
'शांति प्रयास कमजोर न हों', पुतिन के आवास पर हमले की खबरों पर पीएम मोदी की चिंता
Russia-Ukraine war: रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन ने मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग के बीच स्थित पुतिन के आवास पर ड्रोन हमला किया।
Prime Minister Narendra Modi: रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच राष्ट्रपति पुतिन के आवास पर हमले की खबर ने अंतरराष्ट्रीय राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। ऐसे में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयम, संवाद और शांति की अपील करते हुए संदेश दिया है कि बंदूकों से नहीं, बातचीत से ही युद्ध का अंत संभव है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को यूक्रेन द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आवास को निशाना बनाए जाने की खबरों पर चिंता जताई और दोनों देशों से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने का अपील की। प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा कि रूस के राष्ट्रपति के आवास को निशाना बनाए जाने की खबरों से गहरी चिंता है। दुश्मनी खत्म करने और शांति स्थापित करने का सबसे प्रैक्टिकल रास्ता कूटनीतिक प्रयास ही हैं। हम सभी संबंधित पक्षों से आग्रह करते हैं कि वे इन कोशिश पर केंद्रित रहें और ऐसे किसी भी कदम से बचें जो इन्हें कमजोर कर सकता हो।
इससे पहले सोमवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने आरोप लगाया था कि यूक्रेन ने मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग के बीच स्थित पुतिन के आवास पर ड्रोन हमला किया। उनके अनुसार, नोवगोरोद क्षेत्र में स्थित पुतिन के आधिकारिक आवास पर 91 ड्रोन को मार गिराया गया, हालांकि इस घटना में किसी तरह के नुकसान या हताहत की सूचना नहीं है। कथित हमले के बाद लावरोव ने कहा कि यूक्रेन पर रूस के आक्रमण को समाप्त करने के लिए चल रही शांति वार्ताओं में रूस की वार्ता स्थिति की समीक्षा की जाएगी।
हालांकि, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने इस दावे को खारिज करते हुए इसे झूठ बताया। उन्होंने कहा कि रूस का यह दावा अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मिलकर युद्ध समाप्त करने के उनके साझा प्रयासों को कमजोर करता है।
ज़ेलेंस्की ने ‘एक्स’ पर लिखा कि रूस एक बार फिर खतरनाक बयानबाज़ी कर रहा है, ताकि राष्ट्रपति ट्रंप की टीम के साथ हमारे साझा कूटनीतिक प्रयासों की उपलब्धियों को कमजोर किया जा सके। हम शांति को करीब लाने के लिए साथ मिलकर काम कर रहे हैं। कथित ‘आवास पर हमले’ की कहानी पूरी तरह से मनगढ़ंत है, जिसका उद्देश्य यूक्रेन, विशेषकर कीव पर अतिरिक्त हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराना और युद्ध समाप्त करने के लिए आवश्यक कदम उठाने से रूस की अपनी अनिच्छा को छिपाना है। यह एक सामान्य रूसी झूठ है। इसके अलावा, रूस पहले भी कीव को निशाना बना चुका है, जिसमें मंत्रिमंडल भवन भी शामिल है।
उन्होंने आगे कहा कि यूक्रेन ऐसे कदम नहीं उठाता, जो कूटनीति को कमजोर करें। इसके विपरीत, रूस ऐसा करता है। यह हमारे बीच कई अंतर में से एक है। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि दुनिया इस समय चुप न रहे। हम रूस को स्थायी शांति की दिशा में किए जा रहे कार्यों को कमजोर करने की अनुमति नहीं दे सकते।
हमले से ट्रंप नाराज
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, जिन्होंने ज़ेलेंस्की से अमेरिका में मुलाकात करने से कुछ घंटे पहले पुतिन से बातचीत की थी, ने कहा कि उन्हें कथित हमले की जानकारी दी गई है, जिसे लेकर वह “बहुत नाराज़” हैं। ट्रंप ने कहा कि मुझे यह पसंद नहीं आया। यह अच्छा नहीं है। मुझे आज राष्ट्रपति पुतिन से इसके बारे में पता चला और मैं बहुत नाराज़ हुआ। यह एक नाज़ुक समय है। यह सही समय नहीं है। आक्रामक होना एक बात है, क्योंकि वे आक्रामक हैं, लेकिन उनके घर पर हमला करना अलग बात है। यह ऐसा करने का सही समय नहीं है। हालांकि, ट्रंप ने यह भी कहा कि ज़ेलेंस्की के साथ बातचीत के बाद शांति समझौता “बहुत करीब” है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति ने घोषणा की कि युद्धोत्तर समझौते में अमेरिका ने अंततः सुरक्षा गारंटी देने का वादा किया है, हालांकि यह 15 वर्षों के लिए होगी, जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। इसके बावजूद, क्षेत्रीय मुद्दा और दक्षिणी यूक्रेन में मॉस्को के कब्जे वाले ज़ापोरिज़्ज़िया परमाणु ऊर्जा संयंत्र का भविष्य अब भी अनसुलझा है। पुतिन युद्धोत्तर समझौते के तहत यूक्रेन के पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र पर पूर्ण नियंत्रण की मांग कर रहे हैं और उन्होंने कहा है कि उनकी सेना बलपूर्वक इस क्षेत्र के साथ-साथ तीन अन्य यूक्रेनी क्षेत्रों पर भी कब्जा करने का लक्ष्य रखती है, जिन्हें मॉस्को अपना मानता है। दोनों युद्धरत पड़ोसियों के बीच हालिया तीखे बयानों और कथित हमले के जवाब में रूस द्वारा वार्ता में अपनी स्थिति की समीक्षा किए जाने के संकेत ने यूक्रेन में शांति की संभावनाओं को एक और झटका दिया है।

