मोदी मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं, कौन हैं वो 5 अल्पसंख्यक
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मोदी मंत्रिमंडल में एक भी मुस्लिम चेहरा नहीं, कौन हैं वो 5 अल्पसंख्यक

नरेंद्र मोदी कैबिनेट को अगर आप ध्यान से देखें तो इसमें मुस्लिम समाज की नुमाइंदगी नहीं है, लेकिन अल्पसंख्यक समाज के पांच लोगों को जगह मिली है.


भारत में आमतौर पर अल्पसंख्यक समाज की जब बात होते ही लोग नाता मुस्लिम समाज से जोड़ते हैं. लेकिन यह धारणा गलत है. रविवार को नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल होने वाले पांच लोग देश के अलग अलग हिस्सों से अल्पसंख्यक समाज से हैं. एक शख्स नाता केरल, दूसरे का अरुणाचल, तीसरे का महाराष्ट्र और दो का रिश्ता पंजाब से है. आपके मन में भी उत्सुकता हो रही होगी आखिर वो लोग कौन हैं. पहले तो उन पांच लोगों के नाम जानिए. हरदीप सिंह पुरी और रवनीत सिंह बिट्टू का नाता पंजाब से, जॉर्ज कुरियन का नाता केरल,किरेने रिजिजू का अरुणाचल प्रदेश और रामदास अठावले का महाराष्ट्र से रिश्ता है.

मोदी कैबिनेट में पांच अल्पसंख्यक

रवनीत सिंह और हरदीप सिंह पूरी सिख धर्म, जॉर्ज कुरियन ईसाई धर्म, किरेन रिजिजू और रामदास अठावले बौद्ध धर्म को मानने वाले हैं. यहां हम इन पांचों लोगों के बारे में विस्तार से बताएंगे.

किरेन रिजिजू

इनका नाता अरुणाचल प्रदेश से है और अरुणाचल प्रदेश पश्चिम से जीत दर्ज की है. 2024 के चुनाव में निकटतम प्रतिद्वंदी को एक लाख अंतर से हराया. लुक ईस्ट पॉलिसी की मजबूत कड़ी हैं. पश्चिम कामेंग जिले में 1971 में इनका जन्म हुआ था. इनकी राजनीतिक विरासत भी है. इनके पिता अरुणाचल प्रदेश के पहले प्रोटेम स्पीकर रहे.

रामदास अठावले

रामदास अठावले का नाता बौद्ध धर्म से है.यह आरपीआई के अध्यक्ष हैं.आम चुनाव 2024 में इनकी पार्टी ने शिरकत नहीं की थी. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री थे.

जॉर्ज कुरियन

केरल से दो लोगों ने शपथ ली जिसमें एक नाम जॉर्ज कुरियन का है.इनका नाता ईसाई धर्म से है, खास बात है कि ये ना तो लोकसभा और ना ही राज्यसभा के सांसद हैं. हालांकि राष्ट्रीय अल्पसंख्यक समाज आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं. कोट्टायम के रहने वाले कुरियन बीजेपी केरल यूनिट के महासचिव हैं. मोदी कैबिनेट में इन्हें शामिल किए जाने का मकसद बीजेपी द्वारा ईसाई समाज तक पहुंच बनाने से जोड़ कर देखा जा रहा है.

हरदीप सिंह पुरी

इनका नाता सिख समाज से है. 1974 बैच के आईएफएस अधिकारी रहे हैं. 2009 से 13 तक यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि रहे हैं.2014 में ये बीजेपी में शामिल हुए. साल 2019 में इन्हें शहरी मामलों और सिविल एविएशन का विभाग दिया गया. मौजूदा समय में ये यूपी कोटे से राज्यसभा सांसद हैं.

रवनीत सिंह बिट्टू

ये सिख समाज से आते हैं. पंजाब के लुधियाना से चुनाव हारने के बाद भी नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किए गए. बिट्टू ने पांच विधानसभा में बढ़त हासिल की थी. हालांकि ग्रामीण इलाकों में हार का सामना करना पड़ा. बताया जा रहा है कि 2027 के मद्देनजर बीजेपी ने मौका दिया है.

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