेहद आपत्तिजनक" बयानों के चलते अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की अनुमति मांगी है.

निशिकांत दुबे के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की मांग, सुप्रीम कोर्ट के वकील ने अटॉर्नी जनरल को लिखा पत्रयह घटनाक्रम उस क्षण सामने आया है जब लोकतंत्र के स्तंभों में से एक संसद के एक प्रतिनिधि ने न्यायपालिका के प्रति असम्मानजनक और भड़काऊ शब्दों का प्रयोग किया. निशिकांत दुबे ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि "अगर सुप्रीम कोर्ट को ही कानून बनाने हैं, तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए". उन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश पर देश में "गृह युद्ध" जैसे हालातों के लिए ज़िम्मेदार ठहराया है।

अनस तनवीर ने अपने पत्र में लिखा, "दुबे के ये बयान न केवल अपमानजनक हैं, बल्कि खतरनाक रूप से उकसाने वाले भी हैं। यह भारत की न्यायपालिका के सम्मान पर सीधा प्रहार है — उस संस्था पर जो हर नागरिक को न्याय का भरोसा देती है।" उन्होंने 'अवमानना अधिनियम, 1971' के अंतर्गत कार्यवाही के लिए अनुमति मांगी है, ताकि सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को बनाए रखने के लिए एक मजबूत और सख्त संदेश दिया जा सके।

यह बयान ऐसे समय में आया जब केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को यह आश्वासन दिया कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम की कुछ विवादास्पद धाराओं को अगली सुनवाई तक लागू नहीं किया जाएगा। अदालत ने इन प्रावधानों पर गंभीर सवाल उठाए थे यह लोकतंत्र में संवाद और संतुलन का परिचायक था।

बीजेपी ने अपने सांसद के बयान से दूरी बना ली है। पार्टी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने दुबे के बयानों को "व्यक्तिगत राय" बताया और स्पष्ट किया कि पार्टी भारत की न्यायपालिका का पूरा सम्मान करती है, जिसे वह लोकतंत्र की आत्मा मानती है। नड्डा ने यह भी कहा कि उन्होंने पार्टी नेताओं को ऐसे असंवेदनशील और अनुचित बयानों से दूर रहने का निर्देश दिया है।

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