
राज्यसभा में नये विचार नये प्रतिनिधि, राष्ट्रपति मुर्मू ने नामित किए चार नाम
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए उज्ज्वल निकम, हर्षवर्धन श्रृंगला, मीनाक्षी जैन और सदानंदन मास्टर को संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत मनोनीत किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार प्रतिष्ठित हस्तियों को मनोनीत किया है। इन नामांकनों में कानून, विदेश नीति, इतिहास और सामाजिक सेवा जैसे विविध क्षेत्रों में योगदान देने वाले लोग शामिल हैं।
कौन-कौन हैं नए मनोनीत सदस्य?
उज्ज्वल निकम
देश के चर्चित आपराधिक मामलों में विशेष सरकारी वकील रह चुके हैं। 26/11 मुंबई आतंकी हमले, प्रज्ञा ठाकुर मालेगांव बम विस्फोट, कसाब मुकदमा जैसे मामलों में प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं।
हर्षवर्धन श्रृंगला
भारत के पूर्व विदेश सचिव और अमेरिका, थाईलैंड व बांग्लादेश में राजदूत रह चुके हैं। विदेश नीति और कूटनीति में गहरा अनुभव रखते हैं।
डॉ. मीनाक्षी जैन
प्रसिद्ध इतिहासकार और लेखक हैं। प्राचीन भारत, संस्कृति और सामाजिक इतिहास पर गहन शोध कार्य किया है।
सी. सदानंदन मास्टर
केरल के सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षक हैं। शिक्षा के क्षेत्र में काम करने के साथ-साथ वे राजनीतिक हिंसा के शिकार भी रह चुके हैं।
किस आधार पर हुआ नामांकन?
इन सभी नामों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत राज्यसभा के लिए मनोनीत किया गया है। इसके तहत राष्ट्रपति उन लोगों को नामित कर सकते हैं जिन्होंने साहित्य,विज्ञान,कला, सामाजिक सेवा में विशेष योगदान दिया हो। राज्यसभा में कुल 250 सदस्य हो सकते हैं, जिनमें से 12 को राष्ट्रपति मनोनीत करते हैं।
नामांकन का उद्देश्य
इस प्रावधान का मुख्य उद्देश्य यह है कि वे लोग जो आम चुनावों के ज़रिए संसद नहीं पहुंच पाते। लेकिन अपने क्षेत्र में विशिष्ट पहचान रखते हैं उन्हें संसद में प्रतिनिधित्व मिले। पूर्व में जिन महान हस्तियों को राज्यसभा के लिए नामित किया गया था उनमें शामिल हैं।लता मंगेशकर,एम.एस. सुब्बुलक्ष्मी,जाकिर हुसैन,सचिन तेंदुलकर,रेखा,रवींद्र जैन।