
'दुनिया के किसी भी नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने को नहीं कहा', विपक्ष के सवाल पर बोले PM मोदी
मॉनसून सत्र में लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर हुई चर्चा में पीएम मोदी लगभग 100 मिनट बोले। एक बार फिर से उन्होंने नेहरू और कांग्रेस पर हमले किए। मोदी ने कांग्रेस और विपक्ष की ‘गलतियों’ की कड़ी आलोचना की।
पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर मंगलवार (29 जुलाई) को लोकसभा में बहस के दूसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 अप्रैल के आतंकी हमले और उसके बाद सशस्त्र बलों द्वारा की गई सैन्य कार्रवाई को लेकर कई खुलासे किए। साथ ही उन्होंने कांग्रेस और विपक्ष पर तीखा हमला किया और पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की “गलतियों” की फेहरिस्त भी गिनाई। पढ़िए उनके भाषण की 10 प्रमुख बातें:
1. पहलगाम हमला देश में दंगे फैलाने की साजिश थी
“22 अप्रैल को जिस तरह से यह वीभत्स घटना हुई, आतंकियों ने धर्म पूछकर लोगों की हत्या की, यह एक सोची-समझी साजिश थी, ताकि देश में दंगे और अराजकता फैलाई जाए। लेकिन देश ने इस साजिश को नाकाम कर दिया।”
2. पाकिस्तान की परमाणु ब्लैकमेलिंग को किया बेअसर
“ऑपरेशन सिंदूर भारत की पहली ऐसी रणनीति थी जिसमें हमने पाकिस्तान के उन क्षेत्रों में प्रवेश किया जहाँ कोई उम्मीद नहीं करता था। हमने आतंक के अड्डों को तबाह किया और यह साबित कर दिया कि परमाणु ब्लैकमेल अब नहीं चलेगा। पाकिस्तान के कई एयरबेस अब ICU में हैं।”
“ऑपरेशन सिंदूर से स्पष्ट हो गया कि भारत ने तीन मानक तय कर दिए—हम पर हमला हुआ तो हम अपनी शर्तों पर जवाब देंगे; परमाणु ब्लैकमेल नहीं चलेगा; और आतंकियों व उन्हें पनाह देने वाले सरकारों में कोई फर्क नहीं किया जाएगा।”
3. आत्मनिर्भर भारत की ताकत की पहचान
“ऑपरेशन सिंदूर तकनीकी युद्ध का भी उदाहरण था। यह बीते 10 वर्षों की तैयारी का परिणाम है। पहली बार ‘आत्मनिर्भर भारत’ की ताकत को दुनिया ने देखा और पहचाना। हमारी तीनों सेनाओं के समन्वय से पाकिस्तान हक्का-बक्का रह गया।”
“ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय रक्षा प्रणाली की वैश्विक मांग बढ़ गई है।”
4. किसी भी देश ने भारत को नहीं रोका
“बहुत लोगों ने विदेश नीति पर बात की। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि दुनिया के किसी भी देश ने भारत को अपनी कार्रवाई रोकने के लिए नहीं कहा। 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति (जेडी वेंस) मुझसे संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे लेकिन मैं सशस्त्र बलों की बैठक में था। बाद में मैंने उन्हें कॉल बैक किया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान बड़ा हमला करना चाहता है। मैंने कहा, अगर वो करेंगे तो हम गोली का जवाब गोले से देंगे।”
5. ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है
“मैं दोहराना चाहता हूं कि ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी है। पाकिस्तान अगर कुछ करेगा तो उसे करारा जवाब मिलेगा।”
6. हमारी सेना की 100% सफलता
“सर्जिकल स्ट्राइक में हमने लॉन्चपैड्स पर हमला किया। बालाकोट में ट्रेनिंग कैंप तबाह किए। ऑपरेशन सिंदूर में हमने आतंक के केंद्रों को पूरी तरह खत्म कर दिया, वहीं जहाँ पहलगाम हमले के साजिशकर्ता तैयार किए गए थे।”
“9 मई को पाकिस्तान ने 1,000 मिसाइलें और ड्रोन भारत की तरफ छोड़े, लेकिन हमारी एयर डिफेंस ने सभी को आसमान में ही निष्क्रिय कर दिया।”
7. कांग्रेस पाकिस्तान के नैरेटिव पर काम कर रही है
“कांग्रेस पाकिस्तान के मुद्दों को आयात कर रही है। आज की युद्ध नीति में नैरेटिव और सूचना का बहुत बड़ा रोल है। कांग्रेस, AI और प्रोपेगेंडा के जरिये हमारी सेना का मनोबल गिराने की कोशिशों का हिस्सा बन गई है।”
8. विपक्ष के सवालों पर हैरानी
“कल (28 जुलाई) हमने ऑपरेशन महादेव चलाया। कुछ लोग पूछ रहे थे कि कल ही क्यों? अरे पहले तो आप चिल्ला रहे थे कि पहलगाम के दोषियों का क्या हुआ, अब जब कार्रवाई हुई है तो आप उसका समय पूछ रहे हो!”
9. 1947 के बाद पहली बार रक्षा सुधार
“स्वतंत्रता के बाद पहली बार हम रक्षा क्षेत्र में व्यापक सुधार कर रहे हैं—CDS की नियुक्ति, संयुक्त कमान का एकीकरण, रक्षा उत्पादन का आधुनिकीकरण।”
10. नेहरू की गलतियों की सूची
“कांग्रेस के पास राष्ट्रीय सुरक्षा की कोई दृष्टि कभी थी नहीं। जो लोग आज पूछते हैं कि पीओके वापस क्यों नहीं लिया, पहले उन्हें जवाब देना चाहिए कि पीओके बनाया किसने? देश आज भी आजादी के बाद की गलत नीतियों का मूल्य चुका रहा है।”
“कांग्रेस 2014 में मौका पा जाती तो सियाचिन भी खो बैठती। 26/11 के बाद उन्होंने पाकिस्तान से बातचीत शुरू कर दी, एक भी वीजा रद्द नहीं किया, एक भी पाकिस्तानी राजनयिक निष्कासित नहीं किया। उल्टा उन्हें MFN (मोस्ट फेवर्ड नेशन) का दर्जा देते रहे।”
“नेहरू ने सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर किए और भारत की हजारों साल पुरानी नदियाँ पाकिस्तान को सौंप दीं। देश की संप्रभुता और किसानों के हितों से समझौता किया गया। 80% पानी पाकिस्तान को दिया गया और भारत को सिर्फ 20%। यहां तक कि खुद नेहरू को बाद में अपनी गलती स्वीकार करनी पड़ी।”
“आज भारत ने किसानों और राष्ट्रहित में इस संधि को निलंबित कर नेहरू की भूल को सुधारा है।”