
अमेरिका में तो हुआ ही अपने ही देश में भी जेल वैन में ले जाया गया : विपक्ष ने दागे सवाल
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा जब कोलंबिया अमेरिका को आँख दिखा सकता है तो फिर भारत क्यों नहीं? वहीँ संजय सिंह ने कहा अपने ही नागरिकों को हरियाणा में जेल वैन में ले जाया गया।
USA Illegal Immigrants : अमेरिका से निर्वासित किए गए 104 भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार को लेकर संसद में सरकार पर सवालों की बौछार हुई। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर स्पष्ट जवाब मांगा। विपक्ष ने आरोप लगाया कि निर्वासित किए गए भारतीयों को पैरों में बेड़ियां और हाथों में हथकड़ियां पहनाकर एक सैन्य विमान से भेजा गया, जिसमें मात्र एक शौचालय था। इस घटनाक्रम ने भारतीयों के सम्मान और देश की कूटनीतिक ताकत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
संसद में विपक्ष का तीखा हमला
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने सरकार से तीखे सवाल पूछते हुए कहा, "जब कोलंबिया जैसे छोटे देश अमेरिका को लाल आंखें दिखा सकते हैं, तो भारत क्यों चुप है?" उन्होंने सरकार से चार प्रमुख सवालों के जवाब मांगे:
1. क्या सरकार को जानकारी थी कि 5 फरवरी को 104 भारतीयों को हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़कर अमानवीय तरीके से भेजा गया?
2. अमेरिका में कितने भारतीय डिटेंशन सेंटर में हैं और क्या सरकार उन्हें कांसुलर सहायता दे रही है?
3. क्या यह मजबूरी में विदेश गए भारतीयों के साथ आतंकवादियों जैसा व्यवहार नहीं है?
4. सरकार अमेरिका के खिलाफ कड़ा रुख क्यों नहीं अपना रही?
सुरजेवाला ने कहा कि ये भारतीय इसलिए गैरकानूनी तरीके से अमेरिका गए क्योंकि सरकार रोजगार देने में विफल रही। उन्होंने आरोप लगाया कि "जब 'नमस्ते ट्रंप' जैसे कार्यक्रमों पर करोड़ों खर्च किए जाते हैं, तो अमेरिका में भारतीयों की बेइज्जती पर सरकार खामोश क्यों?"
"हरियाणा में कैदी वैन में ले जाना अपमानजनक" – आप सांसद संजय सिंह
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "मोदी सरकार अमेरिका से अपने अच्छे रिश्तों का दावा करती है, लेकिन इस घटना पर उसकी चुप्पी शर्मनाक है।" उन्होंने खासतौर पर इस बात पर नाराजगी जताई कि "हरियाणा के नागरिकों को भारत पहुंचने के बाद कैदी वैन में ले जाया गया।" उन्होंने सरकार से यह भी पूछा कि "भारतीय धरती पर अमेरिकी सेना का विमान क्यों उतरा?"
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अमेरिका के इस व्यवहार पर कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए था। जब कोलंबिया जैसे देश अपने नागरिकों के सम्मान के लिए अमेरिका से दो टूक बात कर सकते हैं, तो भारत सरकार क्यों नहीं? क्या यह कूटनीतिक विफलता है या सरकार जानबूझकर इस मुद्दे पर मौन है?
विदेश मंत्री ने कहा पिछले 16 सालों में 15 हजार से ज्यादा भारतियों को किया गया डिपोर्ट
भारत के विदेश मंत्री ने संसद में कहा कि अमेरिका से भारतीयों का डिपोर्टेशन कोई नई बात नहीं है, बल्कि यह 2009 से हो रहा है। उन्होंने बताया कि पिछले 16 सालों में अमेरिका ने कुल 15,652 भारतीयों को डिपोर्ट किया है। विदेश मंत्री ने कहा, "हम कभी भी अवैध मूवमेंट के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि इससे किसी भी देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।"
विदेश मंत्री के बयान के अनुसार, सबसे अधिक 2042 भारतीयों को 2019 में अमेरिका से वापस भेजा गया था।
हाल ही में, 5 फरवरी को अमेरिका ने 104 अवैध भारतीय अप्रवासियों को वापस भेजा है। इन्हें अमेरिकी मिलिट्री के C-17 विमान से पंजाब के अमृतसर भेजा गया, जहां इनकी गिरफ्तारियों के दौरान उनके हाथों और पैरों में बेड़ियां और चेन डाली गई थी। एस जयशंकर ने ये भी कहा कि अमेरिकी विमान भारत को सूचित करने के बाद ही देश में प्रवेश पा सका था।
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