ना इधर ना उधर मुद्दों की कमी नहीं, कुछ काम भी होगा या सिर्फ टकराव
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ना इधर ना उधर मुद्दों की कमी नहीं, कुछ काम भी होगा या सिर्फ टकराव

Parliament winter session: संसद के शीतकालीन सत्र का आगाज आज से होगा। गौतम अडानी, मणिपुर हिंसा और वक्फ संशोधन बिल वर विपक्ष ने पहले ही इरादे साफ कर दिए हैं।


Parliament Winter सेशन News: संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार आज से शुरू होने वाला है, जिसके हंगामेदार रहने की संभावना अधिक है। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दल गौतम अडानी पर अमेरिकी एजेंसियों द्वारा अभियोग लगाए जाने और मणिपुर में जातीय हिंसा (Manipur Violence) की ताजा घटनाओं को लेकर आक्रामक हैं। हालांकि, हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में लगातार मिली सफलता से उत्साहित सत्तारूढ़ भाजपा इन मुद्दों पर सरकार को घेरने के विपक्ष के प्रयासों का मुकाबला करने के लिए हरसंभव प्रयास करेगी। इससे सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है।

टकराव के लिए मंच तैयार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद अपने विजय भाषण से भाजपा और कांग्रेस के बीच मुकाबले का माहौल पहले ही तय कर दिया है। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाली महायुति ने भारी जीत दर्ज करके कांग्रेस के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी (Maha Vikas Aghadi) को लगभग खत्म कर दिया है।मोदी ने संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कहा, "कांग्रेस ने तुष्टीकरण की राजनीति को बढ़ावा देने के लिए कानून बनाए और वक्फ बोर्ड इसका एक उदाहरण है।

बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा हमें दिए गए संविधान में वक्फ कानून (Waqf Amendment bill 2024) के लिए कोई जगह नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए इसका समर्थन किया।" संसद के शीतकालीन सत्र के लिए सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक सहित 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं।उल्लेखनीय है कि शीतकालीन सत्र में संसद में गांधी परिवार की एक और सदस्य प्रियंका गांधी का भी आगमन होगा, जिन्होंने हाल ही में केरल की वायनाड लोकसभा सीट से उपचुनाव जीता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि वह विभिन्न मुद्दों पर भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार से किस तरह से मुकाबला करती हैं।

अडानी मुद्दे पर विपक्ष जेपीसी की मांग कर सकता है

अडानी मुद्दे पर लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस से इस बात का संकेत मिल गया कि शीतकालीन सत्र में क्या होने वाला है, जब उन्होंने मांग की कि आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित की जाए।भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, "लोकसभा में विपक्ष के नेता अब संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने पर नाटक शुरू करेंगे, इसकी कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश करेंगे और अर्थव्यवस्था को निशाना बनाएंगे।" उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार के रुख के बारे में पर्याप्त संकेत दिए।कई विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा है कि वे अडानी पर लगे आरोपों का मुद्दा संसद में उठाएंगे तथा विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने आरोपों की संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की है।

व्यावसायिक सलाहकार पैनल निर्णय लेंगे

दूसरी ओर, सरकार ने रविवार (24 नवंबर) को स्पष्ट किया कि दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समितियां शीतकालीन सत्र में चर्चा किए जाने वाले मामलों पर निर्णय लेंगी और पार्टियों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की।सोमवार को शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं ने राजनीतिक दलों के नेताओं से मुलाकात की। बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने संवाददाताओं को बताया कि सरकार ने सभी दलों से संसद का सुचारू संचालन सुनिश्चित करने की अपील की है।

अडानी मुद्दे को उठाने की विपक्ष की मांग पर एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि सदनों की संबंधित कार्य मंत्रणा समितियां लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के सभापति की सहमति से संसद में चर्चा किए जाने वाले मामलों पर निर्णय लेंगी।बैठक में कांग्रेस सदस्यों ने अडानी समूह के खिलाफ रिश्वतखोरी के आरोपों के साथ-साथ मणिपुर की स्थिति का मुद्दा भी उठाया।कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने कहा कि पार्टी अडानी के साथ-साथ मणिपुर में जातीय संघर्ष पर भी चर्चा चाहती है। उन्होंने कहा कि झारखंड के मुख्यमंत्री को गिरफ्तार कर लिया गया है, लेकिन जातीय हिंसा के बावजूद सरकार को मणिपुर के मुख्यमंत्री पर भरोसा है।विपक्षी दल ने उत्तर भारत में बढ़ते प्रदूषण और रेल दुर्घटनाओं के मुद्दे पर भी चर्चा की मांग की।

वक्फ संशोधन विधेयक सहित 16 विधेयक सूचीबद्ध

सोमवार से शुरू हो रहा संसद का शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा। सरकार ने सत्र में विचार के लिए वक्फ संशोधन विधेयक सहित 16 विधेयक सूचीबद्ध किए हैं।दोनों सदनों की संयुक्त समिति द्वारा लोकसभा को अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद वक्फ (संशोधन) विधेयक को विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। पैनल को शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है।

समिति के विपक्षी सदस्य समिति की रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय-सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल समिति की बैठकों में बाधा डाल रहे हैं और उन्होंने स्पीकर ओम बिरला से हस्तक्षेप करने की मांग की है।वर्ष 2024-25 के लिए अनुदानों की अनुपूरक मांगों के प्रथम बैच पर प्रस्तुति, चर्चा और मतदान भी सूचीबद्ध किया गया है।सरकार द्वारा प्रस्तुतीकरण, विचार और पारित करने के लिए सूचीबद्ध अन्य विधेयक पंजाब न्यायालय (संशोधन) विधेयक है, जो दिल्ली जिला न्यायालयों के वित्तीय (किसी मामले के मौद्रिक मूल्य के रूप में परिभाषित) अपीलीय क्षेत्राधिकार को मौजूदा 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का प्रावधान करता है।

लोकसभा में आठ विधेयक लंबित

इसमें मर्चेंट शिपिंग बिल भी शामिल है, जिसका उद्देश्य समुद्री संधियों के तहत भारत के दायित्वों का अनुपालन सुनिश्चित करना है, जिसमें नई दिल्ली एक पक्ष है। इसके अलावा, तटीय शिपिंग बिल और भारतीय बंदरगाह बिल को भी पेश किए जाने और अंतिम रूप से पारित किए जाने के लिए सूचीबद्ध किया गया है। वक्फ (संशोधन) विधेयक और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक समेत आठ विधेयक लोकसभा में लंबित हैं। लोकसभा बुलेटिन के अनुसार, दो विधेयक राज्यसभा में लंबित हैं। राज्यसभा बुलेटिन में कहा गया है कि लोकसभा द्वारा पारित एक अतिरिक्त विधेयक, भारतीय वायुयान विधायक, उच्च सदन में लंबित है।देश में एक साथ चुनाव कराने के लिए प्रस्तावित विधेयकों का सेट अभी सूची का हिस्सा नहीं है, हालांकि कुछ रिपोर्टों से पता चलता है कि सरकार आगामी सत्र में प्रस्तावित कानून ला सकती है।

(एजेंसी इनपुट्स के साथ)

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