
अमेरिका से आप्रवासी भारतियों की लैंडिंग को लेकर विपक्ष का विरोध क्यों ?
अमेरिका द्वारा आप्रवासी भारतियों को दूसरी बार भारत भेजा जा रहा है, ये फ्लाइट शनिवार रात को अमृतसर में लैंड करेगी। अमृतसर में प्लेन के उतारे जाने पर भगवंत मान ने विरोध जताया है।
Inidan Immigrants From America : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अवैध आप्रवासन पर कड़े कदम उठाने के बीच, आज रात करीब 10 बजे एक अमेरिकी विमान अमृतसर हवाईअड्डे पर 119 भारतीय नागरिकों को वापस लाने की उम्मीद है। इनमें से 67 पंजाब से, 33 हरियाणा से, आठ गुजरात से, तीन उत्तर प्रदेश से, दो- दो गोवा, महाराष्ट्र और राजस्थान से, और एक-एक हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से हैं।
इस प्रक्रिया में जल्द ही एक तीसरे विमान के आने की भी संभावना है, जो अवैध रूप से निर्वासित भारतीय नागरिकों को लाने के लिए भारत पहुंचेगा। इन निर्वासन की प्रक्रिया की शुरुआत 5 फरवरी से हुई थी, जब एक अमेरिकी सैन्य विमान ने 104 भारतीय नागरिकों को भारत वापस भेजा था।
अवैध आप्रवासियों के लिए अमेरिका का कड़ा कदम
अमेरिका के Immigration and Customs Enforcement (ICE) द्वारा किए गए इन निर्वासनों के पीछे का कारण अवैध आप्रवासन है। इनमें से कई भारतीय नागरिकों ने अमेरिका में वैध तरीके से प्रवेश करने के वादे पर बड़ी राशि खर्च की थी, लेकिन उन्हें मानव तस्करों द्वारा कठिन यात्रा के जरिए लाया गया।
प्रवासी भारतीयों के भारत लौटने के बाद, उनके अनुभवों की कई डरावनी कहानियां सामने आईं हैं। अमेरिकी बॉर्डर पेट्रोल द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में दिखाया गया कि प्रवासियों के हाथों में हथकड़ी और पैरों में बेड़ी डाली गई थी। वीडियो में यह भी दिखाया गया कि भारतीय नागरिकों को जंजीरों में बांध कर विमान से बाहर निकाला गया था, जो कि सामान्यतः अपराधियों के साथ किया जाता है।
विपक्षी दलों का विरोध
इन निर्वासन विधियों को लेकर भारत में विपक्षी दलों ने कड़ा विरोध जताया है। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार से सवाल किया कि "क्या भारतीय नागरिकों को मानवीय तरीके से वापस लाने के लिए विमान क्यों नहीं भेजे जाते?" उन्होंने यह भी पूछा कि क्या दूसरे बैच के निर्वासित भारतीयों को भी हथकड़ी और बेड़ी पहनाई जाएगी।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने विपक्षी दलों की आलोचना का जवाब देते हुए कहा कि अमेरिका द्वारा किए गए ये कदम सामान्य हैं और पिछले 15 वर्षों में निर्वासित भारतीयों के आंकड़े दिखाते हैं कि यह प्रक्रिया पिछले वर्षों से जारी है। उन्होंने कहा, "ICE से हमें सूचित किया गया है कि महिलाओं और बच्चों को निरोध नहीं किया जाता है, और उनके साथ हर जरूरत का ख्याल रखा जाता है।"
पंजाब के मुख्यमंत्री का बयान
अमृतसर में विमान के आगमन से पहले पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा-नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने जानबूझकर अमृतसर को उड़ान स्थल के रूप में चुना है, ताकि पंजाब को बदनाम किया जा सके। भगवंत मान ने यह भी कहा कि भाजपा हमेशा पंजाब के खिलाफ भेदभाव करती है और यह एक साजिश का हिस्सा है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने भगवंत मान के आरोपों का खंडन किया और कहा कि अमृतसर अमेरिका से आने वाली उड़ानों के लिए सबसे नजदीकी अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा है, और यही कारण है कि यहां विमान उतरा है। भाजपा ने यह भी कहा कि इस मुद्दे को राजनीतिक रूप से उठाना उचित नहीं है और इसे एक संवेदनशील मुद्दे के रूप में देखना चाहिए।
यह निर्वासन प्रक्रिया आने वाले हफ्तों में जारी रहने की संभावना है, और इसी तरह के विमान भारतीय नागरिकों को वापस लाते रहेंगे, जब तक कि सभी अवैध अप्रवासी नागरिकों को वापस नहीं लाया जाता।