Monsoon Session: सत्र के हंगामेदार रहने के आसार, बजट से लेकर नीट व राज्यों को विशेष दर्जा के मुद्दे छाए रहेंगे
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Monsoon Session: सत्र के हंगामेदार रहने के आसार, बजट से लेकर नीट व राज्यों को विशेष दर्जा के मुद्दे छाए रहेंगे

संसद का मानसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा.


Monsoon Session 2024: संसद का मानसून सत्र सोमवार (22 जुलाई) से शुरू हो रहा है. वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा केंद्रीय बजट 23 जुलाई को पेश किया जाएगा. यह साल 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद पहला बजट होगा. इस सत्र में 12 अगस्त तक 19 बैठकें होंगी.

सत्र में विपक्ष एनडीए सरकार को नीट पेपर लीक मामले और रेलवे सुरक्षा से लेकर कई मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगा. वहीं, जेडी(यू) और आरजेडी, वाईएसआरसीपी और बीजेडी क्रमशः बिहार, आंध्र प्रदेश और ओडिशा के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे की मांग भी उठा सकते हैं. संसद में भी सामान्य कामकाज होगा. क्योंकि सरकार छह विधेयक भी पेश करेगी, जिनमें 90 साल पुराने विमान अधिनियम को प्रतिस्थापित करने वाला विधेयक भी शामिल है और जम्मू-कश्मीर के बजट को भी मंजूरी मिलेगी, जो कि केंद्र सरकार के अधीन है. सोमवार को ही सीतारमण संसद में आर्थिक सर्वेक्षण पेश करेंगी.

इस बीच संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संसद में राजनीतिक दलों के नेताओं की एक बैठक बुलाई थी, ताकि यह समझा जा सके कि वे सत्र के दौरान किन मुद्दों को उठाना चाहते हैं. बैठक में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं को छोड़कर सभी दलों के नेताओं ने भाग लिया, जो पश्चिम बंगाल में आयोजित एक विशाल शहीद दिवस रैली के लिए राष्ट्रीय राजधानी से बाहर थे.

केंद्रीय बजट

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अपना सातवां लगातार बजट पेश करते हुए इतिहास रचने वाली हैं और इस तरह वह पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ देंगी. अगले महीने 65 साल की होने जा रहीं सीतारमण को साल 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री नियुक्त किया गया था, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्णायक दूसरा कार्यकाल जीता था. तब से, उन्होंने लगातार छह बजट पेश किए हैं, जिसमें इस साल फरवरी में एक अंतरिम बजट भी शामिल है.

वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल 2024 से मार्च 2025) के लिए पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा. वह देसाई के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था. सीतारमण के नाम सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड भी है. जब 1 फरवरी, 2020 को उन्होंने दो घंटे 40 मिनट का भाषण दिया था. उस समय उन्होंने दो पेज बचे होने पर अपना भाषण छोटा कर दिया था.

राज्यों के विशेष श्रेणी के दर्जे की मांग

कांग्रेस द्वारा नीट को रद्द करने, सीबीआई और ईडी के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाने के अलावा, ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद द्वारा यह सत्र हंगामेदार रहने की आशंका है. क्योंकि उन्होंने घोषणा की है कि वह एक मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी और संसद में राज्य के हित के मुद्दों को आक्रामक तरीके से उठाएगी. बीजेडी संसदीय दल के अध्यक्ष चुने गए पटनायक ने अपनी पार्टी के सांसदों से ओडिशा के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाने को कहा है. वहीं, जेडी(यू), आरजेडी, वाईएसआरसीपी के नेता भी चाहते हैं कि केंद्र बिहार और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दे.

जेडीयू बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा मांग रही है और उनका कहना है कि वे इस मुद्दे को काफी समय से उठा रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर ऐसा करने में कोई तकनीकी दिक्कत आती है तो वे विशेष पैकेज की मांग करेंगे. इस बीच, वाईएसआरसीपी नेता विजय साई रेड्डी ने कहा कि आंध्र प्रदेश के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा राज्य के विकास के लिए एकमात्र समाधान है, जिस पर सत्तारूढ़ पार्टी टीडीपी पूरी तरह चुप है. टीडीपी विशेष श्रेणी के दर्जे का मुद्दा नहीं उठा रही है. उन्होंने भाजपा के साथ समझौता कर लिया है. पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी राज्य में कानून व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर बुधवार को दिल्ली में धरना देंगे.

पारित किये जाने वाले विधेयक

इस सप्ताह की शुरुआत में कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा था कि विपक्ष सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अपनी हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से कम करने के सरकार के किसी भी कदम का विरोध करेगा. सरकार बजट सत्र में बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 तथा बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण एवं अंतरण) अधिनियम, 1970 तथा बैंकिंग कंपनी (उपक्रमों का अधिग्रहण एवं अंतरण) अधिनियम, 1980 जैसे अन्य कानूनों में संशोधन ला सकती है, जिसके कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत से नीचे जा सकती है. वित्त विधेयक के अलावा सरकार ने आपदा प्रबंधन (संशोधन) विधेयक को भी प्रस्तुतीकरण, विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया है.

18 जुलाई को जारी लोकसभा बुलेटिन में कहा गया कि प्रस्तावित विधेयक का उद्देश्य आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में काम करने वाले विभिन्न संगठनों की भूमिकाओं में अधिक स्पष्टता और अभिसरण लाना है. भारतीय वायुयान विधेयक, 2024 का उद्देश्य नागरिक विमानन क्षेत्र में कारोबार को आसान बनाने के लिए सक्षम प्रावधान प्रदान करने हेतु विमान अधिनियम, 1934 को प्रतिस्थापित करना है. सत्र के दौरान प्रस्तुतीकरण और पारित होने के लिए सूचीबद्ध अन्य विधेयक हैं - बॉयलर विधेयक, जो स्वतंत्रता-पूर्व युग के कानून का स्थान लेगा, कॉफी (संवर्धन और विकास) विधेयक और रबर (संवर्धन और विकास) विधेयक.

अन्य मांगें

माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा कि मणिपुर, जम्मू और कश्मीर की स्थिति, उत्तर प्रदेश में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण, परीक्षा धोखाधड़ी और बेरोजगारी सहित सार्वजनिक चिंताओं को दूर करने की आवश्यकता है. संसद को ठीक से काम करना चाहिए और उसमें बहस और चर्चा होनी चाहिए, जो पिछले 10 सालों से नहीं हुई है. हम चाहते हैं कि सरकार जमीनी हकीकत को समझे. बेरोजगारी दर अपने चरम पर है और लोग भूख से मर रहे हैं. राज्यों की शक्ति पर हमला हुआ है.

व्यापार सलाहकार समिति

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) का भी गठन किया है, जो संसदीय एजेंडा तय करती है. स्पीकर की अध्यक्षता वाली समिति में सुदीप बंद्योपाध्याय (टीएमसी), पीपी चौधरी (बीजेपी), लावु श्रीकृष्ण देवरायलु (टीडीपी), निशिकांत दुबे (बीजेपी), गौरव गोगोई (कांग्रेस), संजय जयसवाल (बीजेपी), दिलेश्वर कामैत (जेडी-यू), भर्तृहरि महताब (बीजेपी), दयानिधि मारन (डीएमके), बैजयंत पांडा (बीजेपी), अरविंद सावंत (शिवसेना-यूबीटी), कोडिकुन्निल सुरेश (कांग्रेस), अनुराग ठाकुर (बीजेपी) और लालजी वर्मा (एसपी) शामिल हैं.

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