
‘दुश्मन के हौसले तोड़ देता है विक्रांत का नाम’, सैनिकों संग PM ने मनाई दिवाली
प्रधानमंत्री मोदी ने आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के साथ दिवाली मनाई, जवानों के समर्पण की सराहना की और समुद्र व सूर्योदय का अनुभव साझा किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को स्वदेशी विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर नौसेना कर्मियों के साथ दिवाली मनाकर यह अनुभव साझा किया कि वह खुद को सौभाग्यशाली महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस साल उन्हें नौसेना के बहादुर जवानों के बीच यह पवित्र त्योहार मनाने का अवसर मिला।
पीएम मोदी ने कहा, “कुछ महीने पहले ही हमने देखा कि कैसे विक्रांत नाम से ही पूरे पाकिस्तान में दहशत की लहर दौड़ गई थी। ऐसी है इसकी ताकत—एक ऐसा नाम जो युद्ध शुरू होने से पहले ही दुश्मन के हौसले तोड़ देता है। यही INS विक्रांत की असली शक्ति है। प्रधानमंत्री ने भारतीय नौसेना के वीर जवानों को सलाम करते हुए कहा कि उन्हें देशभक्ति के गीत गाते और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की झलकियों के साथ जोश से भरा देखना एक सैनिक के जज़्बे की याद दिलाता है। उन्होंने कहा, “युद्ध के मैदान में एक सैनिक जो महसूस करता है, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।”
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने INS विक्रांत को ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक बताया। उन्होंने याद दिलाया कि जिस दिन देश को स्वदेशी विमानवाहक पोत विक्रांत मिला, उसी दिन भारतीय नौसेना ने ग़ुलामी के प्रतीक चिन्ह को त्याग कर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रेरणा से नया ध्वज अपनाया था।
मोदी ने कहा कि महासागर को चीरता हुआ स्वदेशी विक्रांत न केवल भारत की समुद्री शक्ति का प्रमाण है, बल्कि यह देश की तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भरता का भी सशक्त प्रतीक है।
उन्होंने यह भी जोड़ा कि INS विक्रांत भारतीय इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और नौसेना कर्मियों के सामूहिक प्रयासों का परिणाम है, जो दिखाता है कि भारत अब समुद्री रक्षा के क्षेत्र में किसी पर निर्भर नहीं है।
समापन में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पोत केवल एक युद्धपोत नहीं, बल्कि नए भारत के आत्मविश्वास और स्वाभिमान का प्रतीक है — वह भारत जो न सिर्फ रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है, बल्कि अपनी क्षमता से पूरी दुनिया में सम्मान अर्जित कर रहा है।
प्रधानमंत्री ने विमानवाहक पोत पर बिताई रात के अनुभव का जिक्र करते हुए कहा, “मैं कल से आपके बीच हूं और हर पल मैंने उस समय को जीने के लिए कुछ न कुछ सीखा है। आपका समर्पण इतना ऊंचा है कि मैं उसे पूरी तरह जी नहीं पाया, लेकिन मैंने उसे अनुभव ज़रूर किया। मैं कल्पना कर सकता हूं कि इस दौर से गुज़रना कितना कठिन रहा होगा।”
पीएम मोदी ने कहा कि रात में गहरे समुद्र और सुबह के सूर्योदय को देखना उनकी दिवाली को और भी खास बनाता है। उन्होंने कहा, “आज, एक तरफ मेरे पास अनंत क्षितिज और अनंत आकाश है, और दूसरी तरफ अनंत शक्तियों का प्रतीक यह विशालकाय आईएनएस विक्रांत है। समुद्र के पानी पर सूर्य की किरणों की चमक, बहादुर सैनिकों द्वारा जलाए गए दिवाली के दीयों जैसी है।”
प्रधानमंत्री का यह संदेश नौसेना कर्मियों के प्रति सम्मान और उनके समर्पण की सराहना का प्रतीक माना जा रहा है। आईएनएस विक्रांत पर मनाई गई यह दिवाली न केवल जवानों के लिए बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए गर्व और उत्साह का अवसर रही।