प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन में दलित उत्थान, महिला सुरक्षा से लेकर यूसीसी पर 15 प्रमुख बातें
देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में देश के शोषित वांछित दलित आदिवासी समाज से लेकर महिला सुरक्षा, भरष्टाचार, मैन्युफैक्चरिंग हब, यूसीसी आदि सभी विषयों पर बात की
Independence Day 2024: देश आज 78वां स्वतंत्रता दिवस बढ़ी धूमधाम से मना रहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने आजादी के इस समारोह में लाल किले की प्राचीर पर लगातार 11वीं बार राष्ट्रधावज फहराते हुए राष्ट्र को संबोधित किया. इस वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह की थीम विकसित भारत 2047 रही. इसी थीम को ध्यान में रखते हुए पीएम मोदी ने लोगों से 2047 तक भारत को विकसित बनाने के लिए सहयोग की मांग करते हुए कहा कि इस विषय में देश के कई लोगों की तरफ से अलग अलग सुझाव दिए गए हैं.
बांग्लादेश के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो- पीएम मोदी
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बांग्लादेश में हुई हिंसा का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो कुछ भी हुआ है, उसको लेकर पड़ोसी देश के नाते चिंता होना आम बात है. मैं आशा करता हूं कि वहां पर हालात जल्द ही सामान्य होंगे. देशवासी चाहते हैं कि वहां के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित हो. भारत हमेशा चाहता है कि हमारे पड़ोसी देश सुख-शांति के मार्ग पर चलें. शांति के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है. आने वाले दिनों में बांग्लादेश की विकास यात्रा में हमारे शुभचिंतन ही रहेगा, क्योंकि हम मानव जाति की भलाई के बारे में सोचने वाले लोग हैं.
मूलभूत सुविधाओं से अब नहीं जूझेंगे दलित-पिछड़े, आदिवासी: पीएम
जब देश के सामने लाल किले से कहा जाए कि आज 3 करोड़ परिवार ऐसे हैं जिन्हें नल से जल मिलता है. ये कहा जाए कि जल जीवन मिशन के तहत घर-घर नल से जल पहुंचे तो इतने कम समय में 12 करोड़ और परिवारों तक नल से जल पहुंच रहा है. आज 15 करोड़ परिवारों तक नल से जल पहुंचा है. ये लोग कौन हैं, कौन पीछे रह गए थे, मेरे दलित, मेरे पीड़ित, शोषित, आदिवासी, गरीब, झुग्गी-झोपड़ी में जिंदगी गुजारने वाले लोग ही तो इन चीजों के अभाव में जी रहे थे. मैंने इन प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति का प्रयास किया, इसका परिणाम हमारे इन सारे समाज के लोगों को मिला है.
परिवारवाद और जातिवाद से लोकतंत्र को नुकसान पहुंच रहा- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि परिवारवाद और जातिवाद से लोकतंत्र को नुकसान पहुंच रहा है. इससे हमें देश को मुक्ति दिलानी है. हमारा एक मिशन ये भी है कि एक लाख ऐसे लोगों को आगे लाया जाए, जिनके परिवार में किसी का भी राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं हो. इससे देश को परिवारवाद और जातिवाद से मुक्ति मिलेगी. इससे नयी सोच सामने आएगी. वे किसी भी दल में जा सकते हैं.
वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए आगे आएं सभी राजनीतिक दल- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आज हर काम को चुनाव से रंग दिया गया है. सभी राजनीति दलों ने अपने विचार रखे हैं. एक कमेटी ने अपनी रिपोर्ट तैयारी है. देश को वन नेशन, वन इलेक्शन के लिए आगे आना होगा. मैं राजनीतिक दलों से आग्रह करता हूं कि भारत की प्रगति के लिए वन नेशन, वन इलेक्शन के सपने को साकार करने के लिए आगे आना चाहिए.
कम्युनल नहीं, सेक्युलर सिविल कोड की जरूरत- पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कई बार यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चर्चा की है. देश का एक बड़ा वर्ग मानता है कि सिविल कोड सांप्रदायिक है. इस बात में सच्चाई भी है. ये भेदभाव करने वाला सिविल कोड है. संविधान के 75 वर्ष जब मनाए जाएंगे तो संविधान निर्माताओं का जो सपना था, उसे पूरा करना हमारा दायित्व है. मैं चाहता हूं कि हर वर्ग इस पर चर्चा करे. धर्म के आधार पर बांटने वाले कानूनों का समाज में कोई स्थान नहीं हो सकता है. अब समय की मांग है कि देश में एक सेक्युलर सिविल कोड हो. कम्युनल सिविल कोड में 75 साल बिताए हैं, अब हमें सेक्युलर सिविल कोड की ओर जाना होगा. तब जाकर हमें धर्म के आधार पर होने वाले भेदभाव से मुक्ति मिलेगी.
भारत की प्रगति देखना नहीं चाहते हैं कुछ लोग: पीएम मोदी
कुछ लोग होते हैं जो प्रगति देख नहीं सकते। कुछ लोग होते हैं जो भारत का भला देख नहीं सकते। जब तक खुद का भला नहीं हो, तब तक भारत का भला वो देख नहीं सकते। देश को ऐसे विकृत मानसिकता के लोगों से बचना होगा। उनकी गोद में विकृति पल रही है। ये विकृति विनाश के, सर्वनाश के सपने देख रही है। देश को इसे समझना होगा। मैं देशवासियों से कहना चाहता हूं। हम अपनी नेकनीयती से, हमारी ईमानदारी से उन पर विजय पाएंगे। ध्यान रहे कि अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को दूसरी रिपोर्ट जारी की जिसमें सेबी चीफ को निशाना बनाया गया है।
देश में लंबे समय तक रहा माई-बाप कल्चर
पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि देश को माई-बाप की संस्कृति के लंबे कालखंड से गुजरना पड़ा है. कभी लोग सरकार के आगे हाथ जोड़ते थे, मूलभूत सुविधाओं की मांग करते रहते थे, आज सरकार खुद लोगों के पास जाती है. ऐसे सुधार चलते रहेंगे. 10 साल के भीतर-भीतर देश के नौजवानों के सपने को पंख लगे हैं.
मध्यवर्गीय परिवारों की आकांक्षा समझते हैं और पूरा भी करेंगे: पीएम
मध्य वर्गीय परिवार को क्वॉलिटी ऑफ लाइफ की अपेक्षा रहती है. मैंने सपना देखा है कि 2047 के विकिसित भारत का संकल्प पूरा होगा तो उसकी एक इकाई यह होगी कि आम जनजीवन में सरकार का दखल नहीं हो. सरकार की जरूरत हो तो उसका अभाव नहीं खटके लेकिन बेवजह सरकार अड़ंगे नहीं डाले, ऐसी व्यवस्था बनाने का संकल्प है.