
भाजपा का नया चेहरा: भविष्य की राजनीति के लिए तैयार, नीतिन नबिन का उदय
Nitin Nabin: 45 साल की उम्र में पांच बार विधायक और महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके नबीन राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक कौशल दोनों लेकर नए पद पर पहुंचे हैं।
president of BJP: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने नितिन नबीन को अपना राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त कर संगठन की मजबूती और आगामी चुनावी तैयारियों में युवा नेतृत्व को बढ़ावा देने का संदेश दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नबीन मेहनती, राजनीतिक रूप से जिज्ञासु और एक समर्पित संगठनात्मक कार्यकर्ता हैं। उन्हें सरल और पहुंच योग्य नेता माना जाता है, जो तालमेल में माहिर हैं।
सबसे युवा कार्यकारी अध्यक्ष
45 साल की उम्र में नबीन भाजपा के अब तक के सबसे युवा कार्यकारी अध्यक्ष बने हैं। यह कदम पार्टी की नई पीढ़ी के नेताओं को जिम्मेदारी देने की नीति के अनुरूप है। हाल ही में गुजरात में हर्ष संघवी को उपमुख्यमंत्री नियुक्त करने जैसा कदम भी इसी रणनीति का हिस्सा है।
संगठन और अनुभव
यद्यपि उनकी आयु कम है, नबीन के पास लगभग दो दशकों का संगठनात्मक अनुभव है। बिहार में पार्टी के युवा संगठन से शुरू करके उन्होंने महत्वपूर्ण चुनावी जिम्मेदारियां निभाई हैं। उनके राजनीतिक जड़ गहरी हैं, उनके पिता भी पूर्व जन संघ के सदस्य और विधायक रह चुके हैं।
तीन मुख्य कारण उनके पक्ष में माने जा रहे हैं:-
1. पार्टी के संगठन और जमीन स्तर के चुनावी काम की अच्छी समझ।
2. नेतृत्व के कार्य करने के तरीके के साथ तालमेल।
3. कठिन राजनीतिक कार्यों को सफलतापूर्वक पूरा करने की क्षमता।
उपलब्धियां
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले छत्तीसगढ़ में उनके काम को पहचाना और बाद में दिल्ली में भाजपा की अभियान टीम में महत्वपूर्ण भूमिका दी। इससे पार्टी को राजधानी में लगभग तीन दशकों के चुनावी सूखे को तोड़ने में मदद मिली। रिपोर्ट्स के अनुसार, नबीन नेतृत्व के तरीके को समझते हैं और सीमा पार नहीं करेंगे, लेकिन अपनी पूरी क्षमता से काम करेंगे। वह अच्छी तरह यात्रा करते हैं और खासकर वरिष्ठों को साथ लेकर चलते हैं।
सामुदायिक और क्षेत्रीय पहलू
वे कायस्थ समुदाय से आते हैं, जो अक्सर राजनीतिक रूप से निष्पक्ष और अन्य समुदायों के साथ सीधे संघर्ष में नहीं देखा जाता। बिहार में उनका संगठनात्मक काम और “जीविका दीदी नेटवर्क” का सफल संचालन उनके पक्ष में गया। छत्तीसगढ़ अभियान में उन्होंने केंद्रीय मंत्री मन्सुख मंडाविया के साथ मिलकर चुनावी जिम्मेदारी संभाली और चुनाव से डेढ़ साल पहले से राज्य में सक्रिय रहकर भाजपा का मजबूत अभियान खड़ा किया।
राजनीतिक अनुभव और महत्व
45 साल की उम्र में पांच बार विधायक और महत्वपूर्ण मंत्रालय संभाल चुके नबीन राजनीतिक अनुभव और प्रशासनिक कौशल दोनों लेकर नए पद पर पहुंचे हैं। वे बिहार और पूर्वी भारत के पहले भाजपा कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं, जो पार्टी की शीर्ष नेतृत्व में क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व बढ़ाने की कोशिश को दर्शाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, उनकी नियुक्ति के समय नबिन खुद इस फैसले से अनजान थे और हाल की जीत के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं के लिए आयोजित सम्मान कार्यक्रम में शामिल थे।
भाजपा में उनके पदोन्नति को न केवल कार्यकर्ताओं के लिए संदेश के रूप में देखा जा रहा है, बल्कि कांग्रेस के 84 वर्षीय नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व के विपरीत पार्टी में नई पीढ़ी के नेताओं को अवसर देने की नीति का प्रतीक भी माना जा रहा है।

