PM Modi with Mohan Bhagwat
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पीएम मोदी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ ( फाइल फोटो)

प्रधानमंत्री मोदी 1 अक्टूबर को आरएसएस शताब्दी समारोह में होंगे शामिल

प्रधानमंत्री मोदी भी अपने शुरुआती दिनों में आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक रहे हैं और राजनीति में आने से पहले उन्होंने लंबे समय तक संघ के संगठनात्मक कार्यों में योगदान दिया था.


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1 अक्टूबर 2025 को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के 100 साल पूरे होने पर नई दिल्ली में होने वाले समारोह में मुख्य अतिथि होंगे. इस मौके पर वे आरएसएस के योगदान पर आधारित एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का जारी करेंगे और लोगों को संबोधित करेंगे.

डॉ. आंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र, में सुबह 10:30 बजे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के शताब्दी समारोह आयोजित किया जा रहा है. आरएसएस की स्थापना 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी. इसका उद्देश्य लोगों में देशभक्ति, अनुशासन, सेवा और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना पैदा करना था.

प्रधानमंत्री मोदी भी अपने शुरुआती दिनों में आरएसएस के पूर्णकालिक प्रचारक रहे हैं और राजनीति में आने से पहले उन्होंने लंबे समय तक संघ के संगठनात्मक कार्यों में योगदान दिया था. हाल ही में वे नागपुर भी गए थे और प्रधानमंत्री बनने के बाद 11 सालों में बतौर पीएम पहली नागपुर स्थित संघ मुख्यालय गए थे.

पिछले 100 सालों में आरएसएस ने शिक्षा, स्वास्थ्य, समाजसेवा और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में काम किया है. बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी आपदाओं के समय इसके स्वयंसेवक राहत और मदद में आगे रहे हैं. संघ से जुड़े संगठन युवाओं, महिलाओं और किसानों को सशक्त बनाने और समाज में भागीदारी बढ़ाने का काम भी करते रहे हैं. अपने शताब्दी समारोह के तहत आरएसएस अब तक की उपलब्धियों और भारत की एकता व संस्कृति में उसके योगदान को लेकर कई कार्यक्रम करता रहा है.

हालांकि आरएसएस लगातार विपक्ष के निशाने पर है. विपक्ष आरएसएस पर संविधान बदलने से लेकर आरक्षण को खत्म करने का आरोप लगाता रहा है.

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