पीएम मोदी नहीं लेंगे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा, ये रही वजह
x

पीएम मोदी नहीं लेंगे एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा, ये रही वजह

पीएम मोदी 8 से 10 जुलाई तक रूस और ऑस्ट्रिया की यात्रा पर होंगे. ऐसे में वह एससीओ शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे.


Shanghai Cooperation Organisation: विदेश कूटनीति के लिहाज से जुलाई का दूसरा हफ्ता बेहद खास रहने वाला है. क्योंकि 3 और 4 जुलाई को अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक होगी. वहीं, 8 से 10 जुलाई तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस और ऑस्ट्रिया की यात्रा पर होंगे. जिस वजह से वह एससीओ शिखर सम्मलेन में हिस्सा नहीं ले पाएंगे. उनकी जगह विदेश मंत्री एस जयशंकर वार्षिक शिखर सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पीएम मोदी 8 से 9 जुलाई तक रूस की यात्रा पर रहने वाले हैं, जो लगभग पांच वर्षों में रूस की उनकी पहली यात्रा होगी. रूस की यात्रा के बाद वह 9 जुलाई को ऑस्ट्रिया जा सकते हैं. ऐसे में दो-देशीय यात्रा के मद्देनजर पीएम मोदी एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले पाएंगे.

3 और 4 जुलाई को होने वाले एससीओ शिखर सम्मेलन में क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और संपर्क और व्यापार को बढ़ावा देने पर चर्चा की जाएगी. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि एससीओ शिखर सम्मेलन में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे. शिखर सम्मेलन में अफगानिस्तान की स्थिति, यूक्रेन संघर्ष और एससीओ सदस्य देशों के बीच समग्र सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने पर चर्चा होने की उम्मीद है.

बता दें कि भारत, चीन, रूस, पाकिस्तान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान से मिलकर बना एससीओ एक प्रभावशाली आर्थिक और सुरक्षा ब्लॉक है, जो सबसे बड़े अंतर-क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है. आमतौर पर भारतीय प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन में भाग लेते हैं. इस बार कजाकिस्तान समूह के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है. वहीं, भारत पिछले साल एससीओ का अध्यक्ष था.

भारत का एससीओ के साथ जुड़ाव साल 2005 में एक पर्यवेक्षक देश के रूप में शुरू हुआ था. वहीं, साल 2017 में अस्ताना शिखर सम्मेलन में यह एससीओ का पूर्ण सदस्य देश बन गया. भारत ने एससीओ और इसके क्षेत्रीय आतंकवाद विरोधी ढांचे (आरएटीएस) के साथ अपने सुरक्षा-संबंधी सहयोग को गहरा करने में गहरी रुचि दिखाई है, जो विशेष रूप से सुरक्षा और रक्षा से संबंधित मुद्दों से निपटता है. एससीओ की स्थापना साल 2001 में शंघाई में रूस, चीन, किर्गिज़ गणराज्य, कज़ाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज़बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा एक शिखर सम्मेलन में की गई थी. साल 2017 में भारत के साथ पाकिस्तान भी इसका स्थायी सदस्य बन गया था.

Read More
Next Story