MGNREGA नाम बदलने पर बीजेपी की सफाई: नाम नहीं, केवल बदली जा रही भावना
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MGNREGA नाम बदलने पर बीजेपी की सफाई: नाम नहीं, केवल बदली जा रही भावना

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक विधेयक को मंजूरी दी, जिसके तहत MGNREGA का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ करने का प्रस्ताव रखा गया है।


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महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) का नाम बदले जाने के सरकार के फैसले को लेकर विपक्ष के तीखे हमलों के बीच सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शनिवार (13 दिसंबर) को कहा कि सरकार का मकसद योजना का नाम बदलना नहीं, बल्कि उसकी 'भावना (स्पिरिट)' को बदलना है। बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में आजीविका सुरक्षा के लिए दो दशक पहले शुरू की गई इस योजना को लेकर विपक्ष इस फैसले को इसलिए नहीं समझ पा रहा है, क्योंकि वह अधिकार की भावना से काम करता रहा है।

महात्मा गांधी किसी पार्टी की जागीर नहीं

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि जिस नाम को कांग्रेस अपनी निजी संपत्ति समझती है, वह पूरे देश का है। उन्होंने यह बात महात्मा गांधी के नाम के संदर्भ में कही।

MGNREGA का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’

शुक्रवार (12 दिसंबर) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक विधेयक को मंजूरी दी, जिसके तहत MGNREGA का नाम बदलकर ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’ करने का प्रस्ताव रखा गया है।

कांग्रेस का सरकार पर हमला

इस फैसले पर कांग्रेस ने सरकार को घेरा है। कांग्रेस नेता और सांसद जयराम रमेश ने कहा कि मोदी सरकार योजनाओं का नाम बदलने में माहिर है और सवाल किया कि योजना के नाम में ‘महात्मा गांधी’ होने में आखिर दिक्कत क्या है। कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी, जिन्होंने कभी MGNREGA को “विफलता का स्मारक” बताया था, अब उसी “क्रांतिकारी योजना” का नाम बदलकर श्रेय लेना चाहते हैं।

बीजेपी का पलटवार

कांग्रेस के आरोपों पर जवाब देते हुए सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि प्रधानमंत्री योजना का नाम नहीं, उसकी भावना बदल रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना पूरा जीवन देश और जनता की सेवा को समर्पित कर दिया है और वे उसी भावना से काम करते हैं। त्रिवेदी ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस की सोच हमेशा ‘आगे-पीछे हमारी सरकार, हम हैं यहां के राजकुमार’ जैसी रही है। इसलिए वह प्रधानमंत्री की कार्यशैली और भावना को समझ नहीं पाती।

सरकार द्वारा योजना का श्रेय लेने के आरोपों पर त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसके लिए श्रेय लिया जा सके। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि किंग्सवे का नाम राजपथ रखने से सत्ता का भाव आया। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे कर्तव्य पथ बनाया, जिससे कर्तव्य की भावना आई। 7 रेस कोर्स रोड नाम से शाही सोच झलकती थी। इसे लोक कल्याण मार्ग नाम देने से जनसेवा की भावना आई। उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) का नाम बदलकर ‘सेवा तीर्थ’ करने से सेवा की भावना मजबूत हुई।

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