अब संसद में होगी संविधान पर बहस, सर्वदलीय बैठक में बनी सहमती
विशेषज्ञों का कहना है किसंविधान पर संसद के दोनों सदन में होने वाली बहस दिलचस्प रहेगी क्योंकि विपक्ष जिस तरह से चुनाव के समय में भाजपा पर आरोप लगाता है, कहीं न कहीं इस बहस के जरिये भाजपा को एक ऐसे मंच से जवाब देने का मौका मिलेगा
Debate on Constitution : संसद के शीतकालीन सत्र में जारी गतिरोध के बीच बड़ी खबर आई है। सभी राजनीतिक दल अगले सप्ताह संविधान पर बहस के लिए सहमत हो गए हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में यह फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि लोकसभा में 13 और 14 दिसंबर, जबकि राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को संविधान पर विस्तार से चर्चा होगी।
सर्वदलीय बैठक में बनी सहमति
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने विपक्षी दलों के नेताओं के साथ बैठक बुलाई थी। इस बैठक में संसद की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने और संविधान पर चर्चा के लिए सभी दलों ने सहमति जताई। तृणमूल कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, और अन्य दलों ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
अन्य मुद्दों पर भी होगी चर्चा
तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने बताया कि लोकसभा में संविधान पर बहस के साथ अन्य मुद्दों को भी उठाया जाएगा। मंगलवार को समाजवादी पार्टी के सांसद संभल के मुद्दे, जबकि तृणमूल कांग्रेस बांग्लादेश से जुड़े मसलों पर चर्चा करेंगे।
सरकार का विपक्ष से आग्रह
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, "संसद की कार्यवाही बाधित करना सही नहीं है। विपक्ष से अपील है कि सहमति के अनुसार कार्यवाही में सहयोग करें।" उन्होंने कहा कि सरकार संविधान पर सार्थक चर्चा के लिए पूरी तरह तैयार है।
महत्वपूर्ण कदम
यह सहमति संसद में गतिरोध खत्म करने और महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श की दिशा में एक बड़ा कदम है। लंबे समय से रुकी कार्यवाही के बाद संविधान पर यह चर्चा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को मजबूती देने का अवसर प्रदान करेगी।
चुनावी प्रचार में काफी छाया रहा संविधान
अगर बात करें संविधान की तो लोकसभा चुनाव के प्रचार से ही संविधान को लेकर काफी बात की गयी. इंडिया ब्लॉक के घटकों खासतौर से कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी ने संविधान को लेकर जोरशोर से प्रचार प्रसार किया और भाजपा के 400 पार के नारे के जवाब में संविधान खतरे में है का नारा लगाया. इसका असर वोट पर भी पड़ा और भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिल पाया. उसके बाद भी जो विधानसभा चुनाव हुए हैं, उनमें भी कांग्रेस और राहुल गाँधी लगातार संविधान का नाम लेकर भाजपा पर निशाना साधते हैं. हालाँकि हाल ही में हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की तरफ से राहुल गाँधी पर संविधान की किताब को लेकर हमला किया गया और ये आरोप लगाया गया कि जिस किताब को राहुल रैलियों में दिखाते हुए संविधान की किताब बताते हैं, उस किताब के पन्ने खाली है.
विशेषज्ञों का कहना है किसंविधान पर संसद के दोनों सदन में होने वाली बहस दिलचस्प रहेगी क्योंकि विपक्ष जिस तरह से चुनाव के समय में भाजपा पर आरोप लगाता है, कहीं न कहीं इस बहस के जरिये भाजपा को एक ऐसे मंच से जवाब देने का मौका मिलेगा, जो काफी अहम है और पूरे देश तक एक साथ एक जैसा ही सन्देश भी जायेगा.